SBI ने FD पर ब्याज 1% तक बढ़ाया, अब ये हैं नई दरें
SBI के नए FD रेट 13 दिसंबर 2022 से प्रभावी हैं.
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है. 2 करोड़ रुपये से कम की रिटेल एफडी के मामले में ब्याज में 0.65 प्रतिशत तक की वृद्धि की गई है. वहीं 2 करोड़ रुपये और इससे ज्यादा की एफडी यानी बल्क एफडी के मामले में ब्याज दरों को 1 प्रतिशत तक बढ़ाया गया है. SBI (State Bank of India) के नए एफडी रेट 13 दिसंबर 2022 से प्रभावी हैं. रिटेल एफडी के मामले में SBI की नई ब्याज दरें इस तरह हैं...
बल्क FD के लिए नई ब्याज दरें
इंडियन ओवरसीज बैंक भी बढ़ा चुका है दरें
इससे पहले 10 दिसंबर 2022 को इंडियन ओवरसीज बैंक ने 2 करोड़ रुपये से कम की एफडी के मामले में ब्याज दरों में 0.20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की थी. इंडियन ओवरसीज बैंक की एफडी के लिए नई ब्याज दरें इस तरह हैं..
इसके अलावा बैंक, रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RllR) को भी संशोधित कर चुका है. 10 दिसंबर 2022 से प्रभावी नई RllR 9.10 प्रतिशत है. साथ ही इंडियन ओवरसीज बैंक ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में भी 0.35 प्रतिशत का इजाफा किया है. बैंक की 10 दिसंबर 2022 से प्रभावी नई MCLR इस तरह हैं...
इस बैंक में FD पर मिल रहा 9% तक का ब्याज
सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस (Suryoday Small Finance Bank) बैंक में 2 करोड़ रुपये से कम की FD पर 9 प्रतिशत तक के सालाना ब्याज की पेशकश की जा रही है. यह रेट इस वक्त सबसे ज्यादा है. हालांकि सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक की इस पेशकश का लाभ उठाने के लिए आपको जल्दी करनी होगी क्योंकि यह एक लिमिटेड पीरियड ऑफर है. बैंक की आधिकारिक वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक में 2 करोड़ रुपये से कम की 5 साल की अवधि वाली एफडी पर आम नागरिकों के लिए 9.01 प्रतिशत सालाना के ब्याज की पेशकश की जा रही है. एनुअलाइज्ड यील्ड 9.32 प्रतिशत होगी.
वहीं सीनियर सिटीजन के लिए 5 साल की एफडी पर ब्याज 9.26 प्रतिशत सालाना है और एनुअलाइज्ड यील्ड 9.59 प्रतिशत होगी. ये दरें 6 दिसंबर 2022 से प्रभावी हैं और केवल 15 दिन यानी 20 दिसंबर 2022 तक लागू रहेंगी.
RBI बढ़ा चुका है रेपो रेट
बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मुख्य रूप से महंगाई को काबू में लाने के मकसद से दिसंबर माह की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर रेपो को 0.35 प्रतिशत और बढ़ाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया है. रेपो दर वह ब्याज दर है, जिस पर वाणिज्यिक बैंक अपनी फौरी जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं. इसमें वृद्धि का मतलब है कि बैंकों और वित्तीय संस्थानों से लिया जाने वाला कर्ज महंगा होगा और मौजूदा ऋण की मासिक किस्त (EMI) बढ़ेगी. RBI की मौद्रिक नीति समिति द्वारा रेपो रेट बढ़ाए जाने वाले दिन से लेकर अब तक कई बैंक अपना कर्ज की दरें बढ़ा चुके हैं. इस बारे में डिटेल में पढ़ें...