12 सौ किलोमीटर रिक्शा चलाकर दिल्ली से अपने गाँव पहुंचे समीरुल, गाँव वालों ने किया स्वागत
"लॉक डाउन के बीच बिहार के समीरुल 12 सौ किलोमीटर रिक्शा चलाकर दिल्ली से अपने गाँव पहुंचे हैं। समीरुल मधुबनी के हरखाली प्रखण्ड के सोठगाँव के निवासी हैं और दिल्ली में पिछले 18 सालों से मजदूरी कर रहे थे। जब प्रधानमंत्री मोदी ने जनता कर्फ़्यू की घोषणा की, समीरुल उसी समय रिक्शा लेकर अपने गाँव की ओर निकल पड़े।"
कोरोना वायरस को रोकने के लिए जैसे ही सरकार ने लॉक डाउन का आदेश जारी किया, बड़े शहरों से कई लोग अपने गांवों में वापस जाने के लिए निकल पड़े। कम संसाधनों के चलते उन्हे कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
इस बीच बिहार के रहने वाले समीरुल भी हैं, जो इस दौरान 12 सौ किलोमीटर रिक्शा चलाकर दिल्ली से बिहार के मधुबनी जिले स्थित अपने गाँव पहुंचे। समीरुल मधुबनी के हरखाली प्रखण्ड के सोठगाँव के निवासी हैं।
समीरुल दिल्ली में पिछले 18 सालों से मजदूरी कर रहे हैं और जब प्रधानमंत्री मोदी ने जनता कर्फ़्यू की घोषणा की, समीरुल उसी समय रिक्शा लेकर अपने गाँव की ओर निकल पड़े।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार समीरुल ने बताया है कि बंद होने के बाद कमाई ठप हो गई थी। समीरुल रामबाग रोड पर सोते थे, लेकिन बंद होने के बाद उन्हे वहाँ से भी हटना पड़ा। समीरुल ने 22 मार्च को दिल्ली से निकलने का फैसला किया था।
समीरुल ने रास्ते में कई जगह रुक कर खाना खाया, इस दौरान समीरुल रुक कर ठेले पर ही आराम कर लेते थे और फिर आगे बढ़ जाते थे।
गौरतलब है कि जब समीरुल अपने गाँव पहुंचे तो गाँव वालों ने भी उनका स्वागत किया। गाँव पहुँचने के साथ ही उनकी जांच की गई और अब उन्हे स्कूल में आइसोलेशन में रखा गया है।
समीरुल गाँव में अपनी बीवी और 4 बच्चों के साथ रहते हैं। समीरुल का कहना है कि स्थिति सामान्य होने के बाद वे फिर से दिल्ली जाएंगे और नए ठेले के साथ कमाई करेंगे।