ग्रॉसरी डिलीवरी ऐप Zepto ने मुंबई में लॉन्च की 10 मिनट की फूड डिलीवरी सर्विस 'Cafe'
"स्पीडी डिलीवरी हाल के महीनों में जिस रफ्तार से ऊपर गई है, उसके साथ ही इसने कई तरह की नाराज़गी का भी सामना किया है। डिलीवरी पार्टनर की सुरक्षा और उन पर टाइमलाइन के दबाव को लेकर अभी भी सवाल बने हुए हैं। समय-समय पर इसका विरोध सोशल मीडिया पर भी देखने को मिल जाता है।"
पिछले साल ऑनलाइन ग्रॉसरी स्पेस में
ने दस मिनट या उससे कम समय में ग्राहकों तक ज़रूरी सामान पहुंचाने के अपने वादे के साथ पिच को कतारबद्ध किया था और अब 'ब्रेक टाइम एसेंशियल' के साथ कुछ ऐसा ही करना चाहता है। यह ऐसे समय में आया है जब ज़ोमैटो, स्विगी और ओला जैसे सभी बड़े फूड डिलीवरी प्रतिद्वंद्वी दस मिनट में अपने ऐप के माध्यम से फूड डिलीवरी का दावा कर रहे हैं और बाज़ार में पहले से मौजूद हैं।आपको बता दें, कि Zepto 99 रुपये के ऑर्डर पर भी अपने कस्टमर्स को मुफ्त डिलीवरी प्रदान कर रहा है। दस मिनट में डिलीवर होने वाली कुछ वस्तुओं में चाय, क्रोइसैन, समोसा और कॉफी शामिल हैं। ऐप देखते हुए यह पता चलता है, कि इस स्टार्टअप ने ब्लू टोकाई कॉफी, चायोस, गुरुकृपा स्नैक्स और सैसी टीस्पून जैसे रेस्तरां के साथ करार किया है।
ने पहले कहा था कि वह दस मिनट में बिरयानी, मोमोज, ब्रेड ऑमलेट, पोहा, कॉफी, चाय और यहां तक कि इंस्टेंट नूडल्स भी डिलीवर कर सकेगा। ओला भी अपनी क्विक कॉमर्स सर्विस 'ओला डैश' के माध्यम से बेंगलुरु में दस मिनट में पिज्जा और रोल जैसे आइटम पेश कर रहा है।
क्विक कॉमर्स कंपनियां स्पीड फूड डिलीवरी को एक प्राकृतिक विस्तार के रूप में देखती हैं, क्योंकि वे अपने डिलीवरी इंफ्रा का उपयोग क्लाउड किचन और सुविधा स्टोर के साथ गठजोड़ करने के लिए कर सकती हैं, जो बेकरी आइटम, कॉफी, स्नैक्स आदि का स्टॉक करते हैं।
Zepto को 2020 के अंत में 19 वर्षीय आदित पलिचा और कैवल्य वोहरा द्वारा स्थापित किया गया था। कंपनी ने अपनी सेवाएं अप्रैल 2021 से लॉन्च कीं। आदित और कैवल्य स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग प्रोग्राम से बाहर हो गए थे। दुबई में पले-बढ़े और व्यवसायिक पृष्ठभूमि के चलते, इस जोड़ी ने काम की शुरुआत व्यवस्थित तरीके से की। स्कूल के दिनों में इन्होंने अपना पहला स्टार्टअप 'गोपूल' शुरू किया। यह एक राइड पूलिंग ऐप था, जिसे दुबई स्थित फर्म द्वारा अधिग्रहित कर लिया गया।
भारत से आने वाले यूनिकॉर्न की कहानियों से प्रेरित होकर, आदित पलिचा और कैवल्य वोहरा दूसरी बार उद्यमिता में अपनी किस्मत आजमाने के लिए मुंबई आए। यह वह समय था, जब पेंडेमिक ने राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन में बुनियादी आवश्यक चीजों की व्यवस्था करना कठिन कर दिया था।
ऐसे में इस जोड़ी ने एक ऐसा स्टार्टअप शुरू करने का फैसला किया, जो लॉकडाउन में रोज़मर्रा की ज़रूरी चीज़ों को सही समय पर अपने कस्टमर्स को पहुंचा दे। यह जद्दोजहद थोड़े दिन चली और फिर इन्होंने Zepto की स्थापना की।
आपको बता दें, कि स्पीडी डिलीवरी हाल के महीनों में जिस रफ्तार से ऊपर गई है, उसके साथ ही इसने कई तरह की नाराज़गी का भी सामना किया है। डिलीवरी पार्टनर की सुरक्षा और उन पर टाइमलाइन के दबाव को लेकर अभी भी सवाल बने हुए हैं। समय-समय पर इसका विरोध सोशल मीडिया पर भी देखने को मिल ही जाता है।
वहीं दूसरी तरफ चेन्नई ट्रैफिक पुलिस ने डिलीवरी पार्टनर्स के खिलाफ 978 मामले दर्ज करने के बाद ऐप-आधारित डिलीवरी सेवाओं पर 1,35,400 रुपये का जुर्माना लगाया दिया। शहर की यातायात पुलिस द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इन कंपनियों में ज़ोमैटो, स्विगी और डंज़ो शामिल हैं।
गौरतलब है, कि स्पीड फूड डिलीवरी सेवाएं बहुत कम समय में अपने ग्राहकों तक ज़रूरत का सामान पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह प्रतिबद्धता "डिलवरी बॉय को तेज स्पीड में गाड़ी चलाने के लिए मजबूर करती है।" ना चाहते हुए भी वह समय से पहले पहुंचने की कोशिश करते हैं। साथ ही, दस मिनट में फूड डिलीवर करने का वादा, इस बात पर भी सवाल खड़े करता है, कि "जिन फूड्स को ग्राहकों तक दस मिनट में पहुंचाये जाने का दावा किया जा रहा है, उनकी क्वालिटी कैसी है?"
-ये दोनों सवाल ज़रूर और बड़े हैं, जो डिलीवरी पार्टनर्स और कस्टमर्स दोनों के प्रति चिंता बढ़ाते हैं। देखना ये है कि 'स्पीड फूड डिलीवर' कंपनियां इसके लिए क्या नये नियम लेकर आती हैं।