ईरान में महिलाएं क्यों काट रही हैं अपने बाल और जला रही हैं हिजाब
ईरान में हिजाब न पहनने के कारण गिरफ्तार हुई महिला की पुलिस कस्टडी में मौत के बाद महिलाओं ने शुरू किया “नो टू हिजाब” कैंपेन.
ईरान में महिलाओं ने एक अनोखा सोशल मीडिया कैंपेन शुरू किया है. कैंपेन का नाम है- “नो टू हिजाब.” इस एंटी हिजाब कैंपेन में महिलाएं सोशल मीडिया पर बिना हिजाब के अपनी तस्वीरें पोस्ट कर रही हैं. साथ ही उन्होंने हिजाब जलाते और खुले कटे बालों के साथ अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट की हैं. साथ ही देश में कई जगहों पर सार्वजनिक विरोध प्रदर्शन भी हो रहा है, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं हिस्सेदारी कर रही हैं.
ईरान की महिलाओं ने कट्टर इस्लामिक सरकारी नियमों के खिलाफ यह कदम इसलिए उठाया है क्योंकि 16 सितंबर को पुलिस कस्टडी में एक 22 साल की महिला महसा अमिनी की मौत हो गई.
महसा अमिनी को पुलिस ने इसलिए गिरफ्तार किया था क्योंकि वह बिना हिजाब के सार्वजनिक जगह पर देखी गई थीं. महसा अपने परिवार से मिलने तेहरान आई थीं. पुलिस ने 13 सितंबर को उन्हें पब्लिक प्लेस में बिना हिजाब के घूमते हुए देखा तो गिरफ्तार कर लिया. तीन दिन बाद 16 सितंबर को पुलिस हिरासत में ही उनकी मौत हो गई.
ईरान की महिलाएं महसा अमिनी की मौत को सरकारी हत्या बता रही हैं. इस मौत से देश भर में महिलाएं सदमे में हैं और अब सरकार के खिलाफ खुलकर सामने आ रही हैं. सोशल मीडिया पर और कुछ मामलों में सड़कों पर भी ईरानी महिलाओं के विरोध की आवाज बुलंद हो रही है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमिनी की मौत सिर में चोट लगने के कारण हुई. पुलिस कस्टडी में लिए जाने के कुछ घंटों बाद वह बेहोश हो गईं. उनकी सिर पर गहरे चोट आई थी. फिर उन्हें वहां से अस्पताल ले जाया गया, जहां तीन दिन बाद 16 सितंबर को अमिनी ने दम तोड़ दिया.
एमनेस्टी इंटरनेशनल समेत दुनिया भर के मानवाधिकार संगठनों ने अमिनी की मौत की जांच की मांग की है. उनका दावा है कि महसा की मौत पुलिस कस्टडी में हुए टॉर्चर और हिंसा के कारण हुई.
1979 में इस्लामिक क्रांति के सफल होने और अयातुल्लाह खोमैनी के सत्ता में आने के ईरान में कट्टर इस्लामिक नियमों को पूरी तरह लागू किया गया और उसके बाद से महिलाओं के लिए हिजाब पहनना पूरी तरह अनिवार्य कर दिया गया. हालांकि उस देश में हिजाब का विरोध भी कोई नई बात नहीं है. महिलाएं समय-समय पर अपना विरोध दर्ज करती रही हैं और कई बार सार्वजनिक जगहों पर आपको बिना हिजाब के भी महिलाएं दिख जाएंगी.
लेकिन पिछले कुछ महीनों में ईरान में महिलाओं के ड्रेस कोड को लेकर सख्ती काफी बढ़ा दी गई है. अब 9 साल से अधिक उम्र की लड़कियों का हिजाब पहनना अनिवार्य कर दिया गया है. साथ ही ऐसे आदेश जारी किए गए हैं कि बिना हिजाब के महिलाएं सरकारी दफ्तरों, बैंकों आदि में नहीं जा सकतीं और न ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट जैसे बस और मेट्रो आदि में सफर कर सकती हैं.
ईरान में हिजाब कानूनन तो पहले से ही अनिवार्य था, लेकिन अब ज्यादा कड़ाई से उसका पालन करवाया जा रहा है और नियम न मानने वालों पर पुलिस और सरकार सख्त कार्रवाई कर रही है.
जब ईरान में महिलाएं हिजाब का विरोध कर रही थीं, उसी समय सरकारी टेलीविजन पर ऐसे कार्यक्रम प्रसारित किए जा रहे थे, जिसमें महिलाओं के हिजाब पहनने पर जोर दिया गया है. टेलीविजन पर एक वीडियो दिखाया गया, जिसमें ढेर सारी हिजाब पहनी हुई महिलाएं कुरान की वो आयतें पढ़ रही थीं, जिसमें इस्लाम में महिलाओं के लिए हिजाब के महत्व का बखान किया गया है. मजे की बात ये है कि सरकारी टीवी पर दिखाया गया ये वीडियो भी वायरल हो रहा है, लेकिन इस बार महिलाएं उस वीडियो का जमकर मजाक उड़ा रही हैं.
Edited by Manisha Pandey