इस कंपनी ने अडानी ग्रुप के साथ एयरक्राफ्ट डील को किया कैंसल, जानिए आगे का क्या है प्लान
Saab ने अडानी ग्रुप के साथ 2017 की एक डील को कैंसल कर दिया है. इसके तहत अडानी ग्रुप भारत में फाइटर एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चर करने वाला था. अब सवाल ये है कि ये कंपनी किसके साथ डील करेगी?
स्वीडिश एयरोस्पेस और डिफेंस कंपनी Saab ने अडानी ग्रुप (Adani Group) के साथ अपनी एक डील को कैंसल कर दिया है. Saab ने यह डील भारत में Gripen E फाइटर बनाने के लिए की थी. सोमवार को कंपनी ने कहा है कि अब कंपनी इस डील के साथ आगे नहीं बढ़ेगी. सवाल ये है कि आखिर किस वजह से कंपनी ने ऐसा किया है?
क्या कहा कंपनी ने?
सोमवार को दिल्ली में हुए एक मीडिया इंटरेक्शन में Saab India के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर Mats Palmberg ने कहा कि अब उन्होंने अडानी ग्रुप के साथ डील में आगे नहीं बढ़ने का फैसला किया है. यानी अब ये फाइटर अडानी ग्रुप मैन्युफैक्चर नहीं करेगी.
करीब 6 साल पहले हुए थी डील
करीब 6 साल पहले 31 अगस्त 2017 को Saab India और अडानी ग्रुप ने पार्टनरशिप की थी. दोनों कंपनियों के बीच का एग्रीमेंट तब प्रभावी होने वाला था, जब Saab को Gripen E fighter सप्लाई करने के लिए विदेशी पार्टनर चुना जाता.
114 फाइटर जेट का है टेंडर
Saab दुनिया की उन 7 ग्लोबल एयरोस्पेस कंपनियों में से एक है, जो इंडियन एयरफोर्स के एक टेंडर की दावेदार है. इस टेंडर के तरह 114 मीडियम मल्टीरोल फाइटर एयरक्राफ्ट बनाए जाने हैं. इस टेंडर की वैल्यू करीब 60-70 हजार करोड़ रुपये है.
तो अब किसके साथ डील करेगी कंपनी?
जब कंपनी से पूछा गया कि अब वह Gripen E fighter के लिए भारत में किस के साथ पार्टनर करेंगे तो कंपनी ने कहा कि यह फाइटर जेट अब उस कंपनी में मैन्युफैक्चर होंगे, जिसमें Saab की 74 फीसदी हिस्सेदारी होगी. कंपनी के अनुसार रक्षा मंत्रालय ने कंपनी को मैन्युफैक्चरिंग एंटिटी में 74 फीसदी हिस्सेदारी लेने की इजाजत दे दी है. मतलब कंपनी ने अब खुद ही इस फाइटर जेट की मैन्युफैक्चरिंग करने का मन बना लिया है.
रक्षा मंत्रालय ने सूचना के लिए एक अनुरोध जारी किया है और माना जा रहा है कि वह ओरिजनल इक्विपमेंट बनाने वालों का का मूल्यांकन कर रही है. जब मूल्यांकन फाइनल हो जाएगा, उसके बाद फैसला किया जाएगा कि किसे चुना जाए. बता दें कि भारतीय एयर फोर्स के पास विमानों की कुछ कमी है, जिसकी वजह से 114 नए एयरक्राफ्ट का ऑर्डर दिया गया है. इन नए विमानों के बाद भारतीय एयरफोर्स के बेड़े में विमानों की संख्या बढ़ जाएगी.
ब्रीफिंग में साब ने नई पीढ़ी की नेटवर्किंग तकनीक पर भी प्रकाश डाला, जो Gripen E फाटर में है. नए और अधिक शक्तिशाली जनरल इलेक्ट्रिक F-414 इंजन से चलने वाला एयरक्राफ्ट काफी काम का साबित होगा.