एक लाख जरूरतमंद बच्चों को बांटे स्कूल बैग और पेंसिल बॉक्स, अक्षय पात्र फ़ाउंडेशन और पियर्सन इंडिया ने की पहल
अक्षय पात्र फ़ाउंडेशन ने पियर्सन इंडिया के साथ मिलकर एक लाख जरूरतमंद बच्चों को स्कूल बैग और पेंसिल बॉक्स उपलब्ध कराये हैं। इस पहल से इन बच्चों के सपनों को नई उड़ान मिलने की उम्मीद है। अक्षय पात्र फ़ाउंडेशन काफी समय से इस क्षेत्र में सराहनीय पहल कर रहा है।
देश की अग्रणी डिजिटल लर्निंग कंपनी पियर्सन इंडिया ने हाल ही में अक्षय पात्र फ़ाउंडेशन के साथ साझेदारी कर भारत में चार शहरों में जरूरतमंद बच्चों के लिए लगभग 1 लाख बैग और पेंसिल बॉक्स दान किए हैं। यह पहल बच्चों के लिए बुनियादी शैक्षिक सुविधाओं को और सुलभ बनाने और उज्ज्वल भविष्य की ओर एक दिशा प्रदान कर रही है।
इस पर बात करते हुए पियर्सन साउथ एशिया पोर्टफोलियो हेड रमेश सुब्बाराव कहते हैं,
“चूंकि युवा बच्चे और शिक्षा ही हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, इसलिए यह देखना निराशाजनक है कि आज कितने ही बच्चे ऐसे हैं, जिन तक बुनियादी सुविधाओं की पहुंच नहीं है। उनके पास शैक्षिक सुविधाएं जैसे स्कूल बैग और पेंसिल बॉक्स तक नहीं हैं। हम आशा करते हैं कि अक्षय पात्र फाउंडेशन के साथ मिलकर हमारी तरफ से किया गया यह छोटा सा प्रयास इन बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लाएगा और उनके सपनों को और मजबूती देगा।"
अक्षय पात्र फाउंडेशन के चीफ मार्केटिंग अधिकारी सुंदरदीप तलवार कहते हैं,
“हम वृंदावन, लखनऊ और जयपुर में जरूरतमंद बच्चों को स्कूल बैग और पेंसिल बॉक्स का दान कर रहे हैं। इस तरह का सहयोग कर हम इन बच्चों के सपनों का समर्थन करने के लिए मिड-डे मील से भी आगे बढ़ रहे हैं। इन उपहारों को पाकर बच्चों के चेहरे पर खुशी आ जाती है।"
इस पहल के साथ पियर्सन इंडिया तीन क्षेत्रों की तरफ फोकस कर रही है, जिसमें सीखने वालों तक पहुंचना, सीखने के भविष्य को आकार देना और एक भरोसेमंद साझेदार बनना शामिल है।
पियर्सन हजारों बच्चों को आशाजनक भविष्य और सीखने के लिए बेहतर माहौल उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है, इसी क्रम में पियर्सन इंडिया ने अक्षय पात्रा फ़ाउंडेशन के साथ हाथ मिलाया है।
अक्षय पात्र फाउंडेशन बैंगलोर स्थित एक गैर सरकारी संगठन है। साल 2000 के बाद से, अक्षय पात्र रोजाना स्कूली बच्चों को ताजा और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने की दिशा में आगे बढ़ रहा है रहा है।
अक्षय पात्र फ़ाउंडेशन इसी के साथ पर्यावरण को लेकर भी सजीदा काम कर रहा है। फ़ाउंडेशन रोजाना 350 किलो ऑर्गनिक वेस्ट का उत्पादन करता है, जिसे फ़ाउंडेशन के बायोगैस प्लांट में ही प्रोसेस किया जाता है।
आज, अक्षय पात्र दुनिया का सबसे बड़ा (बिना किसी लाभ) मिड-डे मील प्रोग्राम चला रहा है, जिसके तहत 12 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में स्थित कुल 16,856 स्कूलों में पढ़ रहे 18 लाख से अधिक बच्चों को हर दिन पौष्टिक भोजन परोसा जा रहा है। फ़ाउंडेशन ने भारत सरकार, कई राज्य सरकारों और अन्य लोगों के साथ साझेदारी की है, जिसके तहत फ़ाउंडेशन से जुड़े 6 हज़ार कर्मचारी रोजाना इस मुहिम को आगे ले जाने में मदद कर रहे हैं।