एक स्टार्टअप ऐसा भी... बच्चों को सिखाता है वीडियो कंटेंट बनाने की A,B,C
कोविड-19 के दौरान शुरू हुआ एक स्टार्टअप xQ क्लास-3 से क्लास-9 के स्टूडेंट्स को वीडियो कंटेंट क्रिएशन सिखाने के लिए स्कूलों में वीडियो लैब सेट करने का काम कर रहा है.
कोविड-19 (Covid-19) महामारी के दौरान बच्चों की पूरी पढ़ाई ऑनलाइन होने के बाद अब ऑफलाइन क्लासेज लगभग पूरी तरह से खुल चुके हैं. हालांकि, अब भी बच्चों के लिए डिजिटल एजुकेशन बेहद जरूरी है लेकिन स्कूलों का इंफ्रास्ट्रक्चर बच्चों को डिजिटली एजुकेट करने के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं है.
ऐसे में कोविड-19 के दौरान शुरू हुआ एक स्टार्टअप xQ क्लास-3 से क्लास-9 के स्टूडेंट्स को वीडियो कंटेंट क्रिएशन सिखाने के लिए स्कूलों में वीडियो लैब सेट करने का काम कर रहा है.
YourStory से बात करते हुए xQ के को-फाउंडर और सीओओ कार्तिक तलवार ने कहा कि आज वीडियो कंटेंट क्रिएशन स्टूडेंट्स के लिए बहुत ही बेसिक और महत्वपूर्ण लाइफ स्किल बन गया है. 2000 के बाद की जनरेशन या जिन्हें हम अल्फा जनरेशन कहते हैं, वे किसी भी तरह की जानकारी तब ज्यादा अच्छे से कंज्यूम करते हैं जब वह जानकारी वीडियो के माध्यम में हो. वे लोग टेक्स्ट रिटेन वर्ड को पीछे छोड़ चुके हैं.
उन्होंने कहा कि आज कल के बच्चे वीडियो देखने में बेहद सहज होते हैं और उनके लिए वीडियो मेकिंग भी आसान हो गया है. किसी जमाने में कोई रेसिपी बनाने के लिए लोग किताब निकालकर उसकी रेसिपी देखते थे और उसके बाद इंटरनेट पर भी उसे खोजकर पढ़ते थे. लेकिन आज के समय में आपके पास अगर विकल्प हो तो पहले आप वीडियो देखेंगे.
कैसे हुई शुरुआत?
तलवार बताते हैं कि वे और कंपनी के अन्य फाउंडिंग सदस्य साल 2010 से बकेट लिस्ट नाम की मार्केटिंग एजेंसी चलाते थे. वहां पर हम अलग-अलग ब्रांड्स के लिए काम करते थे. इसमें एशियन पेंट्स, यूनिलीवर, पीएनजी, डिलॉयट आदि शामिल थे. इसमें वीडियो कंटेंट क्रिएशन हमारा मुख्य काम था.
वह आगे बताते हैं कि हालांकि, कोविड-19 के दौरान इस मार्केट में उतार देखने को मिला. वहीं, साल 2016 से ही हम लोग ट्वाइंगबी नाम का टॉय ब्रांड चला रहे थे. इस तरह से जहां एक तरफ हमारे पास वीडियो कंटेंट का अनुभव था तो वहीं दूसरी तरफ हमारे पास अर्ली लर्निंग बिजनेस की भी अच्छी समझ थी. इन दोनों के अनुभवों के आधार पर एजुकेशन फील्ड में अपने इंटरेस्ट के कारण हमने 2020 में इसकी शुरुआत की.
बता दें कि, xQ के 5 फाउंडर्स हैं. इसमें साइमन जैकब को-फाउंडर के साथ सीईओ हैं जबकि कार्तिक तलवार सीओओ, पवन वदलमणि सेल्स वाइस प्रेसिडेंट, मयूरी इंगले प्रोडक्ट एंड मार्केटिंग वाइस प्रेसिडेंट और दक्ष शर्मा प्रोडक्ट एंड प्रोडक्शन वाइस प्रेसिडेंट हैं.
ऐसे काम करता है वीडियो लैब
दक्ष बताते हैं कि हम लोग स्कूल के साथ काम करके वहां वीडियो लैब सेटअप करते हैं. वहां हम स्कूल को इक्विपमेंट प्रोवाइड करते हैं. इन इक्विपमेंट के माध्यम से वे बच्चों को वीडियो कंटेंट पढ़ाते हैं. हर सेशन का कंटेंट और करिकुलम हम प्रोवाइड कराते हैं. स्किल्स का स्कूल से जुड़ाव बनाए रखने के लिए हम हर प्रोजेक्ट के बाद जो असाइनमेंट देते हैं वह उनके रेगुलर सब्जेक्ट से लिंक होता है.
उन्होंने कहा कि वीडियो लैब सेट करने में हमारा कोर कंपिटेंस कंटेंट रहता है. हम बच्चों को उनकी ही भाषा में सिखाने का प्रयास करते हैं. सामान्य रूप से टीचरों की तरह बहुत ही गंभीर तरीके से सिखाने पर बच्चों को यह बहुत ही बोरिंग लगने लगता है. हमारे कोर्सेज एक यूट्यूबर की तरह डिजाइन हैं. अब बच्चे मजा लेते हुए सीखते हैं.
उन्होंने आगे कहा कि हमारी क्लासेज चलाने के लिए या तो स्कूल खुद अपना टीचर लगाते या फिर हम प्रोवाइड कराते हैं. सामान्य तौर पर हम स्कूल करिकुलम की ही एक क्लास ले लेते हैं और उसमें सिखाते हैं. वीडियो की क्लास में उसे सीखने के बाद बच्चे क्लास में ही वीडियोज बनाते हैं. पहले वे फन वीडियोज में कोई तरीका सीखते हैं और फिर उन्हें वे इतिहास या अन्य विषयों के वीडियो बनाने में इस्तेमाल करते हैं.
बिजनेस टू बिजनेस पर फोकस
तलवार ने कहा कि शुरुआत में हमारा फोकस बी2सी (सीधे कस्टमर्स तक पहुंच पर जोर) पर था लेकिन उसमें बहुत ज्यादा कॉम्पिटीशन है और इस वजह से हम बी2बी पर फोकस कर रहे हैं. हमारा मॉडल बी2सी न होकर बी2बी है जिसमें हम सीधे स्कूलों के साथ मिलकर काम करते हैं.
उन्होंने कहा कि अभी हमारी मौजूदगी साउथ और वेस्ट इंडिया में है. हम यहां के 50 स्कूलों के साथ टाइअप कर चुके हैं. हम जिन स्टूडेंट्स को टारगेट करते हैं वे ग्रेड-3 से लेकर ग्रेड-9 तक के हैं.
उनका कहना है कि एक साल तक उन्हें साउथ वेस्ट में ही फोकस करना ही है. उसके बाद देश में राजस्थान, यूपी, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना जबकि विदेश में नेपाल, वियतनाम, इंडोनेशिया तक विस्तार की योजना है. वहीं, एडटेक प्लेटफॉर्म ने हाल ही में xQ वीडियो लिटरेसी समिट की शुरुआत की है. इसके दो समिट कर्नाटक में हो चुके हैं.
11 करोड़ रुपये की फंडिंग हासिल की
दक्ष बताते हैं कि हम टीचर्स और बच्चों के साथ वीडियो क्लब्स के माध्यम से भी जुड़ते हैं. हम अति सक्रिय बच्चों के साथ जुड़ने के लिए वीडियो क्लब्स बनाते हैं और उनके साथ मिलकर कॉलेज के एनुअल डे जैसे किसी इवेंट के लिए वीडियो बनाने की तैयारी कराते हैं.
उन्होंने कहा कि हमारे पास बैकएंड पर एक हेल्पलाइन है. किसी बच्चे को किसी खास प्रोजेक्ट पर काम करना हो तो वह हमारी हेल्पलाइन के माध्यम से संपर्क कर सकता है. इसके बाद हमारी सेंट्रल टीम उनके साथ मिलकर काम करती है.
वहीं, तलवार ने कहा कि जून में हमने एंजल इन्वेस्टर्स से 1.4 मिलियन डॉलर (11 करोड़ रुपये) उठाए हैं. अभी एडटेक मार्केट में फंडिंग क्रंच है लेकिन आगे भी फंड आएगा बस वैल्यूएशन का प्रॉसेस टाइट हो गया है.