टैक्स से लेकर स्कूल फीस और किराए तक, भारत बिल पेमेंट सिस्टम से जल्द कर सकेंगे हर तरह के भुगतान
भारत बिल पेमेंट सिस्टम की शुरुआत 2017 में हुई थी.
भारतीय नागरिक जल्द ही भारत बिल पेमेंट सिस्टम (BBPS) से हर तरह के भुगतान कर सकेंगे. वह ऐसे कि RBI (Reserve Bank of India) ने BBPS (Bharat Bill Payment System) का दायरा बढ़ाने का फैसला किया है. बीबीपीएस, एनपीसीआई भारत बिलपे लिमिटेड (एनबीबीएल) द्वारा संचालित एक इंटरऑपरेबल प्लेटफॉर्म है, जो उपभोक्ताओं और बिलर्स की बिल भुगतान आवश्यकताओं को समान रूप से सुविधाजनक बना रहा है. इसकी शुरुआत 2017 में हुई थी.
तब से लेकर अब तक भारतीय रिजर्व बैंक ने समय-समय पर इस प्लेटफॉर्म में विभिन्न सुधारों की घोषणा की है. प्लेटफॉर्म पर संचालित लेनदेन की मात्रा और मूल्य लगातार बढ़ रहा है.
MPC की बैठक में लिया गया फैसला
दिसंबर माह की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में यह फैसला किया गया. बैठक के नतीजों की घोषणा के बाद आरबीआई की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि बीबीपीएस वर्तमान में नॉन-रिकरिंग भुगतान या व्यक्तियों की कलेक्शन आवश्यकताओं को सक्षम नहीं करता है, भले ही वे रिकरिंग प्रकृति के हों. नतीजतन, भुगतान/कलेक्शन की कुछ कैटेगरी, बीबीपीएस के दायरे से बाहर रहती हैं, जैसे- प्रोफेशनल सर्विस फीस पेमेंट्स, शिक्षा शुल्क, कर भुगतान, किराया कलेक्शन आदि. इसलिए, बीबीपीएस के दायरे का विस्तार करने का निर्णय लिया गया है ताकि रिकरिंग और नॉन-रिकरिंग यानी भुगतान/कलेक्शन की सभी कैटेगरी को इसके दायरे में लाया जा सके.
क्या होगा फायदा
यह कदम, बीबीपीएस प्लेटफॉर्म को व्यक्तियों और व्यवसायों के व्यापक समूह के लिए सुलभ बना देगा, जो पारदर्शी व समान भुगतान अनुभव, धन की तेज पहुंच और बेहतर दक्षता से लाभान्वित हो सकते हैं. इस संबंध में एनबीबीएल को अलग से दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे. BBPS से बिल भेजने वाली करीब 20,000 इकाइयां जुड़ी हैं. इस प्रणाली पर मासिक आधार पर आठ करोड़ लेन-देन होते हैं.
इससे पहले अगस्त 2022 में सुविधा दी गई थी कि प्रवासी भारतीय (NRI) अब भारत में अपने परिवार के सदस्यों की ओर से भारत बिल भुगतान प्रणाली (Bharat Bill Payment System) से बिजली, पानी जैसी सुविधाओं के बिल और स्कूल, कॉलेज की फीस का भुगतान कर सकेंगे. इससे विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों को काफी फायदा होगा.
रेपो रेट में 0.35% की वृद्धि
भारतीय रिजर्व बैंक ने मुख्य रूप से महंगाई को काबू में लाने के मकसद से बुधवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर रेपो (Repo Rate) को 0.35 प्रतिशत और बढ़ाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया. इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अनुमान को 7 प्रतिशत से घटाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है.