कागज की पुनर्चक्रण योग्य और टिकाऊ प्रकृति इसे चक्रीय अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण अंग बनाती है: पीयूष गोयल
कागज उद्योग के महत्व को स्वीकार करते हुए, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने ज्ञान, इतिहास, साहित्य के वाहक और रोजमर्रा की जिंदगी में एक आवश्यक माध्यम के रूप में इसकी अभिन्न भूमिका पर प्रकाश डाला.
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण तथा वस्त्र मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि जैसे-जैसे देश आर्थिक रूप से आगे बढ़ेगा, कागज उद्योग समृद्ध होता रहेगा. हाल ही में नई दिल्ली में फेडरेशन ऑफ पेपर ट्रेडर्स एसोसिएशन इन इंडिया (FPTA) की 62वीं वार्षिक आम बैठक को संबोधित करते हुए, गोयल ने कहा कि कागज की पुनर्चक्रण योग्य और टिकाऊ प्रकृति इसे चक्रीय (सर्कुलर) अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण अंग बनाती है.
कागज उद्योग के महत्व को स्वीकार करते हुए, पीयूष गोयल ने ज्ञान, इतिहास, साहित्य के वाहक और रोजमर्रा की जिंदगी में एक आवश्यक माध्यम के रूप में इसकी अभिन्न भूमिका पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि डिजिटल युग में, कागज एक प्रमुख स्थान रखता है, पहुंच प्रदान करता है और संचार, ब्रांडिंग, पैकेजिंग सहित कई बहुआयामी उद्देश्यों को पूरा करता है.
केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा कि सरकार व्यापार जगत के लिए और अर्थव्यवस्था के विस्तार पर अधिक प्रयास कर रही है. प्रतिस्पर्धी गुणवत्ता और सेवा की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए, केंद्रीय मंत्री ने उद्योग के लिए एक रणनीतिक मार्ग की रूपरेखा सामने रखी, जिसमें एकीकृत मिलों, लागत में कमी और नवाचार को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया गया. उन्होंने एक महत्वपूर्ण कारक के रूप में स्थिरता पर जोर दिया, उद्योग को पुनर्नवीनीकरण सामग्री से कागज निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने और दायित्व पूर्ण तौर तरीकों के माध्यम से पारिस्थितिकी संतुलन सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहित किया.
गोयल ने घरेलू उत्पादन क्षमता के विस्तार में 'आत्मनिर्भरता' के महत्व को रेखांकित किया और एकल-उपयोग प्लास्टिक के स्थान पर कागज के नए ग्रेड के विकास का अनुरोध किया. उन्होंने विशेष रूप से नवीन पैकेजिंग समाधानों के माध्यम से निर्यात की विशाल संभावनाओं पर प्रकाश डाला, और टिकाऊ व उच्च गुणवत्ता वाले कागज उत्पादों का उत्पादन करने के लिए भारतीय पैकेजिंग संस्थान जैसे संस्थानों के साथ सहयोग का आग्रह किया.
कागज आयात के संबंध में उद्योग के कुछ वर्गों द्वारा उठाई गई चिंताओं पर बोलते हुए, गोयल ने उनसे जुड़ा विशिष्ट विवरण देने का आग्रह किया और साथ ही, उन्हें किसी भी कदाचार को दूर करने के लिए व्यापार उपचार महानिदेशक से संपर्क करने का सुझाव दिया. उन्होंने घरेलू कागज विनिर्माण में निवेश में वृद्धि की संभावना को स्वीकार करते हुए सभी हितधारकों के हितों के बीच संतुलित स्थापित करने की सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया.
अंत में, केंद्रीय मंत्री ने नए भारत की आकांक्षाओं के पथप्रदर्शक और देश की विकास गाथा में योगदानकर्ताओं के रूप में कागज उद्योग के प्रतिनिधियों की सराहना की. उन्होंने इस परिवर्तनकारी यात्रा में उद्योग की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए भारत को एक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में आगे बढ़ाने के सामूहिक दृष्टिकोण को दोहराया.