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'मन की बात' में पीएम मोदी ने दिया कैशलेस और डिजिटल पेमेंट्स पर जोर

मासिक रेडियो कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कैशलेस, डिजिटल पेमेंट्स को लेकर बोलते हुए कहा, "मैं आपसे आग्रह करूँगा कि Cashless Day Out का प्रयोग करके देखें, जरुर करें।"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 88वीं कड़ी की शुरूआत प्रधानमंत्री संग्रहालय का लोकार्पण करने को लेकर की।

उन्होंने कहा, "देश के प्रधानमंत्रियों के योगदान को याद करने के लिए आज़ादी के अमृत महोत्सव से अच्छा समय और क्या हो सकता है। देश के लिए यह गौरव की बात है कि आज़ादी का अमृत महोत्सव एक जन-आंदोलन का रूप ले रहा है| इतिहास को लेकर लोगों की दिलचस्पी काफी बढ़ रही है और ऐसे में पी.एम. म्यूजियम युवाओं के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन रहा है जो देश की अनमोल विरासत से उन्हें जोड़ रहा है।"

अपने संबोधन में आगे उन्होंने कैशलेस, डिजिटल पेमेंट्स को लेकर बोलते हुए कहा, "मैं आपसे आग्रह करूँगा कि Cashless Day Out का प्रयोग करके देखें, जरुर करें।"  

मन की बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 88वीं कड़ी में राष्ट्र को संबोधित किया।

उन्होंने बताया, "पिछले कुछ सालों में BHIM UPI तेजी से हमारी अर्थव्यवस्था और आदतों का हिस्सा बन गया है। अब तो छोटे-छोटे शहरों में और ज्यादातर गांवों में भी लोग UPI से ही लेन-देन कर रहे हैं। डिजिटल इकोनॉमी से देश में एक कल्चर भी पैदा हो रहा है। गली-नुक्कड़ की छोटी-छोटी दुकानों में डिजिटल पेमेंट्स होने से उन्हें ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों को सर्विस देना आसान हो गया है। उन्हें अब खुले पैसों की भी दिक्कत नहीं होती। आप भी UPI की सुविधा को रोज़मर्रा के जीवन में महसूस करते होंगे। कहीं भी गए, कैश ले जाने का, बैंक जाने का, ATM खोजने का, झंझट ही ख़त्म। मोबाइल से ही सारे पेमेंट हो जाते हैं, लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि आपके इन छोटे-छोटे ऑनलाइन पेमेंट्स से देश में कितनी बड़ी डिजिटल इकोनॉमी तैयार हुई है।"

पीएम मोदी ने बताया, "इस समय हमारे देश में करीब 20 हज़ार करोड़ रुपए के ट्रांजेक्शन हर दिन हो रहे हैं। पिछले मार्च के महीने में तो UPI ट्रांजेक्शन करीब 10 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया। इससे देश में सुविधा भी बढ़ रही है और ईमानदारी का माहौल भी बन रहा है। अब तो देश में फिनटेक से जुड़े कई नये स्टार्टअप भी आगे बढ़ रहे हैं। मैं चाहूँगा कि अगर आपके पास भी डिजिटल पेमेंट और स्टार्टअप इकोसिस्टम की इस ताकत से जुड़े अनुभव हैं तो उन्हें साझा करिए। आपके अनुभव दूसरे कई और देशवासियों के लिए प्रेरणा बन सकते हैं।"  

अपने संबोधन में टेक्नोलॉजी को लेकर बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "टेक्नोलॉजी की ताकत कैसे सामान्य लोगों का जीवन बदल रही है, ये हमें हमारे आस-पास लगातार नजर आ रहा है। टेक्नोलॉजी ने एक और बड़ा काम किया है। ये काम है दिव्यांग साथियों की असाधारण क्षमताओं का लाभ देश और दुनिया को दिलाना। हमारे दिव्यांग भाई-बहन क्या कर सकते हैं, ये हमने Tokyo Paralympics में देखा है। खेलों की तरह ही, आर्ट्स, एकेडमिक्स और दूसरे कई क्षेत्रों में दिव्यांग साथी कमाल कर रहे हैं, लेकिन, जब इन साथियों को टेक्नोलॉजी की ताकत मिल जाती है, तो ये और भी बड़े मुकाम हासिल करके दिखाते हैं। इसीलिए, देश आजकल लगातार संसाधनों और इन्फ्रास्ट्रक्चर को दिव्यांगों के लिए सुलभ बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। देश में ऐसे कई स्टार्टअप और संगठन भी हैं जो इस दिशा में प्रेरणादायी काम कर रहे हैं।"

'मन की बात' कार्यक्रम की इस कड़ी में भी प्रधानमंत्री मोदी ने जल संरक्षण, स्वच्छता जैसे विषयों पर बात की। उन्होंने छात्रों से ‘परीक्षा पर चर्चा’ का भी जिक्र किया।

अपने संबोधन के अंत में उन्होंने कोरोना महामारी से सतर्क रहने की सलाह देते हुए कहा, "मास्क लगाना, नियमित अंतराल पर हाथ धुलते रहना, बचाव के लिए जो भी जरुरी उपाय हैं, आप उनका पालन करते रहें।"


Edited by Ranjana Tripathi