RBI ने दी हिदायत - 1 जुलाई से क्रेडिट कार्ड से नहीं ले पाएंगे इस खास सेवा का लुत्फ़
अगर आप भी क्रेडिट कार्ड रखते हैं और इसके जरिए अपने डिजिटल वॉलेट (digital wallet) में पैसे ट्रांसफर करते हैं, तो आपके लिए ये बुरी ख़बर है. दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India - RBI) ने हाल ही में कहा है कि सभी नॉन-बैंकिंग इंस्टीट्यूशंस को प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (prepaid payment instruments) जैसे प्रीपेड वॉलेट (prepaid wallet) और कार्ड में क्रेडिट लाइन लोड करने की अनुमति नहीं होगी.
नया बदलाव एक जुलाई से प्रभावी होगा.
आरबीआई द्वारा जारी स्पष्टीकरण में कहा गया है, "PPI-MD क्रेडिट लाइनों से PPI को लोड करने की अनुमति नहीं देता है. इस तरह की प्रथा, यदि चलन में है, तो इसे तुरंत रोका जाना चाहिए. इस संबंध में किसी भी नॉन-कंपलायंस में निहित Payment and Settlement Systems Act, 2007 के प्रावधानों के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जा सकता है."
इसमें आगे कहा गया है कि "PPI-MD (मास्टर डायरेक्शन) को केवल भारत में रेग्यूलेटेड संस्थाओं से नकद, बैंक खाते में डेबिट, क्रेडिट और डेबिट कार्ड, PPI (समय-समय पर अनुमति के अनुसार) और दूसरे पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स लोड / रिलोड करने की अनुमति दी जाएगी और केवल INR में होंगी."
आरबीआई के मुताबिक, प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (PPIs) ऐसे पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स हैं, जो माल और सेवाओं की खरीद की सुविधा प्रदान करते हैं. ये फंड्स ट्रांसफर, फाइनेंशियल सर्विसेज और रेमीटेंस के तहत या इंस्ट्रूमेंट्स की वैल्यू पर होते हैं. PPI पेमेंट वॉलेट, स्मार्ट कार्ड, मोबाइल वॉलेट, मैग्नेटिक चिप्स, वाउचर आदि के रूप में होते हैं. बैंक और NBFC PPI जारी कर सकते हैं.
इसका सीधा मतलब है कि ग्राहक अब ऐसे वॉलेट/कार्ड को अपनी क्रेडिट लाइन से लोड नहीं कर सकते हैं. यह आदेश फिनटेक खिलाड़ियों को प्रभावित करेगा जो ग्राहकों को वॉलेट लोड करने सहित कई सेवाओं की अनुमति देते हैं. इनमें से कुछ फिनटेक क्रेडिट देने के लिए बैंकों के साथ गठजोड़ कर रहे हैं.
, , , का इत्यादि प्रीपेड को-ब्रांडेड कार्डों के माध्यम से क्रेडिट प्रदान करते हैं. लेकिन मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, यहां ऐसे कार्ड जारी करने वाले प्रमुख बैंक SBM Bank India, RBL Bank जैसे बैंक हैं.इसके अलावा, कुछ मामलों में, जबकि कार्ड बैंक द्वारा जारी किया गया हो सकता है, क्रेडिट लाइन को फिनटेक के NBFC पार्टनर द्वारा बढ़ाया जाता है.
चूंकि आरबीआई द्वारा अभी विस्तृत अधिसूचना और स्पष्टीकरण देना बाकी है, इसलिए इस कदम के प्रभाव का पता लगाया जाना बाकी है. हाल ही में एक साक्षात्कार में, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक जल्द ही डिजिटल पेमेंट स्पेस को रेग्यूलेट करने और कंज्यूमर्स के लिए इसे अधिक सिक्योर करने के लिए नॉर्म्स लेकर आएगा.