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प्रधानमंत्री मोदी ने भूमि पूजन कर किया नये संसद भवन का शिलान्यास, कहा- 'नया भवन आत्मनिर्भर भारत का गवाह बनेगा'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नए संसद भवन की आधारशिला रखने के बाद कहा कि नया संसद भवन आत्मनिर्भर भारत का गवाह बनेगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने भूमि पूजन कर किया नये संसद भवन का शिलान्यास, कहा- 'नया भवन आत्मनिर्भर भारत का गवाह बनेगा'

Thursday December 10, 2020 , 4 min Read

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज (10 दिसंबर) भूमि पूजन करने के साथ ही नये संसद भवन की आधारशिला रख दी है। चार मंजिला नये संसद भवन का निर्माण कार्य भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ तक पूरा कर लिए जाने की संभावना है। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भूमि पूजन कार्यक्रम आरंभ हुआ और इसके संपन्न होने के बाद शुभ मुहुर्त में प्रधानमंत्री ने परम्परागत विधि विधान के साथ आधारशिला रखी।


पीटीआई के अनुसार, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित कई केंद्रीय मंत्री, बड़ी संख्या में सांसद और कई देशों के राजदूत इस ऐतिहासिक अवसर के गवाह बने। नये संसद भवन का निर्माण 971 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से 64,500 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में किए जाने का प्रस्ताव है।

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कुछ ऐसा दिखेगा नया संसद भवन

ज्ञात हो कि नये संसद भवन के निर्माण का प्रस्ताव उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू एवं लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने क्रमशः राज्यसभा और लोक सभा में 5 अगस्त 2019 को किया था। नये संसद भवन का डिजाइन अहमदाबाद के मैसर्स एचसीपी डिजाइन और मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा तैयार किया गया है और इसका निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा किया जाएगा।


पीएम मोदी ने इस मौके पर वर्तमान संसद भवन की महत्ता का उल्लेख करते हुए कहा,

"हमारे देश और संविधान का निर्माण इस संसद भवन में हुआ है। यह संसद भवन देश के उतार-चढ़ाव, आशाओं, आकांक्षाओं और सफर का प्रतीक रहा है। यह सब हमारी धरोहर है, लेकिन संसद के शक्तिशाली इतिहास के साथ-साथ यथार्थ को भी स्वीकार करने की जरूरत है।"


पीएम ने कहा,

"वक्त-वक्त की जरूरत के साथ इस भवन को अपग्रेड करने की कोशिश कई गई है। साउंड, आईटी, सुरक्षा सिस्टम अपग्रेड किया गया है, कई बार दीवारें भी तोड़ी गई हैं, लेकिन अब यह भवन विश्राम मांग रहा है।"

नये भवन को सभी आधुनिक दृश्य - श्रव्य संचार सुविधाओं और डाटा नेटवर्क प्रणालियों से सुसज्जित किया जाएगा। यह सुनिश्चित करने के लिए विशेष ध्यान दिया जा रहा है कि निर्माण कार्य के दौरान संसद के सत्रों के आयोजन में कम से कम व्यवधान हो और पर्यावरण संबंधी सभी सुरक्षा उपायों का पालन किया जाये।


लोकसभा सचिवालय के मुताबिक नए संसद भवन के लोकसभा कक्ष में 888 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था होगी, जिसमें संयुक्त सत्र के दौरान 1224 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था भी होगी। इसी प्रकार, राज्य सभा कक्ष में 384 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था होगी।


पीएम ने कहा,

"नए संसद भवन में कई नई चीजें की जा रही है, जिससे सांसदों की क्षमता बढ़ेगी, वर्क कल्चर में आधुनिक तरीके आएंगे। नागरिक सांसद से मिलने आते हैं, तो उन्हें बहुत मुश्किल होती है। संसद भवन में स्थान की कमी महसूस होती है। लेकिन भविष्य में हर सांसद के लिए ऐसी व्यवस्था होगी कि वो अपने संसदीय क्षेत्र से मिलने वाले लोगों से मिल सके।"

नए संसद भवन में भारत की गौरवशाली विरासत को भी दर्शाया जाएगा। देश के कोने-कोने से आए दस्तकार और शिल्पकार अपनी कला और योगदान के माध्यम से इस भवन में सांस्कृतिक विविधता का समावेश करेंगे। संसद भवन से सटी त्रिकोणीय आकार की नई इमारत सुरक्षा सुविधाओं से लैस होगी। नई लोकसभा मौजूदा आकार से तीन गुना बड़ी होगी और राज्‍यसभा के आकार में भी वृद्धि की गई है।


पीएम ने कहा,

"नया संसद भवन आत्मनिर्भर भारत का गवाह बनेगा। पुराने भवन से देश की आवश्यकताओं की पूर्ति हुई, लेकिन नए संसद भवन से 21वीं सदी की आकांक्षाएं पूरी होंगी। हम भारत के लोग मिलकर अपनी संसद के इस नए भवन को बनाएंगे। और इससे सुंदर क्या होगा, इससे पवित्र क्या होगा कि जब भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष का पर्व मनाए, तो उस पर्व की साक्षात प्रेरणा, हमारी संसद की नई इमारत बने।"

नया संसद भवन भारत के लोकतंत्र और भारतवासियों के गौरव का प्रतीक होगा। जो न केवल देश के गौरवशाली इतिहास अपितु इसकी एकता और विविधता का भी परिचय देगा।