Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

पीयूष गोयल ने सॉवरेन वेल्थ फंड्स को ‘गिफ्ट सिटी, गुजरात’ आने का न्यौता दिया

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने नई दिल्ली में आयोजित ‘जी20 शिखर सम्मेलन 2023’ के विशेष महत्व पर प्रकाश डाला और इसके साथ ही भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत ‘स्टार्टअप20’ का आयोजन किए जाने की सराहना की.

पीयूष गोयल ने सॉवरेन वेल्थ फंड्स को ‘गिफ्ट सिटी, गुजरात’ आने का न्यौता दिया

Tuesday September 12, 2023 , 4 min Read

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, खाद्य व सार्वजनिक वितरण और वस्‍त्र मंत्री पीयूष गोयल ने सऊदी अरब के निवेश मंत्री खालिद ए. अल-फलीह के साथ बातचीत करते हुए कहा कि भारत ‘अमृत काल, वर्ष 2047’ में अभूतपूर्व विकास सुनिश्चित करने की आकांक्षा रखता है. गोयल ने नई दिल्ली में आयोजित ‘जी20 शिखर सम्मेलन 2023’ के विशेष महत्व पर प्रकाश डाला और इसके साथ ही भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत ‘स्टार्टअप20’ का आयोजन किए जाने की सराहना की.

उन्होंने कहा कि ये दोनों ही देश आज दुनिया की दो ‘सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाएं’ हैं. उन्होंने यह भी कहा कि ‘कारोबार करने में सुगमता’ से संबंधित विश्व बैंक की रैंकिंग में सऊदी अरब को 62वें नंबर पर और भारत को 63वें पायदान पर रखा गया. हालांकि, यह रैंकिंग वर्ष 2020 से बंद कर दी गई है.

पीयूष गोयल ने इस बारे में भी चर्चा की कि दोनों देशों के बीच व्यापार को किस तरह से दोगुना किया जा सकता है जो कि वर्तमान में लगभग 52 अरब डॉलर है और फि‍र इसे बढ़ाकर 200 अरब डॉलर के स्‍तर पर पहुंचाया जाया जा सकता है. इस संबंध में केंद्रीय मंत्री ने सऊदी अरब के निवेशकों को गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस-टेक (गिफ्ट) सिटी आने और फि‍र उसके बाद निवेश लाने का निमंत्रण दिया.

उन्होंने कहा कि निवेशक इस बात की काफी सराहना करेंगे कि भारत की नियामकीय व्यवस्था को सरल बना दिया गया है. इसके अलावा, सभी नियमनों के लिए केवल एक ही नियामक है. इसके अलावा, भारत ने करों में छूट दी है और गिफ्ट सिटी के अंदर एवं बाहर धनराशि का स्थानांतरण करने को निर्बाध बना दिया है.

केंद्रीय मंत्री ने सुझाव दिया कि भारत सरकार और इन्वेस्ट इंडिया के साथ मिलकर भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल महासंघ (फिक्की) सऊदी अरब के रियाद में एक ‘निवेश और व्यापार संवर्धन कार्यालय’ खोल सकता है. उन्होंने इस बात पर विशेष जोर दिया कि भारत सरकार के अधिकारी फिक्की के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर स्टार्टअप्‍स को प्रोत्साहित करेंगे.

पीयूष गोयल ने संतुलित व्यापार पर विशेष बल देते हुए उन अवसरों के बारे में भी चर्चा की जिनके तहत भारत सऊदी अरब को खाद्य सुरक्षा प्रदान कर सकता है, जबकि भारत को ऊर्जा, तेल और उर्वरक मुहैया कराए जा सकते हैं.

केंद्रीय मंत्री ने ‘नियोम सिटी’ के बारे में भी चर्चा की और कहा कि सऊदी अरब सरकार इसे 0.5 ट्रिलियन डॉलर की लागत से स्थापित कर रही है. उन्होंने कहा कि पूरे शहर में 100% स्वच्छ ऊर्जा की अवधारणा इस तरह से बनाई गई है कि यह उपयोगकर्ताओं के अनुकूल होगी जिसके तहत विशाल भूभाग समुद्र तट का उपयोग किया जाएगा.

पीयूष गोयल ने कहा, ‘मुझे लगता है कि यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें भारत व्‍यापक योगदान दे सकता है.’ उन्‍होंने इस पर प्रकाश डाला कि भारत चारों ओर संबंधित व्यवसाय की डिजाइनिंग, निर्माण, संचालन और विकास करने जैसे क्षेत्रों में काफी मददगार साबित हो सकता है. उन्‍होंने एक नए अध्ययन का हवाला दिया जिसमें निवेशकों को निवेश कंपनियों से मिले रिटर्न के बारे में बताया गया है. उन्होंने कहा कि स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध शीर्ष पांच कंपनियों के अध्ययन से पता चला है कि भारतीय कंपनियों ने 20 वर्षों तक निवेश पर 20% सीएजीआर रिटर्न दिया है. उन्होंने कहा कि भारतीय कंपनियों का अनुसरण अमेरिका और चीन की कंपनियां करती हैं.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अत: अब सऊदी अरब से आने वाले निवेश में तेजी लाने का समय आ गया है. उन्होंने कहा कि पिछले साल सऊदी अरब से महज लगभग 4 अरब डॉलर का एफडीआई आया था जो कि कोविड अवधि के दौरान 2.8 अरब डॉलर था.

उन्होंने कहा कि भारत के प्रसंस्करण उद्योग में सऊदी अरब का निवेश कृषि और खाद्य सुरक्षा को तेज गति प्रदान कर सकता है. गोयल ने कहा कि इसी तरह फार्मा क्षेत्र में भी अपार संभावनाएं हैं. उन्होंने कहा कि सऊदी अरब और भारत के नियामक अधिकारियों के बीच बेहतर सामंजस्‍य से फार्मा उद्योगों को काफी मदद मिल सकती है. उन्होंने कहा कि सऊदी अरब में रहने वालों को भारतीय दवाओं तक आसान पहुंच मिलनी चाहिए, जिससे भारतीय फार्मा कंपनियों को सऊदी अरब में निवेश करने के लिए व्‍यापक प्रोत्साहन मिलेगा.

यह भी पढ़ें
सरकार की विश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों को मिलेंगे 15,000 रुपये