गौतम अडानी ही नहीं मुकेश अंबानी भी दबे हैं कर्ज के बोझ तले, जानिए तमाम अरबपतियों ने लिया है कितना लोन
हर तरह गौतम अडानी पर कर्ज के आंकड़ों को एक बड़ी समस्या बताया जा रहा है. इसी बीच खबर आई कि वेदांता के अनिल अग्रवाल पर भी भारी कर्ज है. आपको जानकर हैरानी होगी कि मुकेश अंबानी पर भी भारी कर्ज है. यहां तक कि टाटा-बिरला और बजाज-महिंद्रा तक भी इससे अछूते नहीं हैं.
पिछले करीब 40 दिनों से गौतम अडानी (Gautam Adani) की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखी जा रही है. ये सब हो रहा है हिंडनबर्ग की उस रिपोर्ट (Hindenburg Report) के बाद, जिसमें गौतम अडानी पर शेयर मैनिपुलेशन (Share Manipulation) और अकाउंटिंग फ्रॉड का आरोप लगाया गया था. यह भी कहा गया था कि कंपनी भारी कर्ज के बोझ तले दबी (Most Debt-Laden Firms In India) हुई है. उसके बाद से ही ग्रुप की तमाम कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखी जा रही है. वहीं हर तरह गौतम अडानी पर कर्ज (Debt on Gautam Adani) के आंकड़ों को एक बड़ी समस्या बताया जा रहा है. इसी बीच खबर आई कि वेदांता (Vedanta) के अनिल अग्रवाल पर भी भारी कर्ज (Debt on Anil Agarwal) है. सवाल ये है कि क्या बाकी कारोबारियों पर कर्ज नहीं है? रिलायंस (Reliance Industries) के मुकेश अंबानी का क्या, उन पर कर्ज (Debt on Mukesh Ambani) नहीं है? अगर उन पर भी कर्ज है तो कितना? आइए जानते हैं.
सबसे पहले बात गौतम अडानी की
हाल ही में निक्केई एशिया ने गौतम अडानी के कर्ज को लेकर एक रिपोर्ट जारी की थी. उसमें दावा किया गया था कि गौतम अडानी पर जो कर्ज है वह भारत की अर्थव्यवस्था के 1 फीसदी से भी ज्यादा है. बता दें कि अक्टूबर 2022 भारत की जीडीपी करीब 273 लाख करोड़ रुपये की थी. निक्केई के अनुसार गौतम अडानी की सभी 10 कंपनियों का कुल कर्ज करीब 3.39 लाख करोड़ रुपये (41.1 अरब डॉलर) तक है. Nikkei ने ये आंकड़े QUICK FactSet से हासिल किए हैं और उसकी कैल्कुलेशन के आधार पर अपनी रिपोर्ट तैयार की है. रिपोर्ट के अनुसार अडानी ग्रुप के असेट्स की वैल्यू करीब 4.8 लाख करोड़ रुपये है. ऐसे में भारी-भरकम कर्ज की वजह से निवेशक चिंता में हैं.
कंपनी बार-बार अपने कर्ज को कम करने की बात कर रही है. हाल ही में कहा गया है कि मार्च अंत तक अडानी ग्रुप करीब 6500 करोड़ रुपये का कर्ज चुका देगा. खैर, 3.39 लाख करोड़ रुपये के कर्ज के आगे 6500 करोड़ रुपये कहीं नहीं हैं. देखा जाए तो ये पूरे कर्ज का महज 2 फीसदी है, जिससे ज्यादा तो अडानी ग्रुप को इस कर्ज पर ब्याज ही चुकाना पड़ रहा होगा.
अनिल अग्रवाल पर कितना बड़ा है लोन?
पिछले दिनों में अनिल अग्रवाल की कंपनी वेदांता के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली. 16 फरवरी को वेदांता ग्रीन जोन में बंद हुआ था और उसके बाद 28 फरवरी तक गिरता ही रहा. इस दौरान उसमें करीब 15 फीसदी की गिरावट देखी गई. यह सब हुआ भारी-भरकम लोन की खबरों के चलते. बिजनेस टुडे की खबर के अनुसार अगर कंपनी के कैश (3.5 अरब डॉलर) को लोन से एडजस्ट कर दें तो उस पर करीब 11.8 अरब डॉलर यानी लगभग 97,462 करोड़ रुपये का कर्ज है. पिछले साल वेदांता रिसोर्सेस ने अपने कर्ज को 10 अरब डॉलर से घटाकर 7.7 अरब डॉलर किया है.
वेदांता ग्रुप को अगले 3 साल में बहुत सारे पैसों का भुगतान करना है, जो निवेशकों के लिए चिंता का सबब बना हुआ है. कुल मिलाकर बात करें तो कंपनी को लंबी अवधि में करीब 13.9 अरब डॉलर यानी लगभग 1.15 लाख करोड़ रुपये का कर्ज चुकाना है. इसमें वेदांता रिसोर्सेस का कर्ज 8 अरब डॉलर का है, जबकि बाकी का 7 अरब डॉलर का कर्ज वेदांता लिमिटेड पर है. 2022-23 की दूसरी छमाही में कंपनी को 1.2 अरब डॉलर चुकाने हैं, 2023-24 में करीब 4.1 अरब डॉलर का भुगतान करना है, 2024-25 में लगभग 3.9 अरब डॉलर का भुगतान करना है, जबकि 2025-26 में 4.7 अरब डॉलर चुकाने हैं. वेदांता ग्रुप पर भारतीय बैंकों का करीब 6.73 अरब डॉलर का कर्ज है.
मुकेश अंबानी पर भी है भारी-भरकम लोन
भले ही अभी हर तरह गौतम अडानी की बात हो रही हो. भले ही कुछ दिन से भारी कर्ज लेने वालों में दूसरा नाम अनिल अग्रवाल का जुड़ा हो, लेकिन मुकेश अंबानी के ऊपर भी भारी भरकम कर्ज है. ब्लूमबर्ग की हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज पर दिसंबर 2022 तक करीब 3.04 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है. देखा जाए तो यह भी भारतीय अर्थव्यवस्था के 1 फीसदी के बेहद करीब है. हालांकि, अगर कैश के साथ एडजस्ट करें तो कंपनी पर कर्ज सिर्फ 1.1 लाख करोड़ रुपये है.
ब्लूमबर्ग के अनुसार हाल ही में रिलायंस को बोर्ड ने 2.5 अरब डॉलर यानी करीब 2 लाख करोड़ रुपये जुटाने की इजाजत दे दी है, क्योंकि उनके बहुत सारे कर्जों के भुगतान का वक्त आ गया है. इस लोन में से कुछ पैसे मेच्योर हो रहे कर्जों को चुकाने में खर्च होगा, जबकि बाकी का पैसा नए प्रोजेक्ट्स में लगाया जाएगा. यानी कर्ज के मामले में अडानी हों या अंबानी, सबकी हालत एक जैसी ही है. ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार अगले करीब डेढ़ साल में रिलायंस इंडस्ट्रीज को 2.5 लाख करोड़ रुपयों का भुगतान करना है. जब बात कर्ज चुकाने की आती है तो हर कोई उसके लिए नए लोन ही ले रहा है. एक्सचेंज को दी गई जानकारी के अनुसार कंपनी ये पैसे बॉन्ड के जरिए जुटाने की योजना बना रही है.
कंपनी पर तेजी से कर्ज बढ़ता जा रहा है, वहीं दूसरी ओर ब्याज दरों में लगातार बढ़ोतरी की वजह से ब्याज पर होने वाले खर्च का बोझ भी कंपनी पर बढ़ रहा है. अभी रिलायंस इंडस्ट्रीज पर करीब 3.04 लाख करोड़ रुपये का कुल कर्ज है. यह पिछले साल की तुलना में करीब 24 फीसदी अधिक है. यानी साल भर में रिलायंस का कर्ज करीब 24 फीसदी बढ़ा है. वहीं दूसरी ओर कंपनी का कैश पिछले साल की तुलना में करीब 20 फीसदी गिर गया है और 1.93 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. इस तरह मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस पर नेट कर्ज करीब 1.1 लाख करोड़ रुपये का है, जो अनिल अग्रवाल की वेदांता के बराबर ही है. बता दें कि साल 2020 में कंपनी ने जीरो-नेट-डेट का स्टेटस हासिल कर लिया था, लेकिन उसके बाद फिर से कंपनी ने तेजी से कर्ज लेना शुरू कर दिया. इसकी एक बड़ी वजह ये भी है कि 2020 से गौतम अडानी ने तेजी से कर्ज लेना शुरू किया और एक के बाद एक नए सेगमेंट में घुसने लगे. ऐसा लगता है मानो गौतम अडानी को टक्कर देने के लिए मुकेश अंबानी को भी काफी कर्ज लेना पड़ा है.
बाकी कंपनियों का क्या है हाल?
बिजनेस इनसाइडर ने कुछ समय पहले कई कंपनियों पर कर्ज को लेकर एक लिस्ट जारी की थी. उस लिस्ट में कंपनी ने मार्च 2022 तक के आंकड़ों को कैल्कुलेट किया था. आइए देखते हैं उसके हिसाब से बाकी कंपनियों का क्या हाल है. हालांकि, ये आंकड़े करीब 1 साल पुराने हैं, तो मुमकिन है कि इनमें बड़ा बदलाव हो गया हो.
अगर मार्च 2022 तक के आंकड़ों को देखें तो सबसे ज्यादा कर्ज टाटा ग्रुप पर है. कंपनी अभी करीब 2.89 लाख करोड़ रुपये के कर्ज तले दबी है. हालांकि, अधिक कर्ज का मतलब ये बिल्कुल नहीं है कि कंपनी किसी संकट में है, क्योंकि हर बिजनेस में कर्ज का एक बड़ा रोल होता है
कुमार मंगलम बिरला की कंपनी आदित्य बिरला ग्रुप पर अभी करीब 2.29 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है. कंपनी ने करीब 1.4 लाख लोगों को नौकरी दी हुई है, ऐसे में जब कभी बात कर्ज की आती है तो थोड़ी चिंता तो होती ही है. हालांकि, 36 देशों तक फैली ये कंपनी तेजी से कमाई कर रही है और आगे बढ़ रही है.
आनंद महिंद्रा की कंपनी महिंद्रा ग्रुप ने भी बिजनेस के लिए भारी लोन लिया हुआ है. इस वक्त कंपनी पर करीब 75 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है. हालांकि, ये कर्ज अडानी-अंबानी के कर्ज से काफी कम है. आज के वक्त में उनकी नेट वर्थ करीब 2.1 अरब डॉलर है.
इस लिस्ट के हिसाब से लार्सेन एंड टुब्रो (L&T) पर भी करीब 1.63 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था.
बजाज ग्रुप पर भी कर्ज है, लेकिन वह काफी कम है. बजाज ग्रुप पर इस लिस्ट के अनुसार मार्च 2022 तक करीब 61,253 करोड़ रुपये का कर्ज है.