फाइनेंस सेक्टर की ये पांच दिग्गज कंपनियां LGBTQIA+ के अधिकारों का कर रहीं सम्मान
इस लेख का उद्देश्य उन पांच फाइनेंस कंपनियों के बारे में बताना है, जो समावेशन की परिभाषा को नए सिरे से लिख रही हैं. ये कंपनियां LGBTQIA+ के समावेशन के मामले में पथप्रदर्शक बनकर सामने आई हैं और अन्य के लिए नए मानक स्थापित कर रही हैं.
भारत में समावेशी विकास की अवधारणा बहुत तेजी से बदल रही है और विभिन्न सेक्टर की बड़ी कंपनियां इस बदलाव की वाहक बन रही हैं. विशेषरूप से देश का कॉरपोरेट सेक्टर समानता एवं विविधता के सिद्धांत को सक्रियता से अपना रहा है और ज्यादा समावेशी एवं स्वीकार्य समाज के निर्माण की दिशा में प्रयासरत है.
कॉरपोरेट सेक्टर में भी इस बदलाव की कमान आगे बढ़कर फाइनेंस इंडस्ट्री ने संभाली है. पारंपरिक तौर पर पुराने विचारों वाले सेक्टर के रूप में पहचाने जाने वाले फाइनेंशियल सेक्टर ने समावेशन के मामले में मार्गदर्शक के रूप में स्वयं को स्थापित किया है. यह सेक्टर रूढ़िवादी चुनौतियों को दरकिनार करते हुए LGBTQIA+ समुदाय के अधिकारों की पैरवी कर रहा है. मात्र इंद्रधनुष वाले बैनर एवं ब्रांडिंग से आगे बढ़ते हुए देश में कई फाइनेंस कंपनियों ने अपने यहां LGBTQIA+ समुदाय को समाहित करने के लिए प्रगतिशील नीतियां बनाई हैं और इस दिशा में पहल भी की हैं. इस आंदोलन के महत्व को समझते हुए ये कंपनियां न केवल बैरियर्स तोड़ रही हैं, बल्कि ज्यादा स्वीकार्य माहौल भी बना रही हैं और हर जगह से प्रतिभाओं का स्वागत कर रही हैं.
इस लेख का उद्देश्य उन पांच फाइनेंस कंपनियों के बारे में बताना है, जो समावेशन की परिभाषा को नए सिरे से लिख रही हैं. ये कंपनियां LGBTQIA+ के समावेशन के मामले में पथप्रदर्शक बनकर सामने आई हैं और अन्य के लिए नए मानक स्थापित कर रही हैं. विविधता को लेकर अपनी प्रतिबद्धता के माध्यम से ये वित्तीय कंपनियां न केवल LGBTQIA+ कर्मचारियों के लिए ज्यादा सहयोगी कार्यस्थल बना रही हैं, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव की नींव भी रख रही हैं.
एक्सिस बैंक
कुछ साल पहले ही 'कम ऐज यू आर' चार्टर पेश करते हुए एक्सिस बैंक ने LGBTQIA+ के समावेशन के मामले में स्वयं को सबसे आगे पहुंचा दिया है. विविधता, समानता एवं समावेशन को बढ़ावा देने की पिछली उपलब्धियों के आधार पर ही यह पहल की गई. एक्सिस बैंक में सुनिश्चित किया जाता है कि उसके सभी कर्मचारियों को मेडिक्लेम के लाभ मिलें. इसके अलावा सभी कर्मचारियों को अपनी लैंगिंक पहचान के अनुरूप कपड़े पहनने को प्रोत्साहित किया जाता है. एक्सिस बैंक में ग्राहकों को समलैंगिक साथी के साथ जॉइंट अकाउंट खोलने और उन्हें नॉमिनी बनाने की अनुमति भी दी गई है. इसके अतिरिक्त, ग्राहकों को सेविंग्स या टर्म डिपोजिट अकाउंट में अपने नाम के आगे मिस्टर, मिस या मिसेज के स्थान पर 'एमएक्स' लिखने का विकल्प भी दिया जाता है, जो समावेशन एवं सभी के सम्मान को लेकर बैंक की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है.
प्रोटियम
नए जमाने की ऋणदाता कंपनी प्रोटियम LGBTQIA+ समुदाय के प्रति सहयोग एवं समावेशन के लिए प्रतिबद्ध है. पिछले साल कंपनी ने LGBTQIA+ समुदाय के तीन वक्ताओं के साथ प्रभावी सत्र आयोजित किए थे, जिनमें ज्यादा समावेशी समाज के लिए जागरूकता बढ़ाने एवं लोगों को संवेदनशील बनाने पर विमर्श हुआ. इन सत्रों की लाइव स्ट्रीमिंग भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर की गई, जिसे 50 से ज्यादा विविध समुदायों में 1 लाख से ज्यादा लोगों ने देखा. इन स्पीकर सेशन का व्यापक प्रभाव दिखा और संस्थान में इस संबंध में जागरूकता 70 गुना बढ़ी और कर्मचारी इसके प्रति सजग हुए.
प्रोटियम ने अपनी 'पॉलिसी अगेंस्ट सेक्सुअल हरासमेंट' (पॉश) को भी जेंडर-न्यूट्रल बनाया है, जिससे सभी कर्मचारियों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित होती है. प्राइड मंथ में प्रोटियम के कर्मचारियों ने ज्यादा समावेशी माहौल बनाने के लिए शपथ ली है, जो विविधता एवं सभी को समान अवसर देने की कंपनी की प्रतिबद्धता दर्शाती है. इस दौरान LGBTQIA+ समुदाय से ऐसे लोगों की प्रेरक कहानियां सामने लाई जाती हैं, जिन्होंने अपने जीवन में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है. रूढ़िवादी विचारों को तोड़ने के लिए 30 दिन की 'लेट्स टॉक प्राइड' सीरीज आयोजित की गई और LGBTQIA+ के योगदानों का उल्लेख किया गया. इस तरह की पहल से समझ बढ़ाने और सभी के लिए स्वागतपूर्ण माहौल बनाने में मदद मिलती है.
LGBTQIA+ समुदाय के समावेशन को सक्रियता से आगे बढ़ाने और लैंगिक पहचान को लेकर व्याप्त दकियानूसी विचारों को चुनौती देते हुए प्रोटियम ने फाइनेंस एवं अन्य सेक्टर की कंपनियों के समक्ष उदाहरण स्थापित किया है. इस प्रगतिशील पहल एवं समावेशी नीतियों से कार्यस्थल पर विविधता एवं समावेशन लाने में मदद मिली है, जिससे सभी की स्वीकार्यता एवं सम्मान सुनिश्चित हुआ है.
गोल्डमैन सैक्स
गोल्डमैन सैक्स पिछले कई दशक से फाइनेंशियल सेक्टर में LGBTQIA+ समुदाय के समावेशन की दिशा में अग्रणी है. कंपनी सक्रियता से एलजीबीटी प्राइड मंथ मनाती है और विभिन्न लैंगिक पहचान रखने वालों के प्रति कर्मचारियों को संवेदनशील बनाने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन करती है. बेंगलुरु कैंपस में एलजीबीटी प्राइड फ्लैग और ट्रांसजेंडर फ्लैग फहराते हुए कंपनी ने सांकेतिक कदमों से आगे बढ़ते हुए अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया है.
गोल्डमैन सेक्स ऐसा माहौल स्थापित करने के महत्व को समझती है, जहां कर्मचारियों को स्वीकार्यता और सम्मान का अनुभव हो. कंपनी में लैंगिक समावेशन नीतियां लागू की गई हैं, जिसके तहत अपनी पहचान को प्रदर्शित करने और इंटर्नल नेटवर्किंग का मौका दिया जाता है. कंपनी लैंगिक पहचान से परे सभी कर्मचारियों को पैरेंटल लीव देती है. इन पहलों का लक्ष्य एक समावेशी माहौल बनाना है, जहां कर्मचारी अपनी पहचान के साथ रह सकें.
वेल्स फार्गो
वेल्स फार्गो भारत में फाइनेंस सेक्टर में LGBTQIA+ समावेशन के मामले में अग्रणी है. कंपनी ने ट्रांसजेंडर को प्रशिक्षित करने एवं उनके कौशल विकास के लिए समर्पित गैर-लाभकारी संगठन पेरीफेरी के साथ ट्रेन-एंड-हायर मॉडल के तहत गठजोड़ किया है. इसके तहत न केवल उन्हें बेहतर रोजगार का अवसर मिलता है, बल्कि ट्रांसजेंडर लोगों को बेहतर काम करने के लिए जरूरी कौशल से भी लैस किया जाता है.
ट्रेन-एंड-हायर मॉडल के साथ-साथ वेल्स फार्गो ने एक 'प्राइड एम्प्लॉयी रिसोर्स नेटवर्क' भी स्थापित किया है, जिससे LGBTQIA+ कर्मचारियों को सहयोगी माहौल मिलता है. इस नेटवर्क के माध्यम से कम्युनिटी कनेक्शन, प्रोफेशनल डेवलपमेंट और आपसी बातचीत के लिए सुरक्षित माहौल मिलता है. इसके अलावा कंपनी ज्यादा समावेशी समाज बनाने के लिए भी जागरूकता के विभिन्न कदम उठाती है.
जेपी मॉर्गन
अपने कार्यस्थल पर LGBTQIA+ समावेशन को बढ़ाने के लिए जेपी मॉर्गन ने कई उल्लेखनीय कदम उठाए हैं. कंपनी ने एक समर्पित प्राइड बिजनेस रिसोर्स ग्रुप बनाया है, जिसमें LGBTQIA+ और अन्य को सदस्य के रूप में जोड़ा जाता है. यह ग्रुप LGBTQIA+ कर्मचारियों के लिए एक सहयोगी माहौल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. ट्रांसजेंडर के लिए समावेशन को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता के तहत जेपी मॉर्गन ने ट्रांसजेंडर इंटर्नशिप प्रोग्राम भी शुरू किया है. 20 सप्ताह के इस प्रोग्राम को ऑफिस ऑफ LGBTQIA+ अफेयर्स का सहयोग मिलता है. इसमें एक नॉन-प्रॉफिट पार्टनर के माध्यम से आठ हफ्ते की क्लासरूम ट्रेनिंग और भारत में जेपी मॉर्गन चेस एंड कंपनी के कॉरपोरेट सेंटर्स में 12 हफ्ते की इंटर्नशिप का मौका मिलता है. इस प्रोग्राम से न केवल उन्हें काम का अनुभव मिलता है, बल्कि ट्रांसजेंडर लोगों को सहयोग भी मिलता है, जिससे उन्हें पेशेवर दुनिया में आगे बढ़ने में मदद मिलती है.
जेपी मॉर्गन के प्रयास LGBTQIA+ समुदाय को लेकर समझ एवं स्वीकार्यता बढ़ाने के आंतरिक कदमों से भी आगे तक जाते हैं. चर्चा का खुला मंच प्रदान करते हुए कंपनी कर्मचारियों के लिए ऐसा माहौल बनाती है, जहां वे अपने सफर एवं अनुभव को खुलकर साझा कर सकें और भेदभाव से लड़ सकें. ये पहल एक समावेशी कार्यस्थल बनाने की दिशा में जेपी मॉर्गन की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं, जहां सभी कर्मचारी सम्मानित एवं स्वीकृत अनुभव करते हैं.
विविधता एवं समावेशन को अपनाते हुए ये कंपनियां उद्योग में नए मानक बना रही हैं और ज्यादा समानतापूर्ण एवं प्रगतिशील समाज का निर्माण कर रही हैं. इन कंपनियों के प्रयासों को स्वीकार्यता एवं सम्मान मिलना चाहिए, क्योंकि ये कंपनियां LGBTQIA+ के अधिकारों के संरक्षण में अग्रणी हैं और ज्यादा समावेशी भविष्य के निर्माण की राह बना रही हैं.