अपने फ़ैशन ब्रैंड के ज़रिए सोनम कपूर आहूजा रख रहीं ‘हर लड़की’ का ख़्याल
बॉलिवुड अभिनेत्री सोनम कपूर आहूजा ने 2007 में सांवरिया फ़िल्म से अपने करियर की शुरुआत की थी। बॉलिवुड में कदम रखने के साथ ही सोनम अपने डिज़ाइन सेन्स और स्टाइल को लेकर चर्चा में रही हैं। सोनम मानती हैं कि भारत की हाई-स्ट्रीट फ़ैशन इंडस्ट्री में डिज़ाइन के मामले में कई कमियां हैं। यह बात उन्होंने हर स्टोरी से हुई बातचीत में कही।
इस वजह से सोनम और उनकी बहन रेहा कपूर ने फ़ैशन इंडस्ट्री में अपने ब्रैंड लेबल के साथ कदम रखने का फ़ैसला लिया और 2017 में उन्होंने ‘रेहसन’ नाम से अपने ब्रैंड की शुरुआत की। दोनों ने अपने-अपने नामों को मिलाकर अपने ब्रैंड का नाम रखा और सोनम के. आहूजा का कहना है कि यह कोई सेलेब ब्रैंड नहीं है, बल्कि यह सेबेल ब्रैंड जैसे डिज़ाइन्स के साथ किफ़ायती क़ीमतों पर ग्राहकों को डेली वियर के विकल्प दे रहा है। सोनम कपूर ने शॉपर्स स्टॉप के साथ अपना ब्रैंड लेबल लॉन्च किया था और इसके बाद इसे ऐमज़ॉन पर लॉन्च किया गया।
फ़िल्म, फ़ैशन, स्टार्टअप और बिज़नेस, इन सभी जिम्मेदारियों को सोनम एकसाथ कैसे संभाल रही हैं? ऐसे कई सवालों पर हर स्टोरी ने सोनम के. आहूजा से की बातचीत और जाना उनकी आगे की प्लानिंग के बारे में। पेश हैं इस बातचीत के कुछ अंशः
लॉन्च के बाद से रेहसन लगातार सफलता की सीढ़ी चढ़ रहा है और लोकप्रियता हासिल कर रहा है। ऐसे में आप एक अभिनेत्री और एक बिज़नेस विमिन की भूमिकाओं में क्या अंतर देखती हैं?
सोनम: मैं मानती हूं कि आप कोई भी काम करें, उसे पूरे मन से करना चाहिए, तभी आप किसी काम में सफलता हासिल कर सकते हैं। यही सोच मेरी बहन की भी है। हम अपने फ़ैशन ब्रैंड के ज़रिए ग्राहकों तक ऐसे डिज़ाइन्स पहुंचाना चाहते हैं, जो उनके हिसाब से हों और पूरी तरह से ओरिजनल हों।
रेहसन के लिए काम करते हुए मैं अपने रवैये को पूरी तरह से प्रैक्टिकल रखती हूं और अपने डिज़ाइन्स के साथ-साथ अपने ग्राहकों की ज़रूरतों का ध्यान रखती हूं। वहीं, एक ऐक्टर के तौर पर मैं स्वार्थी हूं और किसी भी रोल के लिए साइन करने से पहले मैं सोचती हूं कि मेरा कैरेक्टर कैसा होगा और उसके ज़रिए मैं अपने आपको एक ऐक्ट्रेस के तौर पर कैसे बेहतर बना पाऊंगी।
रेहसन एक टीम की मेहनत है और ऐक्टिंग में सारा दारोमदार मेरे ऊपर है और इसलिए इन दोनों ही भूमिकाओं में ज़मीन और आसमान जितना अंतर है।
रेहसन की शुरुआत करने में आपको किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा?
सोनमः रेहसन से पहले हमने कभी बिज़नेस नहीं संभाला था। हमें कंपनी के ऑपरेशन्स और मार्केट को समझने में वक़्त लगा। रेहसन में हमें कई जिम्मेदारियां एकसाथ संभालनी पड़ती हैं। हमें ख़ुद ही तय करना होता है कि ग्राहक हमसे क्या चाहता है और हमें उसे किस तरह का प्रोडक्ट मुहैया कराना है। फ़िल्म में बजट की जिम्मेदारी प्रड्यूसर की होती है, जबकि रेहसन में हमें बजट भी ख़ुद ही संभालना होता है।
रीटेल फ़ैशल इंडस्ट्री के क्षेत्र में कई सेलेब्रिटीज़ उतर चुके हैं। इनमें दीपिका पादुकोण (ऑल अबाउट यू) और अनुष्का शर्मा (नश) जैसे बड़े स्टार्ट शामिल हैं। आप इन सेलिब्रिटीज़ से मिल रहे कॉम्पटिशन को कैसे संभालती हैं?
सोनमः ब्रैंड की ओनरशिप पूरी तरह से हमारे पास है। शॉपर्स स्टॉप हमारे ब्रैंड को रीटेलिंग और मैनुफ़ैक्चरिंग का सहयोग दे रहा है, लेकिन ब्रैंड पूरी तरह से हमारा है। मुझे पूरा विश्वास है कि अन्य सेलेब्रिटीज़ में भी अपने ब्रैंड्स को लेकर पूरा जुनून होगा, लेकिन मैं मानती हूं कि रेहसन पूरी तरह से हमारा है, यह कोई असोसिएशन नहीं है और हम किसी ब्रैंड के ऐंबैसडर नहीं हैं। डिज़ाइन का पूरा काम हम ख़ुद ही संभालते हैं और शुरू से लेकर अंत तक सभी जिम्मेदारियां भी हमारे ही कंधों पर हैं।
रेहसन के संदर्भ में भविष्य के लिए आपकी क्या योजनाएं हैं?
सोनमः मैं मानती हूं कि भारत के हाई-स्ट्रीट फ़ैशन में डिज़ाइन के विकल्प बेहद सीमित हैं और रेहसन ने एक तरीक़े से इस मार्केट को कमर्शल डिज़ाइन्स के विकल्प देने का काम किया। जब हमने शुरुआत की थी, तब इस मार्केट में बहुत ज़्यादा ब्रैंड्स नहीं थे और यह भी एक वजह है कि हमारा ब्रैंड इतना अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। रेहसन को लेकर हमारी कई बड़ी योजनाएं हैं। हम जल्द ही भारत के बाहर भी शिपिंग शुरू करने जा रहे हैं और कुछ वक़्त बाद ही हम मेन्सवियर मार्केट में भी उतरेंगे।
हाल ही में, एक फ़ैशन लेबल के लॉन्च में आपने जेंडर न्यूट्रल क्लोदिंग की बात की थी। आजकल महिलाएं पुरुषों के कपड़े पहन सकती हैं, लेकिन क्या हमारा समाज पुरुषों को विमिंजवियर में स्वीकार कर सकता है?
सोनमः हम मेंस वियर या विमिंस वियर को अलग-अलग कैसे कर सकते हैं? मेरे पति का ब्रैंड ‘भाने’ यूनिसेक्स जैकेट्स डिज़ाइन करता है; मैं भी उन जैकेट्स को पहन सकती हूं, मेरे पति भी उन्हें पहन सकते हैं और कोई भी उन्हें पहन सकता है। कपड़े नहीं तय करते कि आप क्या हैं। बहुत से ऐसे कपड़े हैं, जो सभी पहन सकते हैं।
हमने रणवीर सिंह को स्कर्ट में देखा है। वह उन कपड़ों में भी बहुत अच्छे दिखते हैं और वह ऐसे कपड़े पहन सकते हैं क्योंकि उनके अंदर अपने कपड़ों को लेकर पूरा आत्मविश्वास है। अगर आप अपने कपड़ों में सहूलियत नहीं महसूस कर रहे हैं तो आप कुछ भी पहन लें, वह आपके ऊपर अच्छा नहीं लगेगा। आपका आत्मविश्वास ही आपके कपड़ों और व्यक्तित्व में चमक लाता है।
भारतीय सिनेमा अब काफ़ी अत्याधुनिक हो चुका है और हम अपनी इंडस्ट्री में बोल्ड फ़िल्मों और संदेशों को देख रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद भी लकीर के फ़ीकर मौजूद हैं। ऐसे समाज के बीच आपके एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा फ़िल्म के माध्यम से एक गे चरित्र को पेश किया। इस काम को करने की प्रेरणा आपको कहां से मिली?
सोनमः मैं सच कहूं तो मुझे इस संबंध में कुछ भी सोचना नहीं पड़ा। मैं इस रोल को इसलिए चुना क्योंकि इस कहानी को लोगों तक पहुंचाने की ज़रूरत थी और मुझे इसका हिस्सा बनना था। मुझे लगा कि यह एलजीबीटीक्यू समुदाय की बातों को लोगों तक पहुंचाने का बिल्कुल सही तरीक़ा है। लोग इसे एक बहादुरी भरा निर्णय कह रहे हैं, लेकिन मैं इस रोल के चुनाव को कभी इस ढंग से नहीं लिया। यह एक बहुत ही रोचक कहानी थी। मुझे बहुत अच्छा लगा कि फ़िल्म के निर्देशक और लेखक ने मुझे इस रोल के लिए उपयुक्त समझा।
आप अपने ऐक्टिंग करियर में अब क्या करने वाली हैं?
सोनमः मेरी अगली फ़िल्म है, द ज़ोया फ़ैक्टर, जो अनुजा चौहान की एक किताब पर आधारित है। मेरे साथ, डलकर सलमान इस फ़िल्म में होंगे। यह फ़िल्म 14 जून, 2019 को रिलीज़ होनी है।
हमारे पाठकों के लिए आप फ़ैशन से संबंधित कोई सुझाव देना चाहती हैं?
सोनमः आप जैसे हैं, वैसे रहिए। अपनी सहूलियत का पूरा ख़्याल रखिए। मौक़े और मौसम के हिसाब से अपने आप को तैयार कीजिए और हां, सही जूते और अपनी सुविधा के हिसाब से इनरवियर्स पहनिए!
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