14 राज्यों को जारी किया गया 7,183.42 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा अनुदान
चालू वित्त वर्ष में अब तक राज्यों को जारी कुल राजस्व घाटा अनुदान बढ़कर 14,366.84 करोड़ रुपये हुआ। 2022-23 में राज्यों को कुल 86,201 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा अनुदान जारी किया जाएगा।
वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने 14 राज्यों को 7,183.42 करोड़ रुपये के अंतरण पश्चात राजस्व घाटा (PDRD) अनुदान की पहली मासिक किस्त जारी की। यह अनुदान पंद्रहवें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार जारी किया गया है।
पंद्रहवें वित्त आयोग ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 14 राज्यों को कुल 86,201 करोड़ रुपये अंतरण पश्चात राजस्व घाटा अनुदान की सिफारिश की है। अनुशंसित अनुदान को व्यय विभाग द्वारा अनुशंसित राज्यों को 12 समान मासिक किश्तों में जारी किया जाएगा। इस रिलीज के साथ, 2022-23 में राज्यों को जारी राजस्व घाटा अनुदान की कुल राशि बढ़कर 14,366.84 करोड़ रुपये हो गई है।
संविधान के अनुच्छेद 275 के तहत राज्यों को अंतरण पश्चात राजस्व घाटा अनुदान प्रदान किया जाता है। राज्यों के राजस्व खातों में अंतर को पूरा करने के लिए क्रमिक वित्त आयोगों की सिफारिशों के अनुसार राज्यों को अनुदान जारी किया जाता है।
इस अनुदान को प्राप्त करने के लिए राज्यों की पात्रता और 2020-21 से 2025-26 की अवधि के लिए अनुदान की मात्रा का निर्धारण पंद्रहवें आयोग द्वारा राज्य के राजस्व और व्यय के आकलन के बीच के अंतर के आधार को ध्यान में रखते हुए किया गया था।
पंद्रहवें वित्त आयोग द्वारा 2022-23 के दौरान जिन राज्यों को अंतरण पश्चात राजस्व घाटा अनुदान देने की सिफारिश की गई है उनमें शामिल हैं : आंध्र प्रदेश, असम, हिमाचल प्रदेश, केरल, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, त्रिपुरा, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल।