राजीव चंद्रशेखर ने सी-डैक तिरुवनंतपुरम में भारत के पहले फ्यूचरलैब्स सेंटर का उद्घाटन किया
'सेंटर फॉर सेमीकंडक्टर चिप्स एंड सिस्टम्स फॉर स्ट्रैटेजिक इलेक्ट्रॉनिक्स' नाम का यह सेंटर अगली पीढ़ी के चिप डिजाइन, विनिर्माण एवं अनुसंधान के लिए एक परिवेश को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
केंद्रीय आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स, कौशल विकास, उद्यमिता और जल शक्ति राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने सी-डैक तिरुवनंतपुरम में भारत के पहले फ्यूचरलैब्स सेंटर का उद्घाटन किया. 'सेंटर फॉर सेमीकंडक्टर चिप्स एंड सिस्टम्स फॉर स्ट्रैटेजिक इलेक्ट्रॉनिक्स' नाम का यह केंद्र अगली पीढ़ी के चिप डिजाइन, विनिर्माण एवं अनुसंधान के लिए एक परिवेश को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
अन्य घोषणाओं में इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव टेक्नोलॉजी के विकास के लिए सी-डैक (टी) और रेल मंत्रालय के बीच सहयोग की घोषणा शामिल है. इसके अलावा माइक्रोग्रिड टेक्नोलॉजी के विकास एवं उपयोग के लिए सी-डैक (टी) और टाटा पावर के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए. सी-डैक (टी) और वीएनआईटी नागपुर द्वारा विकसित इलेक्ट्रिक वाहन वायरलेस चार्जर की तकनीक बेलराइज इंडस्ट्रीज लिमिटेड को हस्तांतरित करने की भी घोषणा की गई.
मंत्री ने प्रमुख उद्योग भागीदारों के साथ 100 से अधिक छात्रों को संबोधित किया और बताया कि यह केंद्र उन्हें किस प्रकार के अवसर प्रदान करेगा.
राजीव चंद्रशेखर ने कहा, "आपने चंद्रयान 3 में जो सिलिकन और आईएनएस विक्रांत में इलेक्ट्रॉनिक्स का उपयोग देखा है, उनकी जड़ें केरल में निहित हैं. वास्तव में फ्यूचरलैब्स का विचार सरकारी सिस्टम के तौर पर सी-डैक, उद्योग, छात्र, स्टार्टअप और शिक्षा जगत के बीच एक साझेदारी है. सरकार और उद्योग में हमारा दृष्टिकोण बिल्कुल स्पष्ट है कि दुनिया का डिजिटलीकरण और दुनिया की डिजिटल अर्थव्यवस्थाएं आज अभूतपूर्व गति से विस्तार कर रही हैं. भारतीय स्टार्टअप और छात्रों के लिए तीन क्षेत्रों - एआई, सेमीकंडक्टर और भविष्य के इलेक्ट्रॉनिक्स - में काफी संभावनाएं हैं. सीडीएसी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में ऐसी प्रयोगशालाएं स्थापित करने में दिलचस्पी रखने और सुविधा प्रदान करने वाला भागीदार होगा. यह पहल तिरुवनंतपुरम को भारत का अगला नवाचार केंद्र बनाएगी."
मंत्री ने इस तरह के सहयोग एवं पहल की बुनियादी जरूरत के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा, "भारत ने सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में जबरदस्त प्रगति की है. पिछले 75 वर्षों तक सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में हमारी कोई मौजूदगी नहीं थी, मगर पिछले कुछ वर्षों के दौरान हमें 2.5 लाख करोड़ का निवेश प्राप्त हुआ है. अब हम एक ऐसा परिवेश तैयार कर रहे हैं जिसका दायरा फैब विनिर्माण से लेकर नवाचार, पैकेजिंग, डिजाइन, कौशल और अनुसंधान तक विस्तृत है. डिजिटलीकरण और डिजिटल टेक्नोलॉजी अभूतपूर्व गति से बढ़ रही हैं. यहां तक कि इनका विस्तार उन क्षेत्रों में भी हो रहा है जो सहज रूप से डिजिटल नहीं हैं, मगर वहां भी यह टेक्नोलॉजी अपनी उपस्थिति दर्ज कर रही है. इसलिए एक प्रवृत्ति के तौर पर डिजिटलीकरण का स्पष्ट रूप से विस्तार हो रहा है. दूसरी प्रवृत्ति यह है कि सेमीकंडक्टर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ऐसी दो प्रमुख टेक्नोलॉजी हैं जो आने वाले वर्षों में तकनीकी के भविष्य को आकार देने जा रही हैं. तीसरा, हरेक सिस्टम जिसे आप आज जानते हैं, चाहे वह लैपटॉप हो या डेस्कटॉप या फिर सर्वर, कंप्यूट ऑटोमोटिव या रेलवे, सभी को लगभग सभी का डिजाइन और आर्किटेक्चर नए सिरे से तैयार किया जा रहा है. इसलिए आज सिस्टम को पूरी तरह नए सिरे से आर्किटेक्ट और नए सिरे से डिजाइन करने का अवसर है. मैं इसे स्टार्टअप की अगली लहर, सिस्टम की अगली लहर और नवाचार की अगली लहर कहता हूं, यही फ्यूचरलैब्स है."
उपस्थित उद्योग भागीदारों ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सी-डैक के साथ सहयोग कैसे सफल रहा है और इसलिए वे केरल के इस तकनीकी नवाचार परिवेश को बढ़ावा देने के लिए अपना समर्थन जारी रखेंगे.
कल्याणी पावरट्रेन लिमिटेड के उपाध्यक्ष (ई-मोबिलिटी) अतुल देशमुख ने कहा, "मंत्री राजीव चंद्रशेखर के निरंतर समर्थन एवं दमदार नेतृत्व के कारण हम बड़े पैमाने पर विस्तार करने और उत्कृष्टता हासिल करने में समर्थ हुए हैं. हम इन पहलों के जरिये ऐसी अन्य साझेदारियों की उम्मीद करते हैं."
टीपी रिन्यूएबल माइक्रोग्रिड लिमिटेड के सीईओ मनोज गुप्ता ने कहा, "टाटा पावर और सी-डैक के बीच सहयोग एक ऐतिहासिक क्षण है. एक संगठन के तौर पर हमने माइक्रो ग्रिड स्थापित किए हैं जो बैटरी तकनीक के साथ सौर ऊर्जा से संचालित होते हैं. हाल में स्थापित इन माइक्रो ग्रिड ने उत्तर प्रदेश और बिहार के 200 गांवों को सशक्त बनाया है. हम केरल में भी इसे जारी रखेंगे. इस साझेदारी के जरिये हम माइक्रोग्रिड की ताकत का उपयोग करने में समर्थ होंगे."
जेएमवी एलपीएस लिमिटेड की निदेशक मीनाक्षी सिंह ने कहा, "डिजिटल इंडिया और उद्यमिता की दिशा में मंत्री के इस शानदार कार्य एवं दृढ़ संकल्प ने आत्मनिर्भरता एवं टेक्नोलॉजी के प्रति कई कंपनियों का मनोबल बढ़ाया है. सी-डैक और भारतीय रेल के साथ मिलकर जेएमवी ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि- तीन हिस्से वाली स्वदेशी लोकोमोटिव प्रणोदन प्रणाली- हासिल की है. लोकोमोटिव प्रोपल्शन सिस्टम की यह घरेलू तकनीक न केवल नवाचार के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है बल्कि भारत को रेलवे प्रोपल्शन सिस्टम के क्षेत्र में एक वैश्विक खिलाड़ी के रूप में स्थापित करती है. इसके अलावा, हम रेलवे के लिए स्वदेशी रूप तौर पर डिजाइन, विकसित एवं निर्मित एआई आधारित पूर्वानुमानित रखरखाव प्रणाली के जरिये रेलवे के रखरखाव एवं संचालन व्यवस्था को आधुनिक बनाने में योगदान दे रहे हैं."