अडानी ग्रुप की सभी लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में तेजी, अडानी एंटरप्राइजेज 11 फीसदी चढ़ा
उद्योगपति गौतम अडानी (Gautam Adani) के अडानी समूह (Adani Group) की सभी कंपनियों के शेयरों में शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में तेजी दर्ज की गई. इससे पहले समूह ने अपनी चार सूचीबद्ध कंपनियों की कुछ हिस्सेदारी अमेरिकी कंपनी GQG पार्टनर्स को 15,446 करोड़ रुपये में बेच दी थी.
अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर बीएसई पर 11 प्रतिशत की बढ़त के साथ 1,784.95 रुपये प्रति शेयर पर पहुंच गए. वहीं, अडानी पोर्ट्स के शेयरों में 7.96 प्रतिशत, अडानी ट्रांसमिशन, अडानी ग्रीन एनर्जी और अडानी टोटल गैस के शेयरों में पांच-पांच प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई.
अडानी पावर के शेयर में 4.99 प्रतिशत बढ़त हुई. अडानी विल्मर के शेयर 4.99 प्रतिशत, एनडीटीवी के शेयर में 4.98 प्रतिशत बढ़त, अंबुजा सीमेंट्स के शेयर में 4.38 प्रतिशत और एसीसी के शेयर में 3.69 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई. समूह की ज्यादातर कंपनियों ने सुबह के कारोबार में अपने उच्च स्तर को छू लिया.
शेयर बाजार में बीएसई सेंसेक्स 673.13 अंक या 1.14 प्रतिशत बढ़कर 59,582.48 पर पहुंच गया. अडानी समूह ने अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड, अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड, अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड और अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के शेयर अमेरिकी कंपनी को बेचे हैं. इससे पहले गुरुवार को अडानी समूह की सभी 10 सूचीबद्ध कंपनियों के शेयर कारोबार के अंत में बढ़त के साथ बंद हुए थे.
गौरतलब हो कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने 106-पेज की रिपोर्ट में अडानी समूह पर फर्जी लेनदेन और शेयर की कीमतों में हेरफेर सहित कई गंभीर आरोप लगाए हैं. इन आरोपों के बाद से ही ग्रुप की कंपनियों के शेयर की कीमतों में भारी गिरावट देखी जा रही है. कई दिनों तक ग्रुप के कई शेयरों में लोअर सर्किट लगाने पड़े. बीच-बीच में किसी-किसी दिन कुछ शेयर रिकवर भी करते हैं. अडानी समूह ने खुद पर लगे सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि वह सभी कानूनों और सूचना सार्वजनिक करने संबंधी नीतियों को पालन करता है. सुप्रीम कोर्ट ने अडानी समूह के शेयरों में गिरावट के बीच 10 फरवरी को कहा था कि भारतीय निवेशकों के हितों की रक्षा की जरूरत है.
अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है. अडानी ग्रुप (Adani Group) पर शेयरों की धोखाधड़ी मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को इस मुद्दे की जांच के लिए एक समिति का गठन किया. कोर्ट ने सेबी (SEBI) को अगले दो महीनों के भीतर अपनी चल रही जांच को पूरा करने के लिए भी कहा.
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि छह-सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का नेतृत्व सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे करेंगे और इसमें केवी कामथ और नंदन नीलेकणी भी होंगे.
Edited by रविकांत पारीक