अपने जन्मदिन पर अलीबाबा से रिटायर हुए जैक मा, अब डैनियल झांग लेंगे उनकी जगह
अलीबाबा ग्रुप के चेयरमैन जैक मा ने आज यानी 10 सितंबर को अपने 55वें जन्मदिन के अवसर पर कंपनी की बागडोर छोड़ दी। जैक मा ने कंपनी की बागडोर डैनियल झांग को सौंप कर रिटायरमेंट ले लिया है। डेनियल फिलहाल कंपनी के सीईओ हैं।
कंपनी के को-फाउंडर जोसफ साई एग्जिक्यूटिव वाइस चेयरमैन के पद पर बने रहेंगे। माना जा रहा है कि अलीबाबा से रिटायर होने के बाद जैक मां अब शिक्षा के क्षेत्र में काम पर फोकस करेंगे। 10 सितंबर 1964 को चीन के हन्ग्ज़्हौ, ज्हेजिंग में जन्में जैक मा की सक्सेस स्टोरी अविश्वसनीय है।
अलीबाबा को इस ऊंचाई तक पहुंचाने वाले जैक मा ने अपनी करियर की शुरुआत एक अंग्रेजी टीचर के तौर पर की थी। लेकिन आज वे दुनिया के सबसे अमीर शख्स में से एक हैं। अलीबाबा से रिटायर होने के बावजूद मा अगले साल तक अपने वार्षिक आम शेयरधारकों की बैठक तक अलीबाबा के बोर्ड में अपनी सेवाएं जारी रखेंगे। वह सलाहकरा के तौर पर कंपनी से जुड़े रहेंगे। मा अपनी 41.7 अरब डॉलर की दौलत को एजुकेशन से जुड़े कामों को प्रमोट करने में लगाएंगे।
बता दें कि कंपनी से रिटायर होने के जैक मा के फैसले ने भले ही सभी को चौंका दिया हो लेकिन इसकी तैयारी काफी पहले से चल रही थी। बीते साल से ही कंपनी के हैंडओवर की तैयारियां चल रही हैं। तब मा ने कहा था कि वह कंपनी से अलग होकर परोपकार समाज से जुड़े कार्यों पर फोकस करना चाहते हैं।
जैक मा ने भी माइक्रोसॉफ्ट के बिल गेट्स के बिल ऐंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की तरह 2014 में जैक मा फाउंडेशन की शुरुआत की थी।
गौरतलब है कि मा ने 2013 में अलीबाबा के सीईओ का पद छोड़ा था। तब जोनाथन लू ने उनकी जगह ली थी। 2015 में लू की जगह कंपनी के पूर्व सीओओ झांग ने ले ली। पहले सीईओ और अब इसके अध्यक्ष के रूप में, झांग ने अलीबाबा की बागडोर को संभाला है। हालांकि उनके सामने एक दशक तक धमाकेदार ग्रोथ के बाद चीन के ई-कॉमर्स बाजार में आई मंदी का सामना करना एक बड़ी चुनौती है।