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गरीब देश और गरीब लोग नहीं ज़िम्मेवार पर्यावरण की दुर्दशा के लिए: G-7 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी

G7 में पीएम मोदी की तीसरी बार उपस्थिति प्रभावी रही. उन्होंने पर्यावरण, खाद्य सुरक्षा और लैंगिक समता पर भारत के प्रदर्शन को दुनिया के सामने रखा.

गरीब देश और गरीब लोग नहीं ज़िम्मेवार पर्यावरण की दुर्दशा के लिए: G-7 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी

Tuesday June 28, 2022 , 4 min Read

जर्मनी में 2022 के G7 शिखर सम्मेलन में बोलते हुए  भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि जलवायु प्रतिबद्धताओं के प्रति भारत का समर्पण उसके प्रदर्शन से स्पष्ट है. मोदी ‘बेहतर भविष्य में निवेश: जलवायु, ऊर्जा, स्वास्थ्य’ सत्र को संबोधित कर रहे थे.


अपनी बात की शुरुआत में ही प्रधानमंत्री ने इस धारणा का तीखा खंडन किया कि ग़रीब देश और ग़रीब लोग पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं. उन्होंने याद दिलाया कि वैश्विक कार्बन एमिशन (global carbon emission) में भारत का हिस्सा सिर्फ़ 5 प्रतिशत है जबकि दुनिया की बीस प्रतिशत जनसंख्या यहाँ रहती है.


उन्होंने कहा कि सर्कुलर इकॉनमी (circular economy) भारतीय संस्कृति और जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा है और यह बात हमारे विकास कार्यों में दिखायी देती है. उन्होंने केरल के कोच्चि एयरपोर्ट का उदाहरण दिया जो पूरी तरह सोलर पवार से संचालित होने वाला दुनिया का पहला एयरपोर्ट है.

मोदी ने भारत में क्लीन एनर्जी टेक्नोलॉजी (Clean Energy Technology) के बहुत बड़े मार्केट के उभरने की बात बताते हुए G7 के देशों को इसमें इन्वेस्ट करने का किफायती सुझाव दिया और भारत में चल रहे  ‘pro-planet people’ कैंपेन को बढाने का नया देशों द्वारा ज़िम्मा लिए जाने की भी बात रखी. 

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इमेज क्रेडिट: MEAIndia twitter

मोदी ने भारत में क्लीन एनर्जी टेक्नोलॉजी (Clean Energy Technology) के बहुत बड़े मार्केट के उभरने की बात बताते हुए G7 के देशों को इसमें इन्वेस्ट करने का किफायती सुझाव दिया और भारत में चल रहे  ‘pro-planet people’ कैंपेन को बढाने का नया देशों द्वारा ज़िम्मा लिए जाने की भी बात रखी.


उन्होंने कहा कि भारत में हेल्थ के क्षेत्र में कोविड महामारी के दौरान डिजिटल टेक्नोलॉजी के कई रचनात्मक इंटरवेंशन हुए जिन्हें अन्य देशों में ले जाने में G7 का सहयोग मिला. उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा अपने Global Centre for Traditional Medicine को भारत में स्थापित करने के निर्णय का स्वागत करते हुए इस कदम को विश्व के सभी नागरिकों के हित में बताया. World Health Organization (WHO) द्वारा अपने Global Centre for Traditional Medicine में भारत को स्थापित करने के निर्णय का स्वागत करते हुए इस कदम को विश्व के सभी नागरिकों के हित में बताया. योग और पारम्परिक दवाइयों की भारतीय धरोहर को एक व्यापक स्वीकृति की दिशा में यह एक नया पड़ाव है.                                                 

खाद्य सुरक्षा पर G7 में मोदी 

अगले सत्र में प्रधानमंत्री ने खाद्य सुरक्षा और लैंगिक समानता पर सम्मेलन को संबोधित किया. विकासशील देशों की उर्जा और खाद्य सुरक्षा की विशेष जरुरत होने की बात दिलाई.  खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुझाव देते हुए कहा कि G7 देश भारतीय कृषि टैलेंट के लिए ढाँचागत सहयोग बना सकने में सहयोग कर सकता है.


मोदी ने कहा कि अगले साल International Year of Millets के अवसर पर बाजरा को प्रचलित करने के लिए कैंपेन चलाना चाहिए. खाद्य सुरक्षा  सुनिश्चित करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है. 

लैंगिक समानता पर G7 में मोदी 

लैंगिक समानता पर बात रखते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का दृष्टिकोण “महिलाओं के विकास” (women’s development) से “महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास” (women-led development) में परिवर्तित हो गया है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन द्वारा आशा वर्कर्स को “2022 ग्लोबल लीडर्स अवार्ड” दिए जाने का ज़िक्र करते हुए कहा कि भारत में दस लाख से भी अधिक महिला वालंटियर्स रूरल हेल्थ में काम कर रही है. उन्होंने स्थानीय से राष्ट्रीय स्तर तक भारत में चुनी हुई महिला प्रतिनिधियों की संख्या लाखों में पहुँचने का भी ज़िक्र किया. 


जर्मनी में 2022 के G7 शिखर सम्मेलन में बोलते हुए  भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि जलवायु प्रतिबद्धताओं के प्रति भारत का समर्पण उसके प्रदर्शन से स्पष्ट है. मोदी ‘बेहतर भविष्य में निवेश: जलवायु, ऊर्जा, स्वास्थ्य’ सत्र को संबोधित कर रहे थे.