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बुनियादी ढांचा क्षेत्र पर 37,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त खर्च के लिए संसद की मंजूरी लेगी सरकार

बुनियादी ढांचा क्षेत्र पर 37,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त खर्च के लिए संसद की मंजूरी लेगी सरकार

Monday October 26, 2020 , 2 min Read

"सूत्रों ने बताया कि अतिरिक्त खर्च के लिए दूसरी अनुपूरक मांगों के तहत मंजूरी ली जाएगी। त्योहारी सीजन के बीच सरकार द्वारा कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए यह तीसरे प्रोत्साहन पैकेज का हिस्सा है।"

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सांकेतिक फोटो, साभार : सोशल मीडिया

नयी दिल्ली : सरकार बुनियादी ढांचा विकास पर 37,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च के लिए संसद से अनुपूरक मांगों की दूसरी सूची की मंजूरी के अंतर्गत मंजूरी लेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसी महीने सड़क, रक्षा, जलापूर्ति, शहरी विकास और घरेलू स्तर पर उत्पादित पूंजीगत उपकरणों की खरीद जैसे कार्यों पर पूंजीगत व्यय के लिए 25,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बजट की घोषणा की है। इसके अलावा केंद्र ने राज्यों के बुनियादी ढांचा विकास के लिए 12,000 करोड़ रुपये के विशेष 50 साल के ब्याजमुक्त कर्ज की सुविधा दिए जाने की भी घोषणा की है। 


सूत्रों ने बताया कि अतिरिक्त खर्च के लिए दूसरी अनुपूरक मांगों के तहत मंजूरी ली जाएगी। त्योहारी सीजन के बीच सरकार द्वारा कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए यह तीसरे प्रोत्साहन पैकेज का हिस्सा है। ये 37,000 करोड़ रुपये 2020-21 के लिए सरकार द्वारा बजट में घोषित 4.13 लाख करोड़ रुपये के योजना-गत व्यय के अतिरिक्त होंगे। 


सरकार ने आत्मनिर्भर अभियान पैकेज के तहत विभिन्न योजनाओं पर अतिरिक्त खर्च के लिए पिछले महीने अनुपूरक मांगों की पहली सूचकी की मंजूरी ली थी। दूसरी अनुपूरक मांगों को आमतौर पर संसद के शीतकालीन सत्र में रखा जाता है। 


सूत्रों ने बताया कि सरकार ने बुनियादी ढांचा क्षेत्र से जुड़े विभिन्न मंत्रालयों को आवश्वस्त किया है कि जरूरत होने पर वह अतिरिक्त पैसा भी मुहैया कराएगी। सरकार संशोधित अनुमान के स्तर के अलावा भी अतिरिक्त धन उपलब्ध कराने को तैयार है। 


वित्त मंत्री ने सीतारमण ने हाल ही में कहा था कि बुनियादी ढांचे और संपत्ति सजृन पर खर्च की जाने वाली राशि का अर्थव्यवस्था पर व्यापक प्रभाव होता है। इससे न केवल मौजूदा अर्थव्यवस्था सुधरती है बल्कि भविष्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में भी सुधार होता है। 


सीतारमण ने पिछले महीने कोयला एवं पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस के तहत आने वाले सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों से कहा था कि वे दिसंबर तक अपने 2020-21 के अपने पूंजीगत व्यय का 75 प्रतिशत खर्च करें। 


(साभार : PTI)