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साल के अंतिम कारोबारी दिन शेयर बाजारों में गिरावट, सेंसेक्स और निफ्टी का हाल?

साल के अंतिम कारोबारी दिन शेयर बाजारों में गिरावट,  सेंसेक्स और निफ्टी का हाल?

Friday December 30, 2022 , 3 min Read

इस वर्ष के अंतिम कारोबारी दिवस पर देसी शेयर बाजारों (Share Market) में ऊंचे स्तर पर बिकवाली का जोर रहने से शुक्रवार को दोनों प्रमुख सूचकांक बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) और एनएसई निफ्टी (NSE Nifty) गिरावट के साथ बंद हुए. बीएसई का 30 शेयरों वाला मानक सूचकांक सेंसेक्स 293.14 अंक यानी 0.48 फीसदी नुकसान के साथ 60,840.74 अंक पर बंद हुआ.

कारोबार के दौरान यह एक समय 258.8 अंक चढ़कर 61,392.68 अंक तक पहुंच गया था लेकिन बिकवाली होने से इसने सारी बढ़त गंवा दी. इसी तरह एनएसई का सूचकांक निफ्टी भी 85.70 अंक यानी 0.47 फीसदी गिरकर 18,105.30 अंक पर बंद हुआ. यह वर्ष 2022 का अंतिम कारोबारी दिन था. वर्ष 2021 के बंद भाव की तुलना में इस साल सेंसेक्स 2,586.92 अंक यानी 4.44 फीसदी की बढ़त पर रहा है जबकि निफ्टी में 751.25 अंक यानी 4.32 फीसदी की तेजी दर्ज की गई है.

बजाज फिनसर्व, टाइटन, बजाज फाइनेंस, टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, विप्रो, कोटक महिंद्रा बैंक, टेक महिंद्रा, रिलायंस इंडस्ट्रीज और भारतीय स्टेट बैंक के शेयर बढ़त हासिल करने में सफल रहे.

सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में से शुक्रवार को आईसीआईसीआई बैंक, भारती एयरटेल, एचडीएफसी, आईटीसी, नेस्ले, लार्सन एंड टुब्रो, एशियन पेंट्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, पावरग्रिड और इंडसइंड बैंक को खासा नुकसान उठाना पड़ा.

एशिया के अन्य बाजारों में टोक्यो, शंघाई और हांगकांग के सूचकांक बढ़त के साथ बंद हुए. यूरोप के शेयर बाजार शुरुआती कारोबार में गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे. अमेरिकी शेयर बाजार गुरुवार को बढ़त के साथ बंद हुए थे. अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.14 फीसदी के नुकसान के साथ 83.34 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया.

विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने भारतीय बाजारों से निकासी की है. उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक गुरुवार को FII ने 572.78 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की.

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में वर्ष के अंतिम कारोबारी सत्र में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया शुक्रवार को 14 पैसे की मजबूती के साथ 82.73 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ. अमेरिकी डॉलर के अपने उच्चतम स्तर से नीचे आने तथा निवेशकों में जोखिम वाली संपत्ति में निवेश के लिये धारणा मजबूत होने से रुपये में मजबूती आई. हालांकि, पूरे साल में डॉलर के मुकाबले रुपये में 8.44 रुपये यानी 11.36 प्रतिशत की गिरावट आई है.

हालांकि, कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और विदेशी निवेशकों की सतत बिकवाली से रुपये पर दबाव रहा. इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की कमजोरी या मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.02 प्रतिशत बढ़कर 103.85 हो गया.

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Edited by रविकांत पारीक