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केंद्रीय और नवोदय विद्यालयों से कितने अलग होंगे पीएम श्री स्कूल्स?

पीएम श्री के तहत, एनईपी (राष्ट्रीय शिक्षा नीति), 2020 की प्रमुख विशेषताओं को दर्शाने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 14,500 स्कूलों का पुनर्विकास किया जाएगा.

केंद्रीय और नवोदय विद्यालयों से कितने अलग होंगे पीएम श्री स्कूल्स?

Wednesday September 07, 2022 , 3 min Read

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को घोषणा की कि प्रधानमंत्री स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम-श्री) के तहत देश भर में 14,500 स्कूलों को विकसित व अपडेट किया जाएगा. प्रधानमंत्री ने एक के बाद एक ट्वीट कर यह घोषणा की. प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने शिक्षा क्षेत्र में व्यापक बदलाव किए हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि पीएम-श्री स्कूल देश भर के लाखों छात्रों को फायदा पहुंचाएंगे.

क्या है पीएम श्री स्कूल?

शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस योजना को पीएम श्री स्कूल (पीएम स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया) कहा जाएगा. इसके तहत, एनईपी (राष्ट्रीय शिक्षा नीति), 2020 की प्रमुख विशेषताओं को दर्शाने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 14,500 स्कूलों का पुनर्विकास किया जाएगा.

गुजरात के गांधीनगर में जून में शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित एक सम्मेलन के दौरान इस योजना पर सबसे पहले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के शिक्षा मंत्रियों के साथ चर्चा की गई थी. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने तब कहा था कि राज्यों के परामर्श से इस पहल को आगे बढ़ाया जाएगा. उन्होंने कहा था कि जहां नवोदय विद्यालय, केंद्रीय विद्यालय जैसे अनुकरणीय स्कूल हैं, वहीं पीएम श्री "एनईपी लैब" के रूप में कार्य करेंगे.

स्कूल एजुकेशन में एनईपी की मुख्य विशेषताएं क्या हैं?

नई शिक्षा नीति को मुख्य तौर पर चार भागों फाउंडेशनल, प्रीपरेटरी, मिडल और सेकेंडरी में बांटा गया है. फाउंडेशन प्री स्कूल से लेकर क्लास 2 तक के लिए है जिसमें खेल के साथ सीखने को रखा गया है. वहीं, प्रीपरेटरी लेवल क्लास 3 से 5 तक है जिसमें हल्की पाठ्यपुस्तकों के साथ कुछ औपचारिक क्लासरूम टीचिंग को रखा गया है.

सब्जेक्ट टीचर्स को मिडल लेवल (6-8) के लिए तय किया गया है. जबकि सेकेंडरी लेवल (9-12) के लिए तय किया गया है जहां आर्ट्स, साइंस और अन्य स्ट्रीम में कोई खास अंतर नहीं रखा गया है.

केंद्रीय और जवाहर नवोदय विद्यालयों से कैसे अलग होंगे पीएम श्री स्कूल

केंद्रीय विद्यालय या जवाहर नोवदय विद्यालय सीधे केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय के तहत आते हैं. ये दोनों ही योजनाएं केंद्र सरकार की योजनाओं के तहत सीधे केंद्र सरकार द्वारा पूरी तरह फंडेड होती हैं.

केंद्रीय विद्यालय मुख्य तौर पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में तैनात केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बच्चों के एजुकेशन के लिए हैं. वहीं, जवाहर नवोदय विद्यालय देश के ग्रामीण इलाकों के टैलेंटेड स्टूडेंट्स को निखारने का काम करते हैं.

वहीं, इन दोनों की तुलना में पीएम श्री स्कूल केंद्र, राज्य, केंद्र शासित प्रदेशों और अन्य स्थानीय निकायों द्वारा चलाई जा रही मौजूदा स्कूलों को अपग्रेड करने के लिए लाया गया है. इसका मतलब है कि पीएमश्री स्कूल के तहत केंद्रीय विद्यालय, जवाहर नवोदय विद्यालय, राज्य सरकारों के स्कूल के साथ ही नगर निगमों द्वारा संचालित स्कूल भी आ सकते हैं.

पीएम श्री स्कूल कहां होंगे?

केंद्र सरकार ने फिलहाल पीएम श्री के तहत चुने गए 1450 स्कूलों की सूची जारी नहीं की है. हालांकि, पीएम श्री के तहत आने वाले स्कूल क्षेत्र में आने वाले अन्य स्कूलों को भी मेंटरशिप मुहैया कराएंगे. ये स्कूल मॉडर्न इंफ्रास्ट्रक्चर से लैस होंगे जिनमें लैब, स्मार्ट क्लासरूम, लाइब्रेरी, खेल उपकरण, आर्ट रूम आदि शामिल होंगे और इन्हें जल संरक्षण, वेस्ट रिसाइकलिंग, इनर्जी एफिशिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर और पाठ्यक्रम में ऑर्गेनिक लाइफस्टाइल के एकीकरण के साथ ग्रीन स्कूलों के रूप में भी विकसित किया जाएगा.

बता दें कि, केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित किसी योजना में केंद्र सरकार और राज्य या केंद्र शासित प्रदेशों के बीच 60:40 का अनुपात होता है. इस मामले में भी ऐसा ही होगा. हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में केंद्र का योगदान 90 फीसदी तक जा सकता है.


Edited by Vishal Jaiswal