35 साल बाद घर में जन्मी बेटी, हेलिकॉप्टर से पोती को घर लाए दादा
राजस्थान के नागौर जिले के इस परिवार ने कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ एक मिसाल पेश की है, जो कि काबिल-ए-तारीफ़ है।
प्रख्यात फिल्ममेकर यश चोपड़ा निर्देशित बॉलीवुड फिल्म 'लम्हे' का गीत 'मेरे घर आई एक नन्ही परी' तो आपने सुना ही होगा, जिसे स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने गाया था।
इस वाकये पर ये गीत एकदम सटीक बैठता है।
राजस्थान के नागौर जिले के गांव नीमडी चांदावता में एक परिवार में लगभग 35 साल बाद बेटी का जन्म हुआ है। बेटी के पैदा होने की खुशी से परिवार में बेहद खुशी का माहौल है। परिवार ने अपनी नवजात बच्ची को घर लाने के लिए हेलीकॉप्टर किराए पर लिया है।
नवभारत टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, "किसान मदनलाल प्रजापत के घर 35 साल बाद एक बेटी का जन्म हुआ, जो उनकी पोती सिद्धी है। इसी जन्म की खुशी को पूरे परिवार ने अनूठे अंदाज में मनाया है। बेटी को अपने ननिहाल से हेलिकॉप्टर में घर लाया गया है। इतना ही नहीं यहां हेलीपैड से लेकर घर तक रास्ते में गांव वालों ने बच्ची के सम्मान में फूल बिछाए। इसके लिए बाकायदा 10-12 दिन पहले से तैयारियां शुरू हो गई थीं।"
स्थानीय रिपोर्ट्स के अनुसार हेलिकॉप्टर बुक कराने में करीब 4.5 लाख रुपये का खर्चा आया है।
अमर उजाला की एक रिपोर्ट के अनुसार,नवजात बच्ची के पिता हनुमान प्रजापत ने कहा, "लड़कों और लड़कियों के बीच भेदभाव नहीं होना चाहिए बल्कि दोनों के साथ समान व्यवहार किया जाना चाहिए। आम तौर पर देखते हैं कि लोग लड़की के जन्म पर उत्सव नहीं मनाते। ऐसा नहीं होना चाहिए। मैं अपनी बेटी को पढ़ाऊंगा और उसके सपने पूरे करूंगा।"
वनइंडिया हिंदी की खबर के अनुसार, "मदनलाल (बच्ची के दादा) सामान्य किसान परिवार से है, मगर बेटी जन्म की खुशियां धूमधाम से मनाने जा रहा है। पांच-सात दिन पहले ही मदनलाल प्रजापत ने मैथी, जीरा और सरसों की फसल बेचकर चार लाख रुपए जुटाए हैं। इन्हीं रुपयों से जयपुर से पोती के लिए हेलीकॉप्टर बुक करवाया है।"
नागौर के इस परिवार ने कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ एक मिसाल पेश की है, जो कि काबिल-ए-तारीफ़ है।