कैसे अपनी टेक्नोलॉजी की बदौलत MSMEs का बिजनेस बढ़ाने में मदद कर रहा है Shiprocket
Shiprocket की शुरुआत नई दिल्ली में 2017 में साहिल गोयल और गौतम कपूर ने की थी, बाद में विशेष खुराना और अक्षय गुलाटी इसकी फाउंडिंग टीम में शामिल हो गए.
हाइलाइट्स
- Shiprocket का टेक इंटीग्रेशन स्टैक शिपिंग, फुलफिलमेंट, कस्टमर कम्यूनिकेशन और मार्केटिंग टूल्स के साथ-साथ भारत में SMEs, D2C खुदरा विक्रेताओं और सोशल कॉमर्स खुदरा विक्रेताओं की मदद करता है
- इसकी नजर देश के 63 मिलियन से अधिक MSMEs पर है जिनका लक्ष्य अपने कारोबार का विस्तार करना और एक ब्रांड खड़ा करना है
- Shiprocket ने 2022 में अपने सीरीज़ ई राउंड में 33 मिलियन डॉलर जुटाकर यूनिकॉर्न क्लब में एंट्री मारी
भारत का ई-कॉमर्स बाज़ार 2024 तक 111 बिलियन अमेरिकी डॉलर और 2026 तक 200 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है. ये आंकड़े इंडिया ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन (IBEF) की वेबसाइट से जुटाए गए हैं.
जैसा कि ई-कॉमर्स या ऑनलाइन शॉपिंग इसे संभव बनाने वाले टेक प्लेटफॉर्म्स पर निर्भर करती है.
एक ऐसा ही प्लेटफॉर्म है. यह विक्रेताओं को उनकी ई-कॉमर्स यात्रा के हर चरण में मदद करता है, डायरेक्ट कॉमर्स के लिए एक ऑपरेटिंग सिस्टम बनाता है. इसका टेक इंटीग्रेशन स्टैक शिपिंग, फुलफिलमेंट, कस्टमर कम्यूनिकेशन और मार्केटिंग टूल्स के साथ-साथ भारत में SMEs, D2C खुदरा विक्रेताओं और सोशल कॉमर्स खुदरा विक्रेताओं की मदद करता है और अब कंपनी दुनिया भर में अपना कारोबार विस्तार करने की राह पर है.Shiprocket की शुरुआत नई दिल्ली में 2017 में साहिल गोयल और गौतम कपूर ने की थी, बाद में विशेष खुराना और अक्षय गुलाटी इसकी फाउंडिंग टीम में शामिल हो गए.
हाल ही में साहिल गोयल ने YourStory के साथ बात करते हुए Shiprocket की शुरुआत से लेकर इसके यूनिकॉर्न (कंपनी जिसकी वैल्यूएशन एक बिलियन डॉलर से अधिक हो) बनने तक के सफर के बारे में विस्तार से चर्चा की. बता दें कि Shiprocket को भारत का 106वां यूनिकॉर्न होने का खिताब हासिल है.
साहिल गोयल के पास अमेरिका की पिट्सबर्ग यूनिवर्सिटी से एमबीए और एमएस की डिग्री है और उन्होंने मैक्स लाइफ इंश्योरेंस में बतौर बिजनेस एनालिस्ट अपना करियर शुरू किया. Shiprocket की स्थापना से पहले, साहिल ने SDLC Partners के लिए एक टेक्नोलॉजी एंड प्रोसेस कंसल्टेंट के रूप में काम किया, जहां उन्होंने Highmark Blue Cross Blue Shield के साथ सहयोग किया. इसके अलावा, उन्होंने Kasper Consulting में फाउंडिंग टीम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
Shiprocket ई-कॉमर्स का लोकतंत्रीकरण करने के अपने मिशन पर है. यह भारत में प्रत्येक रिटेल सेलर को अपने शिपिंग, फुलफिलमेंट, कस्टमर एंगेजमेंट, और अपने कामकाज को निर्बाध रूप से मैनेज करने के लिए एक एंड-टू-एंड सॉल्यूशन तैयार करने के लिए एक प्लेटफॉर्म देगा. स्टार्टअप D2C ब्रांड्स, लाखों एसएमई ई-टेलर्स और सोशल कॉमर्स रिटेलर्स को फुल-स्टैक लॉजिस्टिक्स और फुलफिलमेंट प्लेटफॉर्म के साथ सशक्त बनाता है. इसमें एक ही दिन और अगले दिन शिपिंग, क्विक फुलफिलमेंट, फास्ट चेक-आउट, ईज़ी रिटर्न, और कई अन्य सुविधाओं और सेवाओं के बीच क्रॉस-बॉर्डर शिपिंग भी शामिल है.
साहिल बताते हैं, "हम मार्केटिंग ऑटोमेशन से लेकर खरीदारी के बाद की सेवाओं तक ई-कॉमर्स समाधानों की पहुंच को सक्षम कर रहे हैं. हम व्यापारियों के अंतर्राष्ट्रीय विस्तार को भी सुविधाजनक बना रहे हैं, जिससे वे दुनिया भर के बाजार में आसानी से सामान बेच सकें. हम हर महीने 100,000 से अधिक विक्रेताओं को सेवा दे रहे हैं. हम 20 मिलियन से अधिक ट्रांजेक्शन प्रोसेस कर चुके हैं और अपने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI)-बेस्ड प्रोडक्ट्स का समर्थन करने के लिए एक अरब से अधिक डेटा पॉइंट्स का उपयोग करते हैं. हम अगले पांच वर्षों में छोटे भारतीय ब्रांडों को विश्व स्तर पर सफल होने की कल्पना करते हैं."
बिजनेस मॉडल
साहिल बताते हैं, "शिपरॉकेट Bigfoot Retail द्वारा लॉन्च किए गए दो पिछले प्लेटफार्मों के विकास के परिणामस्वरूप उभरा. ये दो प्लेटफॉर्म्स हैं — Kartrocket, जोकि एक वेबसाइट-बिल्डिंग प्लेटफॉर्म, और Kraftly, एक सोशल कॉमर्स मार्केटप्लेस है. व्यापारियों को सशक्त बनाने की खोज में, हमने माना कि उद्योग में सबसे बड़ी चुनौती डिमांड या मार्केटिंग करना नहीं बल्कि ऑर्डर के बाद ग्राहक अनुभव पैदा करना था. बड़े ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों के साथ प्रतिस्पर्धा करने की इस चुनौती को समझते हुए Shiprocket का जन्म हुआ."
वे आगे बताते हैं, "हमने व्यापारियों के लिए अपने प्लेटफ़ॉर्म को इंटीग्रेट करने और अपनी वेबसाइट, सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म आदि के माध्यम से दिए गए ऑर्डर को पूरा करने के लिए इनफ्रास्ट्रक्चर की कमी को पहचाना. वे ग्राहकों को एक सहज अनुभव देने के लिए अपने ऑर्डर सीधे भेजने के लिए सही टेक्नोलॉजी से लैस नहीं थे. उन्हें नुकसान से बचाने में मदद करने के लिए, Shiprocket ने जरूरत के अंतर को भरने के लिए कदम बढ़ाया. हमने व्यापारियों के लिए उनके ऑनलाइन कारोबार को शुरू करने के लिए एक ऑल-इन-वन समाधान तैयार करने की योजना बनाई है."
एक ई-कॉमर्स एनेबलर प्लेटफॉर्म के रूप में, Shiprocket व्यापारियों की ई-कॉमर्स जरूरतों को पूरा करने वाली सहायक श्रेणियों के एक समूह को एक साथ लाता है. इसका प्राथमिक उद्देश्य खरीदार यात्रा के हर चरण में ईकॉमर्स विक्रेताओं की सहायता करना है. तकनीक-सक्षम समाधान प्रदान करके, Shiprocket का लक्ष्य ई-कॉमर्स क्षेत्र में एसएमई के सामने आने वाली महत्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान करना है.
साहिल बताते हैं, "हम भारत के 24,000+ पिन कोड और दुनिया भर के 220+ देशों और क्षेत्रों में शिपिंग समाधान प्रदान कर रहे हैं. हमारी नजर देश के 63 मिलियन से अधिक MSMEs पर है जिनका लक्ष्य अपने कारोबार का विस्तार करना और एक ब्रांड खड़ा करना है."
कैसे काम करता है Shiprocket
Shiprocket एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो SMEs, D2C खुदरा विक्रेताओं और सोशल कॉमर्स विक्रेताओं को शिपिंग और फुलफिलमेंट सेवाएं प्रदान करके भारत में डायरेक्ट कॉमर्स में क्रांति ला रहा है. साहिल बताते हैं, "हम ई-कॉमर्स का लोकतंत्रीकरण कर रहे हैं, सभी आकार के व्यवसायों के लिए समान अवसर तैयार कर रहे हैं. Shiprocket प्राइम-जैसी डिलीवरी (उसी दिन/अगले दिन) प्रदान करता है, ऑटोमेटेड NDR (non-delivery report) प्रोसेसिंग और व्हाट्सएप कम्यूनिकेशन के जरिए रिटर्न और असफल डिलीवरी को कम करता है. हम एक सेंट्रलाइज्ड डैशबोर्ड के साथ ग्राहक प्रतिधारण में सुधार करते हैं और 25+ से अधिक वाहक और 45+ पूर्ति स्थानों के माध्यम से शिपिंग करते हैं."
Shiprocket शिपिंग के सभी तरीकों का भी समर्थन करता है, जैसे एयर, सरफेस, लोकल, बल्क और क्रॉस-बॉर्डर. साहिल कहते हैं, "हमारे एआई-संचालित प्लेटफॉर्म, CORE (कूरियर रिकमेंडेशन इंजन) का लाभ उठाते हुए, हम डिलीवरी को अनुकूलित करते हैं, परिचालन लागत को कम करते हैं, और अनुकूलित ब्रांड अनुभव प्रदान करते हैं. हम खुदरा विक्रेताओं को Shopify, Magento, Woocommerce, Zoho या अन्य पर अपनी शॉपिंग वेबसाइटों को प्लेटफ़ॉर्म के मल्टी-कैरियर एपीआई के साथ इंटीग्रेट करने में मदद करने के लिए एक टेक स्टैक मुहैया करते हैं."
साहिल बताते हैं, "भारतीय व्यापारियों की ईकॉमर्स यात्रा को सशक्त बनाने के प्रयास में, हम अपनी सेवाओं में लगातार सुधार और पुनर्मूल्यांकन कर रहे हैं. इस यात्रा में, हमने अपने वादे को पूरा करने के लिए डोमेन विशेषज्ञों के साथ विभिन्न ब्रांड साझेदारियाँ की हैं. उदाहरण के लिए, Wigzo by Shiprocket एक B2B SaaS प्लेटफ़ॉर्म है जो विक्रेताओं को मार्केटिंग ऑटोमेशन सेवाएं प्रदान करता है, जो उन्हें उपभोक्ताओं को परिवर्तित करने, बनाए रखने और बढ़ने में सक्षम बनाता है. एआई टेक्नोलॉजी के पावर के साथ, Wigzo by Shiprocket ने उल्लेखनीय परिणाम प्राप्त किए हैं, जिससे अपने ग्राहकों में 40% की वृद्धि हुई है. Omuni के SaaS प्रोडक्ट व्यापारियों को भौतिक और डिजिटल दोनों स्टोरफ्रंट पर इन्वेंट्री, ऑर्डर, कैटलॉग, सामग्री, मूल्य निर्धारण और डेटा सहित उनके व्यवसाय के विभिन्न पहलुओं को एकजुट करने में मदद करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं. एक निर्बाध ओमनीचैनल ई-कॉमर्स अनुभव प्रदान करके, Omuni ने 100 से अधिक वैश्विक ब्रांडों को उनकी ग्राहक सहभागिता और संतुष्टि बढ़ाने में सफलतापूर्वक सहायता की है."
साहिल आगे बताते हैं, "इसके अलावा, हमारा ध्यान घरेलू बाजारों से परे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने कारोबार का विस्तार करने में व्यापारियों का सक्रिय रूप से समर्थन करते हैं, उन्हें वैश्विक बाजार में अपने प्रोडक्ट्स को प्रदर्शित करने और बेचने के लिए एक प्लेटफॉर्म प्रदान करते हैं. अपने व्यापक समाधानों के साथ, हमारा लक्ष्य व्यापारियों को सशक्त बनाना और वैश्विक स्तर पर उनके विकास को सुविधाजनक बनाना है."
फंडिंग और रेवेन्यू
साहिल ने बताया, "मैंने और मेरे साथ को-फाउंडर गौतम ने 15-15 लाख रुपये का निवेश किया है."
सीरीज़ ई राउंड के एक भाग के रूप में 33 मिलियन डॉलर जुटाने के बाद Shiprocket ने 2022 में यूनिकॉर्न क्लब में एंट्री मारी. फंडिंग राउंड में लगभग 1.2 बिलियन की वैल्यू होने के कारण, Zomato और Teamask ने सीरीज़ ई में 450 करोड़ रुपये (57.7 मिलियन डॉलर) और 446 करोड़ (57.2 मिलियन डॉलर) का निवेश किया. इसके अलावा, LightRock ने 315 करोड़ (40.4 मिलियन डॉलर) का योगदान दिया. Moore Strategic, Info Edge, Bertelsmann Nederland और अन्य व्यक्तियों ने सामूहिक रूप से इस राउंड में 491 करोड़ रुपये (62.9 मिलियन डॉलर) का निवेश किया.
रेवेन्यू के बारे में पूछे जाने पर साहिल बताते हैं, "आज, Shiprocket 3 लाख से अधिक विक्रेताओं को सपोर्ट करता है जो सालाना 2.5 अरब डॉलर से अधिक का GMV (Gross merchandise value) जनरेट करते हैं. प्लेटफ़ॉर्म सालाना 70 मिलियन से अधिक उपभोक्ताओं को पैकेट डिलीवर करता है और साल दर साल लेनदेन 2.5-3X बढ़ा रहा है. हमारा ध्यान स्थायी लाभप्रदता की राह पर चलना है."
चुनौतियां और भविष्य की योजनाएं
इस बिजनेस को खड़ा करने में किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा? इसके जवाब में साहिल कहते हैं, "एक चुनौती जिसका हम सामना कर रहे हैं वह है एक बढ़ते एंटरप्राइज और हमारी फास्ट-इनोवेटिंग बिजनेस यूनिट्स के बीच संतुलन बनाना. हम एक बड़ी ऑर्गेनाइजेशन को सावधानी के साथ चलाते हुए एक स्टार्टअप की बखूबी को कैसे बनाए रख सकते हैं. यहीं पर हमारे अधिग्रहणों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. वे न केवल नए दृष्टिकोण लाए हैं, बल्कि नए लीडर्स और फाउंडर्स को भी पेश किया है जो हमारी बड़ी ऑर्गेनाइजेशन की बाधाओं से मुक्त होकर स्वतंत्र रूप से काम कर सकते हैं."
Shiprocket को लेकर भविष्य की योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर साहिल बताते हैं, "हमारी योजना देश के हर कोने से व्यापारियों के लिए ई-कॉमर्स को सक्षम बनाना और भारत के MSMEs के लिए वन-स्टॉप ग्रोथ पार्टनर बनना है. हम व्यापारियों के लिए व्यापार करने में आसानी को सक्षम करने के लिए तकनीक-सक्षम समाधान पेश करने की अपनी मुख्य ताकत पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. उस प्रयास में, हम India Post, Ebay, Unicommerce आदि जैसी संस्थाओं के साथ रणनीतिक साझेदारी का एक यूनिवर्स बना रहे हैं. इतना ही नहीं, हम डिलीवरी बूस्ट और ब्रांड बूस्ट और कई अन्य जैसे तकनीकी सूट का निर्माण कर रहे हैं."
Shiprocket ने Shiprocket SHIVIR 2023 की घोषणा की है. यह कंपनी का एक दिवसीय फ्लैगशिप इवेंट है जो भारत में शिक्षा और डिजिटल कॉमर्स के परिवर्तन पर केंद्रित ईकॉमर्स सेक्टर को एक साथ लाता है. यह आयोजन पूरे भारत में एमएसएमई को सशक्त बनाने की Shiprocket की प्रतिबद्धता के अनुरूप है, जो उनके 'उन्नति का साथी' के रूप में काम कर रहा है. इसके तहत Shiprocket SHIVIR Awards 2023 दिए जाएंगे, जिसके लिए आगामी 15 जुलाई तक एंट्री कराई जा सकती है. एक दिवसीय इवेंट का आयोजन आगामी 4 अगस्त को पुलमैन, एयरोसिटी, नई दिल्ली में होगा.
टेक्नोलॉजी की बदौलत MSMEs की कैसे मदद कर रहा है Shiprocket?
साहिल बताते हैं, "शिपरॉकेट एक बटन के क्लिक पर टेक सॉल्यूशन मुहैया करके भारत के लिए ई-कॉमर्स को सक्षम करने के लिए प्रतिबद्ध है. हम व्यापारियों के साथ मिलकर उनके बिजनेस की ग्रोथ के लिए सबसे उपयुक्त सेवाएं प्रदान करके काम करते हैं."
यहां बताया गया है कि Shiprocket अपनी टेक्नोलॉजी की बदौलत कैसे MSMEs को फायदा पहुंचा रहा है:
- कंपनी परेशानी मुक्त लॉजिस्टिक्स अनुभव देने के लिए AI (artificial intelligence) और Ml (machine learning) टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करती हैं. इसका AI-बेस्ड प्लेटफॉर्म CORE (कूरियर रिकमेंडेशन इंजन) विक्रेताओं को कम लागत पर सर्वोत्तम लॉजिस्टिक्स अनुभव प्रदान करने के बारे में सिफारिशें देता है.
- कंपनी ने व्यापारियों के लिए उनके मोबाइल डिवाइसेज की सुविधा से इसकी सेवाओं तक पहुंचने के लिए एक ऐप इंटरफ़ेस तैयार किया है. ऐप शिपमेंट पर रियल-टाइम अपडेट मिलती है, ग्राहकों को अपने ऑर्डर ट्रैक करने की अनुमति मिलती है, और कस्टमर सपोर्ट मिलता है.
- Shiprocket अपने लॉजिस्टिक्स डेटा को प्रभावी ढंग से स्टोर और मैनेज करने के लिए क्लाउड कंप्यूटिंग टेक्नोलॉजी का भी इस्तेमाल करता है. यह बदले में एक सहज अनुभव प्रदान करने में मदद करता है.
- Shiprocket फुलफिलमेंट वेयरहाउस ऑटोमेशन सॉल्यूशन, चैनल इंटीग्रेशन और लॉजिस्टिक्स टेक्नोलॉजी सॉल्यूशन मुहैया करके व्यापारियों को बड़े पैमाने पर स्मार्ट तरीकों से लैस कर रहा है.
- Shiprocket का एक अन्य प्रोडक्ट ShiprocketX अपनी टेक्नोलॉजी के साथ भारतीय MSMEs के लिए दुनिया भर में व्यापार करने की राह आसान बना रहा है.
अंत में साहिल बताते हैं, "हमारे प्लेटफ़ॉर्म ने विक्रेताओं को लागत में कटौती के साथ-साथ उनके ऑर्डर डिलीवरी प्रतिशत और प्रदर्शन में उल्लेखनीय सुधार हासिल करने में सक्षम बनाया है. कुछ विक्रेताओं ने डिलीवरी प्रदर्शन में 10-15% तक की वृद्धि और 8-10% तक की लागत बचत का अनुभव किया है."