दो व्यक्तियों को एक ही PAN जारी करने पर दिल्ली हाई कोर्ट ने आयकर विभाग को किया जवाबतलब
भारत में पैन कार्ड व आधार कार्ड संख्या हर निवासी के लिए अलग- अलग होनी तय है. उसी प्रकार आयकर विभाग देश के केवल एक ही व्यक्ति को आवेदन करने पर पैन नंबर जारी करता है और इसी के आधार पर विभाग द्वारा करोड़ों के लेनदेन पर नजर भी रखी जाती है.
दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने मंगलवार को आयकर विभाग (Income tax department) को एक केस में जवाबतलब किया है. कोर्ट की शरण में गए एक युवक का दावा है कि उसका PAN (Permanent Account Number) किसी और को भी जारी कर दिया गया है जिसकी वजह से उसे क्रेडिट कार्ड का बिल चुकाने के लिए बैंक से नोटिस जारी हुआ है.
इस युवक को क्रेडिट कार्ड का भारी-भरकम बिल चुकाने के लिए बैंक से नोटिस मिलने के बाद कोर्ट का रूख करना पड़ा और केस की सुनवाई में कोर्ट ने आयकर विभाग से जवाब मांगा है.
आयकर विभाग की लापरवाही इस युवक के लिए सिरदर्द बनी हुई है. वो इसलिए क्योंकि आयकर विभाग ने एक ही नंबर के दो पैन कार्ड जारी किये हुए है जिसकी वजह से युवक का कहना है कि उसे 2 लाख रुपये के बिल का भुगतान करने को कहा गया है जबकि यह क्रेडिट कार्ड उसे जारी नहीं हुआ है.
जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने युवक की याचिका पर सुनवाई करते हुए आयकर विभाग, डायरेक्टर ऑफ़ इनकम टैक्स (सिस्टम), स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और क्रेडिट इन्फोर्मेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड को नोटिस जारी करते हुए जवाबतलब किया है.
अद्दलत में इस केस की अगली सुनवाई के लिए 21 अप्रैल की तारीख रखी गई है.
युवक ने अपील की है कि अदालत बैंक को निर्देश दे कि बैंक उनके क़र्ज़ को माफ़ कर दे क्योंकि वो क्रेडिट कार्ड होल्डर नहीं हैं. युवक की यह भी अपील है कि उनके PAN कार्ड में हुई गलती को सुधारा जाए. साथ ही युवक ने इस लापरवाही से हुई प्रताड़ना के लिए मुआवजे की मांग की है.
Edited by Prerna Bhardwaj