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आर्थिक ग्रोथ को लेकर 12 सालों में सबसे अधिक निराशावादी दिख रहे दुनिया भर के CEO: रिपोर्ट

PwC ने अपनी सर्वे रिपोर्ट में कहा, 2021 और 2022 में आर्थिक ग्रोथ को लेकर जो अनुमान जारी किए गए 2023 को लेकर जारी अनुमान उससे बिल्कुल अलग हैं. उस समय दो तिहाई सीईओ ने उम्मीद जताई थी कि 2023 में आकर आर्थिक स्थिति सुधरेगी.

आर्थिक ग्रोथ को लेकर 12 सालों में सबसे अधिक निराशावादी दिख रहे दुनिया भर के CEO: रिपोर्ट

Tuesday January 17, 2023 , 3 min Read

दुनिया भर के सीईओ के बीच हुए एक ग्लोबल सर्वे में 73 फीसदी ने कहा है कि अलगे 12 महीनों में ग्लोबल इकोनॉमिक ग्रोथ में गिरावट आ सकती है. एक दशक से ऊपर के समय में पहली बार आर्थिक ग्रोथ को लेकर इतना नकारात्मक माहौल बना है.

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम एनुअल मीटिंग के पहले दिन इस सर्वे को जारी किया है. इस रिपोर्ट में PwC ने कहा, 2021 और 2022 में आर्थिक ग्रोथ को लेकर जो अनुमान जारी किए गए 2023 को लेकर जारी अनुमान उससे बिल्कुल अलग हैं.

उस समय दो तिहाई सीईओ ने उम्मीद जताई थी कि 2023 में आकर आर्थिक स्थिति सुधरेगी. PwC की रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि PwC ने 12 सालों से इस बारे में सवाल पूछने शुरू किए हैं तब से पहली बार सीईओ के सेंटिमेंट इतने निराशावादी नजर आए हैं.

सर्वे में आगे बताया गया कि 40 फीसदी सीईओ ऐसा मानते हैं कि अगर उनके ऑर्गनाइजेशन ने खुद में हालात के हिसाब से बदलाव नहीं कि तो अगले 10 बरसों में उनके लिए मार्केट या कारोबार में बने रहना मुश्किल हो जाएगा.

इस समय इकॉनमी के लिए महंगाई, मैक्रोइकॉनमिक मोर्चे पर अस्थिरता और भूराजनीतिक विवाद को सबसे टॉप रिस्क बताया गया. वहीं साइबर और हेल्थ एक साल के पहले के मुकाबले रिस्क के लिहाज से नीचे खिसके हैं.

सर्वे में ये भी बताया गया है कंपनियां कॉस्ट कटिंग जरूर कर रही हैं लेकिन ग्रेट रेजिगनेशन के दौर के बाद लोगों को हटाने या सैलरी घटाने जैसी स्थिति के बारे में नहीं सोचा है.

फ्रांस, जर्मनी और यूनाइटेड किंगडम में लीडर्स ने ग्लोबल ग्रोथ के मुकाबले घरेलू मोर्चे पर ग्रोथ को लेकर ज्यादा निराशा जताई. वहीं इसके उलट यूनाइटेड स्टेट्स, ब्राजील, इंडिया और चीन के लीडर्स ने ग्लोबल ग्रोथ के मुकाबले घरेलू स्तर पर ज्यादा ग्रोथ नजर आने की उम्मीद जताई है.

सीईओ के अलावा ज्यादातर रेटिंग एजेंसियों ने भी प्रतिकूल माहौल के बाद भी भारत के आर्थिक ग्रोथ को लेकर पॉजिटिव आउटलुक ही दिया है.

वर्ल्ड बैंक के मुताबिक भारतीय इकॉनमी 2022-23 में 2021-22 के मुकाबले सुस्त रह सकती है लेकिन इसके बाद भी यह सबसे ज्यादा डोमेस्टिक डिमांड की वजह से सबसे तेजी से बढ़ने वाली इकॉनमी रहेगी.

वर्ल्ड बैंक ने भारत के लिए 2022-23 के लिए अपना जीडीपी अनुमान भी 6.5 पर्सेंट से बढ़ाकर 6.9 पर्सेंट कर दिया है. जबकि आरबीआई ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए अपना अनुमान घटाकर 6.8 फीसदी पर ला दिया है.

PwC ने अपना 26वां एनुअल सर्वे 105 देशों के 4,410 सीईओ से प्रतिक्रियाएं जुटाईं. ये सर्वे अक्टूब से नवंबर 2022 के बीच किया गया.


Edited by Upasana