रुपये को 80 पार जाने से रोकने के लिए RBI ने बेच दिए 13 अरब डॉलर, जानिए अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर?
फरवरी में रूस-यूक्रेन युद्ध की शुरुआत के बाद से भारतीय रुपया दबाव में है. रिजर्व बैंक अस्थिरता पर अंकुश लगाने और रुपये के गिरते मूल्य को थामने के लिए विदेशी मुद्रा बाजार में नियमित रूप से हस्तक्षेप कर रहा है.
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये को और गिरने से रोकने के अपने प्रयासों के तहत स्पॉट मार्केट में 13 अरब डॉलर बेच दिए. आरबीआई ने यह कदम विदेशी मुद्रा में गिरावट को देखते हुए उठाया है. फिलहाल रुपया 80 रुपये के आसपास टिका हुआ है. फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में आरबीआई द्वारा करेंसी मार्केट में किया गया यह अब तक का सबसे बड़ा हस्तक्षेप है.
बता दें कि, आरबीआई की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, 29 जुलाई से दो सितंबर के बीच लगातार पांच सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 21 अरब डॉलर घटकर 553.1 अरब डॉलर रह गया. इसमें पिछले हफ्ते की तुलना में 7.941 अरब डॉलर की कमी आई. इससे पहले 26 अगस्त को समाप्त हुए हफ्ते के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 561.046 अरब डॉलर था.
आंतरिक अनुमान दिखाते हैं कि 29 जुलाई से 2 सितंबर के बीच 21 अरब डॉलर के विदेशी मुद्रा भंडार में से, 7 अरब डॉलर का अवमूल्यन नॉन-डॉलर एसेट्स में हो गया. वहीं, ऐसा माना जा रहा है कि बाकी के 13 अरब डॉलर को स्पॉट मार्केट में बेच दिया गया.
दरअसल, फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स को बनाए रखने के लिए मुद्रा दर को स्थिर रखना बेहद जरूरी होता है जो कि फिलहाल भारतीय बाजारों से तेजी से निवेश निकाल रहे हैं. 29 अगस्त को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अपने अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंचकर 80.13 पर आ गया था.
वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि ब्याज दरों में आक्रामक बढ़ोतरी से मांग में कमी आएगी और अमेरिका में मंदी की आशंका बढ़ जाएगी. यह पूंजी निकासी की गति को और तेज कर सकता है, रुपये को कमजोर कर सकता है और इससे आयातित मुद्रास्फीति का खतरा बढ़ा सकता है.
फरवरी में रूस-यूक्रेन युद्ध की शुरुआत के बाद से भारतीय रुपया दबाव में है. रिजर्व बैंक अस्थिरता पर अंकुश लगाने और रुपये के गिरते मूल्य को थामने के लिए विदेशी मुद्रा बाजार में नियमित रूप से हस्तक्षेप कर रहा है.
इस बीच, हाल ही में आरबीआई और वित्त मंत्रालय ने बैंकों के शीर्ष प्रबंधन और व्यापार निकायों के प्रतिनिधियों को रुपये मुद्रा में निर्यात और आयात संबंधी लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए कहा है. सूत्रों ने कहा कि एक बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि डॉलर के बजाय भारतीय मुद्रा में सीमापार व्यापार की सुविधा के लिए विशेष रुपया खाते खोलने को लेकर बैंकों को अपने विदेशी समकक्षों के साथ जुड़ना चाहिए.
Edited by Vishal Jaiswal