रतन टाटा ने साइरस मिस्त्री के चचेरे भाई को सौंपी बड़ी जिम्मेदारी, जानिए वह हैं कौन
62 वर्षीय मेहली मिस्त्री करीब एक दर्जन कंपनियां चलाते हैं, जो पेंट वितरण से लेकर लॉजिस्टक्स, यात्रा और वाहन डीलरशिप तक से संबंधित हैं.
टाटा समूह के प्रमुख रतन टाटा के करीबी विश्वासपात्र मेहली मिस्त्री ट्रस्टी के रूप में टाटा के दो ट्रस्टों के निदेशक मंडल में शामिल हुए हैं.
टाटा के इन दो ट्रस्ट - सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट के पास टाटा समूह की कंपनियों की नियंत्रक कंपनी टाटा संस प्राइवेट में 66 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट के पास टाटा संस में क्रमशः 27.97% और 23.5 4% की हिस्सेदारी है, जिसमें छोटे संबद्ध ट्रस्टों की हिस्सेदारी 14.32% है.
अभी तक केंद्र सरकार के पूर्व अधिकारी विजय सिंह और वेणु श्रीनिवासन सर रतन टाटा ट्रस्ट और दोराबजी टाटा ट्रस्ट के वाइस चेयरमैन हैं. ये दोनों टाटा संस के निदेशक मंडल में भी हैं. आरके कृष्ण कुमार और जहांगीर एचसी जहांगीर भी सर रतन टाटा ट्रस्ट के निदेशक मंडल में हैं.
कौन हैं मेहली मिस्त्री?
62 वर्षीय मेहली मिस्त्री दिवंगत साइरस पालोनजी मिस्त्री के चचेरे भाई हैं. मेहली करीब एक दर्जन कंपनियां चलाते हैं, जो पेंट वितरण से लेकर लॉजिस्टक्स, यात्रा और वाहन डीलरशिप तक से संबंधित हैं. टाटा ट्रस्ट में पहले से ही रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा और जेएन टाटा निदेशक के रूप में शामिल हैं.
साइरस मिस्त्री को 2012 में रतन टाटा (Ratan Tata) के रिटायरमेंट के बाद टाटा ग्रुप (Tata Group) की कमान मिली थी. वह टाटा सन्स के छठे चेयरमैन थे. उन्हें अक्टूबर 2016 में हटा दिया गया था. साइरस पालोनजी मिस्त्री (Cyrus Pallonji Mistry - former chairman of Tata Sons) का महाराष्ट्र के पालघर में 4 सितंबर को हुए एक सड़क हादसे में निधन (Cyrus Mistry death in car accident) हो गया था.
साइरस और मेहली की माताएं बहनें हैं. द्वितीय विश्व युद्ध के शुरुआती दिनों में, मेहली की मां का जन्म इंग्लैंड में हुआ था, जहां उस समय उनके नाना रहते थे. साइरस की मां का जन्म आयरलैंड में हुआ था, जहां परिवार ने शरण ली थी. इस प्रकार, मेहली के पास ब्रिटिश पासपोर्ट है, जबकि साइरस के पास आयरिश पासपोर्ट था.
यही नहीं, दोनों के पिता भी रिश्तेदार थे. उनके पिता पहले चचेरे भाई थे, जिनके दादा ने 1865 में मुंबई के गिरगाम में फुटपाथ का निर्माण करके लिटिलवुड पलोनजी की शुरुआत की थी. कंपनी ने बाद में मुंबई में कई ऐतिहासिक इमारतें बनाईं.
मेहली अपने दिवंगत चचेरे भाई साइरस मिस्त्री और रतन टाटा के बीच विवाद में फंस गए थे. मेहली उस समय टाटा और टाटा समूह के पीछे मजबूती से खड़े थे. लड़ाई के चरम पर, मेहली ने टाटा पावर में 25 मिलियन शेयर खरीदने के लिए 200 करोड़ रुपये खर्च किए थे और बाद में उन्होंने शेयर बेच दिए.
रतन टाटा से उनकी नजदीकी के मद्देनजर मेहली को टाटा ट्रस्ट्स के निदेशक मंडल में शामिल किए जाने की अटकलें लंबे समय से लगाई जा रही थीं. साइरस मिस्त्री ने मेहली पर टाटा पावर से ठेके लेने का आरोप लगाया था लेकिन पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था.
टाटा ट्रस्ट के सीईओ ने दिया इस्तीफा
वहीं, टाटा ट्रस्ट्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एन. श्रीनाथ ने सेवानिवृत्त होने के बाद भी 30 महीनों तक अपनी सेवाएं देने के बाद इस्तीफा दे दिया है.
टाटा ट्रस्ट के बोर्ड ने शनिवार को एक विशेष बैठक में दोनों फैसलों को मंजूरी दी. श्रीनाथ को बदलने के लिए उम्मीदवारों का मूल्यांकन किया जा रहा है लेकिन अभी तक कोई स्पष्ट दावेदार सामने नहीं आया है.
रतन टाटा ट्रस्टों के साथ टाटा संस में भी दोनों पदों पर आसीन होने वाले अंतिम व्यक्ति
इस साल अप्रैल में टाटा संस के शेयरधारकों ने नए आर्टिकल ऑफ एसोसिएशन (एओए) को मंजूरी दी थी, जिसमें भविष्य में टाटा ट्रस्ट्स और टाटा संस के अध्यक्ष के पद को कानूनी रूप से अलग करने का प्रावधान है.
वर्तमान में टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन रतन टाटा हैं, जिन्होंने वर्ष 2012 तक टाटा संस के अध्यक्ष का पद भी संभाला था. एन. चंद्रशेखरन टाटा संस के निदेशक मंडल के कार्यकारी अध्यक्ष हैं. टाटा संस के आर्टिकल ऑफ एसोसिएशन में बदलाव की वजह से रतन टाटा ट्रस्टों के साथ-साथ टाटा संस में भी दोनों पदों पर आसीन होने वाले अंतिम व्यक्ति होंगे.
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