चीन में iPhone के सबसे बड़े प्लांट से बड़ी संख्या में नौकरी छोड़ रहे कर्मचारी, यह है वजह
चीन के सेंट्रल हेनान प्रांत में स्थित आईफोन प्लांट में 2 लाख से अधिक कर्मचारी काम करते हैं लेकिन पिछले कुछ समय से उन्हें वहां रहने में अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ रहा है.
दुनियाभर में कोविड-19 के मामलों में भले ही कमी देखी जा रही हो लेकिन चीन ने उसको लेकर अपनी सख्ती में कोई कमी नहीं की है. यही कारण है कि कोविड-19 की सख्त पाबंदियों के कारण वहां एप्पल के सबसे बड़े आईफोन प्लांट से बड़ी संख्या में कर्मचारी काम छोड़ रहे हैं.
चीन के सेंट्रल हेनान प्रांत में स्थित आईफोन प्लांट में 2 लाख से अधिक कर्मचारी काम करते हैं लेकिन पिछले कुछ समय से उन्हें वहां रहने में अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ रहा है.
सेंट्रल हेनान प्रांत के कई क्षेत्रों के स्थानीय अधिकारियों ने कहा कि वे झेंग्झौ में दुनिया के सबसे बड़े iPhone प्लांट में सख्त कोविड प्रतिबंध लगाए जाने के बाद फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी ग्रुप से होमबाउंड वर्कर प्राप्त करेंगे.
हेनान में कम से कम छह काउंटियों और शहरों ने फॉक्सकॉन छोड़ने वाले निवासियों से घर जाने से पहले स्थानीय अधिकारियों से संपर्क करने के लिए कहा है.
WeChat पर आधिकारिक पोस्ट के अनुसार, कर्मचारियों को कई दिनों के अनिवार्य आइसोलेशन में भेजा जाएगा. पोस्ट के अनुसार, मेंगझोउ और लुओयांग जैसे शहरों ने कर्मचारियों को आइसोलेशन साइट्स तक पहुंचाने के लिए बसों की व्यवस्था की है.
WeChat पोस्ट में कहा गया है कि डगांग काउंटी की सरकार ने बसों और अधिकारियों को फेरी के कर्मचारियों को सात दिनों के अनिवार्य आइसोलेशन के लिए उन्हें घर जाने की अनुमति देने के लिए भेजा है.
रविवार को झेंग्झौ शहर की सरकार द्वारा जारी बयान के अनुसार, फॉक्सकॉन ने झेंग्झौ प्लांट में अपने कर्मचारियों को तीन नोटिस जारी किए. ये नोटिस रहने के इच्छुक लोगों के लिए सुरक्षा, वैध अधिकार और आय सुनिश्चित करने का वादा करते हैं. इस बीच कंपनी ने स्थानीय सरकार के साथ मिलकर घर लौटने का विकल्प चुनने वाले कर्मचारियों के लिए बसों की व्यवस्था भी की.
सोशल मीडिया पर ऐसी वीडियो और तस्वीरों की बाढ़ आ गई जिसमें वीकेंड पर कर्मचारी कैंपस छोड़ते हुए दिखाई दे रहे थे. इसमें स्थानीय लोगों को कुछ कर्मचारियों को भोजन और रहने की पेशकश भी करते हुए दिखाया गया.
झेंग्झू प्लांट में बना यह माहौल राष्ट्रपति शी जिनपिंग की कोविड-19 को लेकर जीरो पॉलिसी का नतीजा है. अब उसके आर्थिक और सामाजिक प्रभाव सामने आ रहे हैं. बड़े पैमाने पर टेस्ट और क्वारंटाइन लॉकडाउन की सख्त नीति ने लोगों की नाराजगी को बढ़ा दिया है.
इसके साथ ही, यह कोविड-19 का एक भी मामला सामने आने पर लॉकडाउन, व्यापार प्रतिबंध और बड़े पैमाने पर टेस्ट ड्राइव चलाने वाले चीन के नजरिए से वैश्विक सप्लाई चेन और उत्पादों के लिए संभावित जोखिम को भी दर्शाता है.
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Edited by Vishal Jaiswal