पुलिस ने बेरोजगार को चोरी का प्रयास करते पकड़ा, आपबीती सुन उसके परिवार को राशन पहुंचाया
पुलिस जब मामले की जांच के दौरान रोहित के घर पहुंची, तो वहां उसकी वृद्ध मां तथा भाई मिला और राशन की किल्लत को लेकर आरोपी की बात सच निकली।
इंदौर (मध्यप्रदेश), मानव जीवन पर कोविड-19 के प्रभावों की अलग-अलग कहानियों के बीच यहां "चोर-पुलिस" का अनोखा मामला सामने आया है। पुलिस ने लॉकडाउन के दौरान बेरोजगारी से जूझ रहे 23 वर्षीय वाहन चालक को सूने घर में घुसकर चोरी का प्रयास करते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। लेकिन बाद में उसकी दुखभरी कहानी सुनने के बाद उसके परिवार को राशन पहुंचाया।
सब इंस्पेक्टर कल्पना चौहान ने बृहस्पतिवार को बताया कि एरोड्रम थाना क्षेत्र के सूने घर में मंगलवार शाम एक व्यक्ति ताला तोड़कर घुस गया था, इसकी सूचना मिलने पर पुलिस जब मौके पर पहुंची, तो उसे दरवाजा अंदर से बंद मिला।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने कॉलोनी निवासियों की मौजूदगी में दरवाजा तोड़कर घर में प्रवेश किया। उन्होंने बताया कि घर का सामान बिखरा पड़ा था और अलमारी खुली हुई थी, तलाशी के दौरान घर में एक व्यक्ति छिपा मिला जिसकी पहचान रोहित (23) के रूप में हुई।
चौहान ने बताया,
"पुलिस ने जब आरोपी से पूछा कि उसने चोरी का प्रयास क्यों किया, तो उसने कहा कि लॉकडाउन से पहले वह शहर में चार पहिया वाहन चलाता था। लेकिन लॉकडाउन लागू होने के बाद काम-धंधे ठप पड़ जाने के कारण वह पिछले दो महीने से बेरोजगारी से जूझ रहा है।"
उन्होंने बताया,
"आरोपी ने हमसे कहा कि उसकी माली हालत काफी खराब है और उसके परिवार को राशन की परेशानी हो रही है। इंदौर नगर निगम की ओर से एकाध बार उसके घर मुफ्त राशन पहुंचाया गया था। लेकिन राशन खत्म होने के बाद उसके परिवार को फिर इसकी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है।"
सब इंस्पेक्टर ने बताया कि पुलिस ने रोहित के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 380 (चोरी), 454 (घर में जबरन घुसना) और धारा 511(उम्रकैद या अन्य कारावास से दंडनीय अपराधों को अंजाम देने का प्रयास) के तहत मामला दर्ज किया है। गिरफ्तारी के बाद उसे बुधवार को एक स्थानीय अदालत में पेश किया, जिसने उसे 14 दिन के लिये न्यायिक हिरासत के तहत जेल भेज दिया है।
बहरहाल, चौहान के मुताबिक पुलिस जब मामले की जांच के दौरान रोहित के घर पहुंची, तो वहां उसकी वृद्ध मां तथा भाई मिला और राशन की किल्लत को लेकर आरोपी की बात सच निकली। उन्होंने कहा, "हालात जानने के बाद हमने आरोपी के गरीब परिवार के लिये राशन की व्यवस्था मानवता के नाते करायी है।"
सब इंस्पेक्टर ने हालांकि कहा,
"चोरी एक आपराधिक कृत्य है और हमने अपना फर्ज निभाते हुए आरोपी के खिलाफ उचित कानूनी भी कदम उठाये हैं। घर में राशन खत्म होने पर वह चोरी का प्रयास करने के बजाय दूसरे लोगों से मदद भी मांग सकता था।"