सोशल डिस्टेन्सिंग के चक्कर में इस देश के कैफे मालिक ने अपने ही प्रधानमंत्री को बाहर खड़ा कर दिया
न्यूज़ीलैंड से सादगी का ऐसा उदाहरण सामने आया है, जिससे हम सभी को प्रेरणा लेने की आवश्यकता है।
भारत में आमतौर पर सत्ता का उपयोग रौब झाड़ने और अपना काम निकलवाने के लिए भी किया जाता है, इसी के साथ जब इस तरह के नेता कहीं जाते हैं तो उनकी आवभगत में भी किसी भी तरह की कसर नहीं छोड़ी जाती है, लेकिन इसके उलट न्यूज़ीलैंड से सादगी का ऐसा उदाहरण सामने आया है, जिससे हम सभी को प्रेरणा लेने की आवश्यकता है।
दरअसल हुआ यूं कि न्यूज़ीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा ऑर्डन अपने पार्टनर के साथ एक कैफे में गईं तो सोशल डिस्टेन्सिंग का ध्यान रखते हुए कैफे के मैनेजर ने उन्हे अंदर आने से ही मना कर दिया। कैफे के मैनेजर के उनसे कहा कि अंदर जगह उपलब्ध नहीं है और इसके चलते उन्हे अंदर जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
प्रधानमंत्री जेसिंडा अपने पार्टनर क्लार्क ग्रेफोर्ड के साथ वेलिंगटन के एक मशहूर कैफे ऑलिव पहुंची थी, लेकिन कैफे में कोई सीट खाली न होने के चलते उन्हे कैफे के बाहर अन्य ग्राहकों की ही तरह 40 मिनट का इंतज़ार करना पड़ा, इसके बाद ही उन्हे सीट मिल सकी।
इस घटना के बाद कैफे मालिक की सोशल मीडिया पर खूब तारीफ हो रही है, वहीं पीएम जेसिंडा ऑर्डन ने कहा है कि उन्हे पहले ही सीट बुक करा लेनी चाहिए थे। जेसिंडा के पार्टनर ने भी कैफे मालिक की तारीफ की है। कैफे मालिक ने मीडिया को बताया है कि उन्होने प्रधानमंत्री को एक सामान्य ग्राहक की तरह ट्रीट किया और इसके लिए जेसिंडा ने उनके स्टाफ की तारीफ भी की।
न्यूज़ीलैंड कोरोना वायरस से अछूता नहीं है। देश में कोरोना वायरस संक्रमण के 1499 मामले सामने आए हैं, जबकि 14,33 लोग इससे रिकवर हो चुके हैं।