Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

RBI ने बैंकों से मांगा Adani Group की कंपनियों को दिए पैसों का हिसाब-किताब

RBI ने बैंकों से मांगा Adani Group की कंपनियों को दिए पैसों का हिसाब-किताब

Friday February 03, 2023 , 4 min Read

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों से कहा है कि वे अडानी ग्रुप (Adani Group) की कंपनियों को दिए गए लोन की जानकारी, उनका बकाया और ग्रुप की कंपनियों के शेयरों और बॉन्ड की पूरी जानकारी का ब्यौरा दें. बता दें कि अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) ने अपने पूरी तरह से सब्सक्राइब किए गए ₹20,000 करोड़ के FPO (follow-on public offer) को वापस ले लिया है.

हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) द्वारा कंपनी की अकाउंटिंग, ट्रांजेक्शन, और कुछ विदेशी निवेश फर्मों द्वारा कंपनी के शेयरों में लगाए गए पैसों के संबंध में की गई प्रतिकूल टिप्पणियों के मद्देनज़र अडानी ग्रुप की कंपनियों की सिक्योरिटीज (शेयर और बॉन्ड) संकट का सामना कर रहे हैं.

हालांकि अडानी ग्रुप ने इसे बदनाम करने की साजिश का हवाला देते हुए हिंडनबर्ग के डॉक्यूमेंट्स को सिरे से खारिज कर दिया है और इसे निराधार बताया है.

बैंकों ने कहा कि आरबीआई बैंकों पर इस पूरे मामले के प्रभाव का आकलन करना चाहता है.

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अडानी ग्रुप की मौजूदा कंपनियों के पास बैंकों से लिए गए लोन की चुकौती के लिए पर्याप्त नकदी है. हालांकि, ग्रुप द्वारा लिए गए नए प्रोजेक्ट्स के मामले में, अगर प्रमोटर का इक्विटी शेयर नहीं आता है, तो बैंक प्रतिबंधों पर फिर से विचार कर सकते हैं.

बैंकों ने यह भी बताया कि अडानी ग्रुप की कंपनियों को भारतीय बैंकों का पैसा गिरवी रखने या संपत्तियों को गिरवी रखने के खिलाफ है. हालांकि, विदेशी बैंकों ने शेयरों को गिरवी रखकर ग्रुप की कंपनियों के अधिग्रहण को पैसा दिया गया है, जो अस्थिरता के अधीन हैं.

बैंकों ने विदेशी बांडों के रिफाइनेंस का जिक्र करते हुए, जो रिडम्पशन के लिए आएंगे, ग्रुप को मूल्य निर्धारण और धन की उपलब्धता की बारीकी से जांच करनी पड़ सकती है.

CLSA ने हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा है कि अडानी ग्रुप के लिए भारतीय बैंकिंग सेक्टर का जोखिम इसे दिए गए कुल लोन का 40 प्रतिशत से कम है.

संस्थागत ब्रोकरेज और निवेश समूह के विश्लेषकों ने एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि टॉप-5 अडानी ग्रुप की कंपनियों - Adani Enterprises, Adani Ports, Adani Power, Adani Green, और Adani Transmission के लिए बैंकों का जोखिम — 70,000-80,000 करोड़ रुपये है. जबकि अडानी ग्रुप का वित्त वर्ष 22 में कुल लोन 2 लाख करोड़ रुपये है.

किन बैंकों ने दिया कितना पैसा?

Bloomberg की एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश के सबसे बड़े फाइनेंसर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अडानी ग्रुप की कंपनियों को 2.6 बिलियन डॉलर का लोन दिया है. यह नियमों के तहत अनुमत राशि का लगभग आधा है. एसबीआई के एक्सपोजर में इसकी विदेशी इकाइयों से 200 मिलियन डॉलर शामिल हैं. इससे पहले, एसबीआई के अध्यक्ष दिनेश कुमार खारा ने गुरुवार को कहा था कि अडानी ग्रुप की कंपनियां लोन चुका रही हैं और बैंक ने अब तक जो कुछ भी उधार दिया है, उसमें उन्हें "तत्काल चुनौती" नहीं दिख रही है.

वहीं, बैंक ऑफ बड़ौदा ने कहा है कि संकटग्रस्त समूह में उसका कुल निवेश 7,000 करोड़ रुपये है, जो पूरी तरह से सुरक्षित भी हैं.

इसके अलावा, पंजाब नेशनल बैंक का अडानी ग्रुप की कंपनियों के लिए एक्सपोजर 70 बिलियन रुपये था. यह बात बैंक के सीईओ अतुल गोयल ने पिछले महीने संवाददाताओं से कही थी. गोयल ने कहा कि बैंक का लगभग एक तिहाई लोन अडानी के एयरपोर्ट बिजनेस और नकदी प्रवाह के लिए था.

प्राइवेट सेक्टर के IDFC First Bank Ltd. ने गुरुवार को एक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि अडानी ग्रुप का बकाया लोन उसके कुल लोन का 0.1 प्रतिशत से कम था. इस बीच, इंडसइंड बैंक लिमिटेड ने कहा कि अडाणी ग्रुप में लोन, बैंक के कुल लोन का 0.5 प्रतिशत है.

सरकार के स्वामित्व वाली लाइफ इंश्योरेंस कंपनी LIC ने अडानी ग्रुप के लोन और इक्विटी में 36,474.78 करोड़ रुपये के निवेश का खुलासा किया है, और कहा कि यह राशि उसके कुल निवेश का एक प्रतिशत से भी कम है.

आपको बता दें कि अडानी एंटरप्राइजेज का शेयर गुरुवार को बीएसई पर 26.50 प्रतिशत गिरकर 1,564.70 रुपये पर बंद हुआ, जबकि बेंचमार्क पर 0.38 प्रतिशत की बढ़त थी.