Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
ADVERTISEMENT
Advertise with us

पैसों की कमी का हवाला देकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Koo ने रोकी कर्मचारियों की सैलरी

Koo के को-फाउंडर मयंक बिदावतका ने कहा कि फंडिंग विंटर के कारण निवेश या अधिग्रहण से जुड़ी सभी चर्चाएं रुकी हुई हैं. बहरहाल, उन्होंने कहा कि Koo काम करना जारी रखेगा.

पैसों की कमी का हवाला देकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Koo ने रोकी कर्मचारियों की सैलरी

Saturday April 27, 2024 , 2 min Read

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Koo App ने अप्रैल से अपने कर्मचारियों की सैलरी रोक दी है, क्योंकि उसे खरीदार या निवेशक ढूंढने में दिक्कत हो रही है. Koo के को-फाउंडर मयंक बिदावतका ने एक लिंक्डइन पोस्ट में लिखा, "कंपनी पैसों की कमी से जूझ रही है, और भविष्य में सैलरी केवल तभी दी जा सकती है जब Koo को कोई निवेशक या खरीदार मिल जाए."

बिदावतका ने उल्लेख किया कि फंडिंग विंटर के कारण निवेश या अधिग्रहण से जुड़ी सभी चर्चाएँ रुकी हुई हैं. बहरहाल, उन्होंने कहा कि Koo काम करना जारी रखेगा.

बिदावतका ने कहा, "हमने अपने रनवे का विस्तार करने के लिए सब कुछ किया है ताकि कर्मचारियों और विक्रेताओं को सैलरी मिल सके. हमने सैलरी में कटौती का भी सहारा लिया है. जिन लोगों ने कंपनी खड़ी करने में मदद की है, उनकी सैलरी में कटौती करना दर्दनाक है."

उन्होंने आगे कहा, "हमारे पास या तो अधिकतर कर्मचारियों को नौकरी से निकालने या सभी की सैलरी में कटौती करने का विकल्प था. हमने सैलरी में कटौती को चुना. इस तरह से हर कोई ऐसे समय में नौकरी की तलाश किए बिना अपना गुजारा कर सकता है, जब स्टार्टअप में हायरिंग बहुत मुश्किल हो रही हैं."

बिदावतका ने पिछली पोस्ट में बताया था कि Koo अपने उपयोगकर्ता आधार को बढ़ाने के लिए अन्य मार्गों के बीच रणनीतिक साझेदारी पर विचार कर रहा है. उन्होंने लिखा, "धीमे निवेशक बाजार की वर्तमान वास्तविकता के साथ, आगे बढ़ने का सबसे अच्छा तरीका किसी ऐसे व्यक्ति के साथ साझेदारी करना है जिसके पास Koo को बड़े पैमाने पर उपयोगकर्ता प्रोत्साहन देने और इसे बढ़ने में मदद करने के लिए वितरण शक्ति है."

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, न्यूज एग्रीगेटर डेलीहंट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का अधिग्रहण करने में सबसे आगे था. वित्त वर्ष 22 तक, डेलीहंट ने 350 मिलियन से अधिक मासिक सक्रिय उपयोगकर्ता होने का दावा किया है.

अप्रमेय राधाकृष्ण और मयंक बिदावतका द्वारा 2020 में स्थापित, Koo भारतीय भाषाओं पर केंद्रित एक माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म है. इसे Tiger Global, Accel Partners, Kalaari Capital, 3one4 Capital और अन्य निवेशकों द्वारा फंडिंग मिली है.

(Translated by: रविकांत पारीक)

यह भी पढ़ें
RBI ने टेक और कंपलायंस से जुड़ी खामियों के कारण कोटक बैंक के डिजिटल ऑपरेशंस पर लगाया बैन