क्या महंगा होने वाला है पेट्रोल-डीजल? 115 दिन से नहीं बढ़े दाम, जानिए कंपनियों को हो रहा कितना नुकसान
अभी इंडियन ऑयल को हर लीटर पेट्रोल पर 10 रुपये और हर लीटर डीजल पर 14 रुपये का नुकसान हो रहा है. कीमतें पिछले करीब 115 दिन से नहीं बदली हैं.
नए महीने की शुरुआत आम आदमी के लिए कुछ बदलाव लाई है. कमर्शियल गैस सिलेंडर महंगा (Commercial Gas Cylinder Price Rise) हुआ है और जिन्होंने अब तक आईटीआर (ITR Filing Last Date) नहीं भरा है उन्हें अब पेनाल्टी चुकानी होगी. ऐसे में बहुत सारे लोग डीजल-पेट्रोल के दाम (Petrol Diesel Price) को लेकर चिंता में हैं. वैसे तो पिछले करीब 115 दिनों से पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बदले हैं, लेकिन आने वाले दिनों में कीमतें बढ़ सकती हैं. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि कंपनियों को हर लीटर पेट्रोल-डीजल पर 10-14 रुपये (IOC Loss on Petrol Diesel) का नुकसान उठाना पड़ रहा है. वहीं कच्चे तेल के दाम 100 डॉलर प्रति बैरल (Crude Oil Price) तक आकर फिर से ऊपर जा रहे हैं. ऐसे में मुमकिन है कि आने वाले दिनों में दाम में बढ़ेतरी देखने को मिले.
हर लीटर पेट्रोल-डीजल पर 14 रुपये तक का नुकसान
को अप्रैल-जून के बीच हर लीटर पेट्रोल पर 10 रुपये का नुकसान हुआ है, जबकि हर लीटर डीजल पर 14 रुपये का नुकसान झेलना पड़ा है. अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी को 1992.53 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है. इससे पिछले साल की इसी तिमाही में कंपनी को 5,941.37 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था. वहीं इस कैलेंडर वर्ष की जनवरी-मार्च तिमाही में कंपनी को 6,021.90 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था.
क्यों हुआ ये नुकसान?
अप्रैल-जून तिमाही में कच्चे तेल की कीमत औसतन 109 डॉलर प्रति बैरल रही है. वहीं रिटेल पंप के रेट्स करीब 85-86 डॉलर प्रति बैरल के हिसाब से तय किए गए हैं और वही चले आ रहे हैं. कच्चा तेल महंगा होने के चलते इंडियन ऑयल का मार्जिन बहुत बुरी तरह से प्रभावित हुआ है और कंपनी को नुकसान झेलना पड़ा है. आमतौर पर तेल कंपनियां कच्चे तेल की आयातित कीमत के हिसाब से पेट्रोल-डीजल के दाम तय करती हैं. पिछले करीब 115 दिनों से दाम नहीं बदले हैं, जिससे कंपनियों को नुकसान हुआ है.
यानी महंगा हो सकता है पेट्रोल-डीजल
अगर मौजूदा स्थिति की बात करें तो इंडियन ऑयल को मुनाफा सिर्फ दो ही सूरतों में हो सकता है. इसके लिए या तो कच्चा तेल 85 डॉलर प्रति बैरल के करीब आ जाए, या फिर पेट्रोल 10 रुपये और डीजल 14 रुपये महंगा कर दिया जाए. ऐसा होगा तभी कंपनी का मार्जिन बढ़ेगा और वह मुनाफे में आएगी. अब कच्चे तेल के दाम तो सरकार के हाथ में हैं नहीं, तो सिर्फ एक ही रास्ता बचता है कंपनी को नुकसान से बचाने का. वहीं पिछले करीब 115 दिनों से दाम नहीं बढ़ने के चलते भी उम्मीद की जा रही है कि अब पेट्रोल-डीजल महंगा हो सकता है. मुमकिन है कि कीमतें एक बार में नहीं, बल्कि कई दिनों तक थोड़ी-थोड़ी कर के बढ़ें.
... तो बढ़ जाएगी महंगाई की मार
पेट्रोल महंगा होने का मतलब है कि आपकी जेब पर सीधा असर पड़ेगा. वहीं अगर डीजल महंगा होता है तो इससे ट्रांसपोर्टेशन महंगा हो जाएगा, जिससे फल-सब्जियों समेत तमाम चीजों की माल ढुलाई महंगी हो जाएगी. इसका नतीजा ये होगा कि आपको सब्जियां और फल भी महंगे मिलेंगे. यानी अगर सरकार ने इंडियन ऑयल को नुकसान से बचाने की सोची तो आम जनता पर महंगाई की मार पड़ना तय है.