RBI ने हटाईं सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया पर लगी PCA की पाबंदियां
आरबीआई ने कहा कि विभिन्न मानकों पर बैंक के प्रदर्शन में आए सुधार के अलावा न्यूनतम पूंजीगत मानकों का पालन के बारे में बैंक की तरफ से दिए गए लिखित आश्वासन के बाद उसे पीसीए दायरे से बाहर करने का फैसला किया गया है.
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India -RBI) ने सार्वजनिक क्षेत्र के सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को PCA फ्रेमवर्क यानी प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन से बाहर निकालने का फैसला किया है. सेंट्रल बैंक को साल 2017 में पीसीए के दायरे में लाया गया था. बैंक ने रिजर्व बैंक को लिखित में भरोसा दिलाया कि वह सभी नियमों का पालन करेगा. वह मिनिमम रेगुलेटरी कैपिटल, नेट एनपीए और लेवरेज रेशियों को दायरे में रखेगा. सेंट्रल बैंक PCA के दायरे में लाए गए सभी बैंकों में आखिरी बचा हुआ था.
आरबीआई ने मंगलवार को बयान में कहा कि सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के प्रदर्शन की समीक्षा किए जाने के बाद उसे पीसीए रूपरेखा के दायरे से बाहर रखने का फैसला किया गया है. वित्तीय निगरानी बोर्ड ने इस बैंक के प्रदर्शन की समीक्षा में यह पाया कि मार्च, 2022 में समाप्त वित्त वर्ष में उसने पीसीए मानकों का उल्लंघन नहीं किया था.
आरबीआई ने कहा कि विभिन्न मानकों पर बैंक के प्रदर्शन में आए सुधार के अलावा न्यूनतम पूंजीगत मानकों का पालन के बारे में बैंक की तरफ से दिए गए लिखित आश्वासन के बाद उसे पीसीए दायरे से बाहर करने का फैसला किया गया है.
पीसीए प्रारूप को उस स्थिति में लागू किया जाता है जब परिसंपत्ति पर मिलने वाले रिटर्न, न्यूनतम पूंजी बनाए रखने और एनपीए की मात्रा से संबंधित नियामकीय प्रावधानों का बैंक पालन नहीं करता है. पीसीए दायरे में रखे जाने के बाद वह बैंक खुलकर कर्ज देने से कई तरह से रोक दिया जाता है और उसे कई तरह की बंदिशों के भीतर काम करना पड़ता है.
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को आरबीआई ने जून, 2017 में पीसीए के दायरे में रखने का फैसला किया था. शुद्ध गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) के ऊंचे स्तर और परिसंपत्तियों पर मिलने वाले कम रिटर्न की वजह से बैंक को पीसीए निगरानी सूची में रखा गया था.
आरबीआई ने पीसीए मानकों के उल्लंघन की वजह से सेंट्रल बैंक के अलावा इंडियन ओवरसीज बैंक और यूको बैंक को भी इसके तहत निगरानी सूची में रखा था. अन्य दोनों बैंकों को सितंबर, 2021 में ही निगरानी सूची से बाहर कर दिया गया था.
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने आरबीआई को लिखित में यह प्रतिबद्धता दी है कि वह न्यूनतम नियामकीय पूंजी और शुद्ध एनपीए के मानकों का अनुसरण करेगा. उसने केंद्रीय बैंक को बैंक के भीतर किए गए संरचनात्मक एवं प्रणालीगत सुधारों से भी अवगत कराया है.
रिजर्व बैंक ने इंडियन ओवरसीज बैंक, यूको बैंक और IDBI बैंक को भी पीसीए फ्रेमवर्क में डाला था जिन्हें पिछले साल ही इससे बाहर निकाल दिया गया था. जून तिमाही में सेंट्रल बैंक के नेट प्रॉफिट में 14 फीसदी का उछाल दर्ज किया गया और यह 235 करोड़ रहा. नेट इंट्रेस्ट इनकम में महज 1 फीसदी की तेजी दर्ज की गई. ऑपरेटिंग प्रॉफिट में गिरावट दर्ज की गई और यह 1221 करोड़ रहा. बैड लोन ग्रॉस एडवांस का 14.90 फीसदी रहा. जून 2021 तिमाही में यह 15.92 फीसदी रहा था. ग्रॉस एनपीए 29001 करोड़ रहा जो जून 2021 में 27891 करोड़ रहा था.
Edited by रविकांत पारीक