पूरी दुनिया में सांप के काटने से सबसे ज्यादा मौतें हिंदुस्तान में
भारत में 2019 में इस तरह की सबसे ज्यादा मौतें उत्तर प्रदेश में हुईं. उसके बाद नंबर आता है मध्य प्रदेश और राजस्थान का.
ग्लोबल रिसर्च कोलेबोरेटर नेटवर्क ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज (जीबीडी) के एक ग्लोबल सर्वे के मुताबिक पूरी दुनिया में सांप के काटने से सबसे ज्यादा मौतें हिंदुस्तान में होती हैं. 2019 में विश्व में 63,000 लोगों की मौत हो गई, जिसमें से 51,000 यानी कुल 80 फीसदी मौतें भारत में हुईं. भारत के बाद दूसरा नंबर पाकिस्तान का है, जहां सांप के काटने के कारण 2,070 लोगों की मौत हो गई.
इसके अलावा उप-सहारा अफ्रीका क्षेत्र में 7,331 लोगों की सांप के जहर के कारण मृत्यु हुई. अमेरिका में 370 लोगों की मृत्यु का कारण स्नेक बाइट दर्ज किया गया. इस तरह की मौतें सबसे ज्यादा दक्षिण एशिया में हुई हैं, जहां 54,600 लोग स्नेक बाइट के कारण जान से हाथ धो बैठे.
रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2019 में इस तरह की सबसे ज्यादा मौतें उत्तर प्रदेश में हुईं. उसके बाद नंबर आता है मध्य प्रदेश और राजस्थान का.
ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज (जीबीडी) ने 1990 से 2019 तक दुनिया के 204 देशों के आंकड़ों का विश्लेषण करने के बाद यह रिपोर्ट दी है, जो नेचर कम्युनिकेशंस जर्नल में प्रकाशित हुई है.
आंकड़ा के मुताबिक सांप के काटने से ज्यादातर मृत्यु सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े देशों में हुई है. इसमें वह देश भी शामिल हैं, जहां हेल्थकेयर सिस्टम समान रूप से विकसित और सभी क्षेत्रों में उपलब्ध नहीं है.
जैसेकि एक ओर तो भारत के हेल्थकेयर सिस्टम की प्रगति और भारत के हेल्थ टूरिज्म का हब बनते जाने की खबरें सुर्खियों में रहती हैं, वहीं दूसरी ओर यह उम्दा हेल्थकेयर देश के चुनिंदा महानगरों में ही उपलब्ध हैं. जिन गांवों, जंगलों और आर्द्र जलवायु वाले इलाकों में जहां सांप काटे जाने की संभावना ज्यादा है, वहां लोगों को तत्काल मेडिकल सुविधा आसानी से उपलब्ध नहीं होती.
हालांकि इन आंकड़ों को देखें तो पाएंगे कि पिछले एक दशक में सांप के काटने से होने वाली मृत्यु की संख्या में लगातार कमी आई है. 1998 में सांप काटने के कारण एक लाख से अधिक लोगों की मौत हुई, जबकि 2008 में यह संख्या घटकर 94,000 हो गई.
2019 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने स्नेक बाइट केसेज को कम करने और इससे बेहतर ढंग से निपटने के लिए एक नई रणनीति की घोषणा की थी. विश्व स्वास्थ्य संगठन का आंकड़ा कहता है कि पूरी दुनिया में जहां तकरीबन एक लाख लोग हर साल स्नेक बाइट के कारण मर जाते हैं, वहीं 4 लाख से ज्यादा लोग स्थायी रूप से विकलांगता के शिकार भी हो जाते हैं. इसलिए इस समस्या को गंभीरता से लेने की जरूरत है.
Edited by Manisha Pandey