पीएम मोदी ने देश में FM कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए 91 नए FM ट्रांसमीटरों का उद्घाटन किया
प्रधानमंत्री मोदी ने रेडियो के साथ उनकी पीढ़ी के भावनात्मक लगाव को रेखांकित किया. मन की बात के आगामी 100वें एपिसोड का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "मेरे लिए, एक अतिरिक्त खुशी की बात यह है कि एक होस्ट के रूप में रेडियो के साथ भी मेरा रिश्ता है."
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 91 नए 100वॉट एफएम ट्रांसमीटरों का उद्घाटन किया. इस उद्घाटन से देश में रेडियो कनेक्टिविटी को और बढ़ावा मिलेगा.
सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में कई पद्म पुरस्कार विजेताओं की उपस्थिति का उल्लेख किया और उनका स्वागत किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि आज पूरे भारत का एफएम बनने की दिशा में आकाशवाणी द्वारा एफएम सेवाओं के विस्तार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है. उन्होंने रेखांकित किया कि आकाशवाणी द्वारा 91 एफएम ट्रांसमीटरों की शुरुआत देश के 85 जिलों और 2 करोड़ लोगों के लिए एक उपहार की तरह है. प्रधानमंत्री ने कहा, एक तरह से, यह उपहार भारत की विविधता और विभिन्न रंगों की झलक प्रदान करता है. उन्होंने बताया कि नए 91 एफएम ट्रांसमीटरों के तहत कवर किए गए जिले, आकांक्षी जिले और ब्लॉक हैं. उन्होंने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए आकाशवाणी को बधाई दी. उन्होंने पूर्वोत्तर के नागरिकों को भी बधाई दी, जिन्हें इससे बहुत लाभ होगा.
प्रधानमंत्री ने रेडियो के साथ उनकी पीढ़ी के भावनात्मक लगाव को रेखांकित किया. मन की बात के आगामी 100वें एपिसोड का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "मेरे लिए, एक अतिरिक्त खुशी की बात यह है कि एक होस्ट के रूप में रेडियो के साथ भी मेरा रिश्ता है."
उन्होंने कहा, "देशवासियों से इस तरह का भावनात्मक जुड़ाव, रेडियो के माध्यम से ही संभव था. इसके माध्यम से मैं देश की ताकत और देशवासियों के बीच कर्तव्य की सामूहिक शक्ति से जुड़ा रहा.“ उन्होंने स्वच्छ भारत, बेटी बचाओ बेटी पढाओ और हर घर तिरंगा जैसी पहलों की भूमिका का उदाहरण देते हुए कहा कि मन की बात के माध्यम से ये प्रयास जन आंदोलन बन गए. प्रधानमंत्री ने कहा, "इसलिए, एक तरह से, मैं आपके आकाशवाणी परिवार का हिस्सा हूं.“
प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि 91 एफएम ट्रांसमीटरों का उद्घाटन सरकार की उन नीतियों को आगे बढ़ाता है, जो वंचितों को वरीयता देती हैं, जिनके पास अब तक यह सुविधा नहीं थी. प्रधानमंत्री ने कहा, "जिन लोगों को दूर स्थानों का माना जाता था, उन्हें अब व्यापक स्तर पर जुड़ने का मौका मिलेगा."
एफएम ट्रांसमीटरों के लाभों को सूचीबद्ध करते हुए, प्रधानमंत्री ने समय पर महत्वपूर्ण जानकारी, सामुदायिक निर्माण के प्रयास, कृषि पद्धतियों से संबंधित मौसम की अद्यतन जानकारी, किसानों के लिए खाद्य और सब्जियों की कीमतों की जानकारी, रसायनों के उपयोग से होने वाले नुकसान के बारे में चर्चा, कृषि के लिए उन्नत मशीनरी की प्राप्ति, नए बाजार तौर-तरीकों के बारे में महिला स्वयं सहायता समूहों को जानकारी देना और प्राकृतिक आपदा के समय पूरे समुदाय की सहायता करना आदि का उल्लेख किया. उन्होंने एफएम के जानकारी व मनोरंजन (इंफोटेनमेंट) से जुड़े फायदों का भी जिक्र किया.
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार टेक्नोलॉजी के लोकतंत्रीकरण के लिए लगातार काम कर रही है. प्रधानमंत्री ने कहा, "यह महत्वपूर्ण है कि किसी भी भारतीय को अवसर की कमी महसूस नहीं होनी चाहिए, यदि भारत को अपने पूरे सामर्थ्य के साथ आगे बढ़ना है.“ इसके लिए आधुनिक तकनीक को सुलभ और किफायती बनाना महत्वपूर्ण है. उन्होंने सभी गांवों को ऑप्टिकल फाइबर की सुविधा और सबसे सस्ती डेटा लागत का उल्लेख किया, जिससे जानकारी तक पहुंच आसान हो गई है. उन्होंने कहा कि इससे गांवों में डिजिटल उद्यमिता को एक नया बल मिला है. इसी तरह, यूपीआई ने छोटे व्यवसायों और फुटपाथ विक्रेताओं को बैंकिंग सेवाओं तक पहुँचने में मदद की है.
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि पिछले कुछ वर्षों में देश में हो रही तकनीकी क्रांति से रेडियो और खासकर एफएम एक नए रूप में उभरा है. इंटरनेट के विस्तार को रेखांकित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि पॉडकास्ट और ऑनलाइन एफएम के माध्यम से रेडियो अभिनव तरीकों के साथ सामने आया है.
प्रधानमंत्री ने कहा, "डिजिटल इंडिया ने न केवल रेडियो को नए श्रोता दिए हैं, बल्कि एक नई विचार प्रक्रिया भी दी है."
उन्होंने रेखांकित किया कि प्रत्येक प्रसारण माध्यम में ऐसी क्रांति देखी जा सकती है. उन्होंने बताया कि देश के सबसे बड़े डीटीएच प्लेटफॉर्म, डीडी फ्री डिश की सेवाएं 4 करोड़ 30 लाख घरों तक पहुँच रही हैं, जहां दुनिया के बारे में जानकारी वास्तविक-समय पर करोड़ों ग्रामीण घरों और सीमा से सटे इलाकों तक पहुंच रही है. उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि शिक्षा और मनोरंजन समाज के उन समुदायों तक भी पहुंच रहे हैं, जो दशकों से इस सुविधा से वंचित थे.
प्रधानमंत्री ने कहा, "इसके परिणामस्वरूप, समाज के विभिन्न वर्गों के बीच असमानता को दूर करने में मदद मिली है और सभी को गुणवत्तापूर्ण जानकारी प्राप्त करने की सुविधा मिली है."
उन्होंने बताया कि डीटीएच चैनलों पर विभिन्न प्रकार के शिक्षा पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं, जहां एक से अधिक विश्वविद्यालयों का ज्ञान सीधे घरों तक पहुंच रहा है. प्रधानमंत्री ने कहा कि यह देश में करोड़ों छात्रों के लिए विशेष रूप से कोरोना काल में बहुत मददगार रहा है. श्री मोदी ने कहा, “चाहे डीटीएच हो या एफएम रेडियो, यह शक्ति हमें भविष्य के भारत में झाँकने का मौका देती है. हमें इस भविष्य के लिए खुद को तैयार करना होगा.“
प्रधानमंत्री ने भाषाई विविधता का उल्लेख किया और बताया कि एफएम का प्रसारण सभी भाषाओं और विशेष रूप से 27 बोलियों वाले क्षेत्रों में किया जाएगा. भौतिक संपर्क को बढ़ावा देने के साथ-साथ सामाजिक संपर्क पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा “यह कनेक्टिविटी सिर्फ संचार के साधनों को ही नहीं जोड़ती है, बल्कि यह लोगों को भी जोड़ती है. यह इस सरकार की कार्य संस्कृति को परिलक्षित करती है.“
प्रधानमंत्री ने कहा, "हमारी सरकार सांस्कृतिक संपर्क और बौद्धिक संपर्क को भी मजबूत बना रही है." उन्होंने पद्म और अन्य पुरस्कारों को सही अर्थ में जन पुरस्कार बनाने का उदाहरण देकर समझाया, जहां इनके माध्यम से वास्तविक वीरों का सम्मान किया जाता है. उन्होंने कहा, "पूर्व स्थिति के विपरीत, अब सिफारिशों पर आधारित होने के बजाय, पद्म पुरस्कार राष्ट्र और समाज की सेवा के लिए प्रदान किए जा रहे हैं."
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में तीर्थों और धार्मिक स्थलों के कायाकल्प के बाद, पर्यटन को भी बढ़ावा मिला है और पर्यटन स्थलों पर आने वाले लोगों की बढ़ती संख्या देश के बढ़ते सांस्कृतिक संपर्क का प्रमाण है. उन्होंने जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों से जुड़े संग्रहालयों, बाबासाहेब अंबेडकर के पंचतीर्थ, पीएम संग्रहालय और राष्ट्रीय समर स्मारक का उदाहरण देते हुए कहा कि इस तरह की पहलों ने देश में बौद्धिक और भावनात्मक संपर्क को एक नया आयाम दिया है.
संबोधन का समापन करते हुए, प्रधानमंत्री ने आकाशवाणी जैसे सभी संचार चैनलों के विजन और मिशन को रेखांकित किया और कहा कि कनेक्टिविटी किसी भी रूप में हो, इसका उद्देश्य देश और इसके 140 करोड़ नागरिकों को आपस में जोड़ना होना चाहिए. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी हितधारक इस दृष्टि के साथ आगे बढ़ते रहेंगे, जिसके परिणामस्वरूप निरंतर संवाद के माध्यम से देश को मजबूती मिलेगी.