Reliance, Tata Power को भी मिला PLI स्कीम के तहत 14,000 करोड़ रुपये का सोलर मॉड्यूल इंसेंटिव
सरकार ने कहा कि यह 35,010 प्रत्यक्ष रोजगार और 66,477 अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के साथ कुल 1,01,487 नौकरियां पैदा करेगा.
केंद्र सरकार ने पीएलआई योजना के तहत 14,007 करोड़ रुपये में 11 कंपनियों को घरेलू सौर पीवी मॉड्यूल निर्माण क्षमता का 39,600 मेगावाट आवंटित किया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, Reliance को 6,000 मेगावाट, Waaree को 6000 मेगावाट, ReNew को 4,800 मेगावाट, JSW को 1,000 मेगावाट जबकि Tata Power Solar को 4,000 मेगावाट की क्षमता प्रदान की गई है.
कुल 7400 मेगावाट की विनिर्माण क्षमता अक्टूबर 2024 तक, 16,800 मेगावाट क्षमता अप्रैल 2025 तक और शेष 15,400 मेगावाट क्षमता अप्रैल 2026 तक चालू होने की उम्मीद है. इसमें 93,041 करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद है.
सरकार ने कहा कि यह 35,010 प्रत्यक्ष रोजगार और 66,477 अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के साथ कुल 1,01,487 नौकरियां पैदा करेगा.
नवंबर-दिसंबर, 2022 में योजना के भाग-I के तहत 8737 मेगावाट की कुल एकीकृत क्षमता आवंटित की गई थी. दो चरणों को मिलाकर, पीएलआई योजना के तहत आवंटित कुल घरेलू सौर पीवी मॉड्यूल निर्माण क्षमता 48,337 मेगावाट है, जिसमें सरकार द्वारा 18,500 करोड़ रुपये से अधिक का समर्थन मिला है.
"पीएलआई योजना भारत के नवीकरणीय परिदृश्य में बड़ी अहम साबित हुई है जिसके परिणामस्वरूप अगले 3 वर्षों के भीतर लगभग 48 गीगावॉट घरेलू मॉड्यूल निर्माण क्षमता है. इस योजना ने न केवल वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के झटकों के प्रभाव को कम करने के लिए बल्कि प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण का पालन करते हुए हमारी आयात निर्भरता को भी कम करने के सरकार के प्रयासों को बढ़ावा दिया है." आर. के. सिंह, केंद्रीय ऊर्जा और एनआरई मंत्री ने ये बात कही.
उन्होंने कहा कि भारत हाई टेक्नोलॉजी वाले सौर पीवी मॉड्यूल के उत्पादन में मूल्य श्रृंखला में ऊपर चढ़ने की राह पर है और हाल ही में क्षमता में वृद्धि सौर विनिर्माण क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है.
बीते साल, सितंबर महीने में हुई कैबिनेट बैठक में सोलर पीवी मॉड्यूल के लिए दूसरी PLI स्कीम को लेकर बड़ा फैसला हुआ. 19,500 करोड़ रुपए की PLI स्कीम की घोषणा की गई है. इस स्कीम से सोलर पैनल को देश में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा. इससे न केवल देश के आयात में कमी आएगी बल्कि भारत नियार्त करने की स्थिति बनेगी. इसके अलावा इससे 2030 तक 500 गीगा वॉट गैर पारंपरिक ऊर्जा जेनरेट करने के लक्ष्य के तहत बहुत तेजी आएगी.
इस योजना के अनुसार, केंद्र अतिरिक्त उत्पादन पर प्रोत्साहन देगा और कंपनियों को भारत में बने उत्पादों को निर्यात करने की अनुमति देगा. PLI स्कीम का लक्ष्य प्रतिस्पर्धात्मक माहौल बनाने के लिए निवेशकों को प्रोत्साहित करना है.
Edited by रविकांत पारीक