7 दिनों में 2000 अंक चढ़ा सेंसेक्स, तोड़ा 63 हजार का लेवल, जानिए किन वजहों से आ रही है ये तेजी
शेयर बाजार में पिछले कुछ दिनों से तगड़ी तेजी देखने को मिल रही है. सेंसेक्स बार-बार ऑल टाइम हाई बना रहा है. सवाल ये है कि आखिर सेंसेक्स में लगातार तेजी क्यों देखने को मिल रही है.
एक ओर दुनिया भर में ग्लोबल मंदी (Global Recession) का आहट है, वहीं दूसरी ओर भारतीय शेयर बाजार (Share Market) इन दिनों गुलजार हो गया है. निवेशकों की तगड़ी कमाई हो रही है. शेयर बाजार आज लगातार 7वें दिन चढ़ा है. आज सेंसेक्स में 417 अंकों की तगड़ी तेजी देखने को मिली. पिछले 7 दिनों में सेंसेक्स (Sensex) करीब 1955 अंक तक चुका है. निफ्टी ने भी 18,750 अंकों का स्तर पार कर लिया है. नवंबर महीने के आखिरी दिन सेंसेक्स 63,099.65 अंकों तक जा पहुंचा है, जो सेंसेक्स का ऑल टाइम हाई का लेवल है. पिछले कई दिनों से सेंसेक्स लगातार ऑल टाइम हाई (All Time High) का स्तर छू रहा है. सवाल ये है कि आखिर किन वजहों से शेयर बाजार में तेजी बनी हुई है.
कच्चे तेल में आई गिरावट
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल में आई गिरावट की वजह से भी भारतीय शेयर बाजार में तेजी का माहौल देखने को मिल रहा है. अभी कच्चा तेल करीब 88 डॉलर प्रति बैरल पर आ चुका है. बता दें कि यह कीमत जनवरी में कच्चे तेल की कीमत के स्तर से भी नीचे आ चुकी है. ऐसे में ये भी उम्मीद है कि ओपेक देश एक बार फिर से कीमतों को काबू करने के लिए प्रोडक्शन में कटौती करें. हालांकि, अभी भारत को फायदा है, क्योंकि कच्चा तेल सस्ते में मिल रहा है और इसका असर शेयर बाजार पर दिख रहा है.
रुपये में आई स्थिरता भी कर रही काम
कुछ हफ्ते पहले तक रुपया तेजी से डॉलर के मुकाबले कमजोर हो रहा था. हालांकि, अभी रुपये में गिरावट का दौर थोड़ा स्थिर हुआ है, जिससे शेयर बाजार को तेजी मिल रही है. ऐसे में विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया कमजोर या मजबूत होता है तो उसका सीधा असर शेयर बाजार पर देखने को मिलता है. रुपया गिरता है तो एक बात साफ हो जाती है कि अब आयात महंगा हो जाएगा. रुपया गिरने के वजह से विदेशी मुद्रा भंडार तुलनात्मक रूप से तेजी से कम होता है, ऐसे में उसका असर बाजार पर दिखता है. वहीं चढ़ने का मतलब है कि आयात के लिए कम पैसे खर्च करने होंगे.
FPI का भरोसा भी है एक बड़ी वजह
भारतीय शेयर बाजार में तगड़ी तेजी की सबसे बड़ी वजह हैं एफपीआई. शेयर इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट और रिसर्च हेड रवि सिंह के अनुसार एफपीआई ने भारतीय बाजार पर जो भरोसा जताया है, उसकी वजह से शेयर बाजार में तेजी दिख रही है. अक्टूबर 2022 से अब तक लगातार एफपीआई की तरफ से भारतीय बाजार में खरीदारी का ट्रेंड देखने को मिल रहा है. इस वक्त युद्ध, फेड रेट्स में उतार-चढ़ाव और अमेरिका में मंदी के डर का सबसे कम असर भारत पर ही देखने को मिल रहा है. वहीं टैक्स कलेक्शन तेजी से बढ़ रहा है, घरेलू खपत बढ़ रही है और मजबूत कमाई की ग्रोथ देखने को मिल रही है. इन सब की वजह से भारतीय शेयर बाजार पर निवेशकों का भरोसा और मजबूत हो गया है.
अभी 9 फीसदी तक चढ़ेगा भारतीय शेयर बाजार
शेयर बाजार में लगातार तेजी आने की वजह से निवेशक बेहद खुश हैं. इसी बीच रॉयटर्स की तरफ से किए गए एक पोल से पता चला है कि बाजार अभी और चढ़ेगा. मंगलवार को सेंसेक्स के 62,887 अंकों तक पहुंचने के बाद रॉयटर्स ने रिपोर्ट जारी की है कि 2023 के अंत तक बाजार करीब 9 फीसदी तक चढ़ेगा.