प्राइवेट इक्विटी फंड्स को म्युचुअल फंड का स्पॉन्सर बनने की अनुमति देने पर विचार कर रहा SEBI
पूंजी बाजार नियामक सेबी ने हाल ही में निजी इक्विटी (पीई) कोषों को म्यूचुअल फंड घरानों को प्रायोजित करने की अनुमति देने का प्रस्ताव जारी किया. पीई फंड रणनीतिक मार्गदर्शन और योग्य प्रतिभा को लाकर उद्योग की वृद्धि में योगदान कर सकते हैं. यह प्रस्ताव बंधन फाइनेंशियल होल्डिंग्स लिमिटेड, सॉवरेन वेल्थ फंड जीआईसी और निजी इक्विटी फंड क्रिसकैपिटल के गठजोड़ द्वारा आईडीएफसी म्यूचुअल फंड के अधिग्रहण के मद्देनजर आया है.
एक परामर्श पत्र में सेबी द्वारा गठित कार्य समूह ने निजी इक्विटी फंडों को म्यूचुअल फंड घरानों को प्रायोजित करने की अनुमति देने के लिए पात्रता मानदंड सुझाए हैं. कार्य समूह ने इन मानदंडों को आगे और मजबूत बनाने का सुझाव भी दिया है, ताकि सिर्फ उच्च गुणवत्ता वाली संस्थाएं ही योग्य पाई जाएं.
इस समय अगर किसी संस्था की म्युचुअल फंड में 40 प्रतिशत या उससे अधिक हिस्सेदारी है, तो उसे प्रायोजक माना जाता है.
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने प्रस्तावों पर जनता से 29 जनवरी तक राय मांगी है.
म्यूचुअल फंड में SIP से निवेश 1.5 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचा
व्यवस्थित निवेश योजनाओं (SIP) के जरिये म्यूचुअल फंड योजनाओं में निवेश पर बीते साल 2022 में बाजार अनिश्चितता बने रहने का भी कोई असर नहीं पड़ा. इस दौरान एसआईपी से 1.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया गया. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) ने 2022 के आंकड़े जारी करते हुए कहा कि पिछले साल खुदरा निवेशकों की भागीदारी बढ़ने से म्यूचुअल फंड योजनाओं में एसआईपी के जरिये निवेश एक साल पहले की तुलना में 31 प्रतिशत बढ़ गया. ऐसा बाजार में उतार-चढ़ाव का दौर बने रहने के बावजूद हुआ.
वर्ष 2021 में निवेशकों ने म्यूचुअल फंड योजनाओं में एसआईपी के जरिये 1.14 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया था जबकि 2020 में यह राशि 97,000 करोड़ रुपये थी. एसआईपी म्यूचुअल फंड में निवेश का वह तरीका है जिसमें कोई व्यक्तिगत निवेशक एक तय रकम को निर्धारित अवधि पर निवेश कर सकता है. इसके जरिये 500 रुपये की न्यूनतम राशि भी निवेश की जा सकती है.
निवेश के इस सुविधाजनक माध्यम की लोकप्रियता वर्ष 2023 में भी बने रहने की उम्मीद है. मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट एडवाइजर इंडिया के शोध प्रबंधक एवं निदेशक कौस्तुभ बेलापुरकर ने कहा कि एसआईपी से नियमित निवेश की अहमियत लोग समझने लगे हैं और इस साल भी इस मार्ग से निवेश की जाने वाली राशि में बढ़ोतरी जारी रह सकती है.
निवेशकों ने म्यूचुअल फंड की निश्चित आय वाली योजनाओं से 2022 में 2.3 लाख करोड़ रुपये निकाले
ब्याज दर बढ़ने और इक्विटी शेयर में बेहतर रिटर्न से बीते वर्ष म्यूचुअल फंड की निश्चित आय वाली योजनाओं पर विपरीत असर पड़ा है और इस खंड से शुद्ध रूप से 2.3 लाख करोड़ रुपये निकाले गये हैं. हालांकि ब्याज दर में वृद्धि की गति धीमी पड़ने को देखते हुए इस साल स्थिति पलटने की संभावना है. म्यूचुअल फंड की निश्चित आय वाली योजनाओं के तहत बॉन्ड, प्रतिभूतियों जैसे वित्तीय उत्पादों में निवेश किया जाता है.
म्यूचुअल फंड कंपनियों का संघ एसोसएिशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के अनुसार यह वर्ष 2021 में शुद्ध रूप से निकाले गये 34,545 करोड़ रुपये से यह कहीं अधिक है.
निश्चित आय वाली म्यूचुअल फंड योजनाओं से बीते वर्ष के 12 महीनों में से पांच में निकासी की गयी. कुल मिलाकर हमेशा निवेश के लिये उपलब्ध निश्चित आय वाली म्यूचुअल फंड योजनाओं से 2022 में शुद्ध रूप से 2.3 लाख करोड़ रुपये निकाले गये.
Edited by रविकांत पारीक