डॉक्टर बनने की चाह रखने वाली सोफी थॉमस बन गई केरल हाइकोर्ट की पहली महिला रजिस्ट्रार-जनरल
केरल, एक ऐसा राज्य जिसने देश को अन्ना चांडी के रुप में हाइकोर्ट की पहली महिला जज और फातिमा बीवी के रुप में सुप्रीम कोर्ट की प्रथम महिला जज देकर अपनी अलग पहचान बनाई है। वहीं अब सोफी थॉमस ने केरल हाइकोर्ट की पहली महिला रजिस्ट्रार-जनरल बनकर राज्य का मान बढ़ाया है।
केरल राज्य आज जरुर एक बार फिर से गौरवान्वित महसूस कर रहा है। इस राज्य ने पहले ही देश को अन्ना चांडी के रुप में हाइकोर्ट की पहली महिला जज और सुप्रीम कोर्ट की प्रथम महिला जज के रुप में फातिमा बीवी जैसी महान शख़्सियतें दी है।
अब, त्रिशूर की प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश सोफी थॉमस, केरल हाइकोर्ट की रजिस्ट्रार-जनरल नियुक्त होने वाली पहली महिला बन गई हैं। वह करुणाकरन नायर हरिपाल की जगह लेती हैं, जिन्हें हाल ही में अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई गई थी।
वझाकुलम में एक किसान परिवार से आने वाली, सोफी ने राज्य की न्यायिक सेवा में कानून की शुरुआत की, जिला न्यायाधीश बनने से पहले और बाद में उच्च न्यायपालिका में शामिल हुईं।
द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक,
गवर्नमेंट लॉ कॉलेज, एर्नाकुलम से एलएलबी और एमजी यूनिवर्सिटी के ऑफ-कैंपस सेंटर से एलएलएम करने वाली सोफी कहती है, “मैंने गलती से कानून में हाथ आजमाया। मैं डॉक्टर बनना चाहती थी। हालांकि, मेरी किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।”
उन्होंने आगे कहा,
“एक और बात जिसने मुझे कानून की पढ़ाई के लिए प्रेरित किया, वह थी इस पेशे का मानवीय पक्ष। आप असंख्य मुद्दों के साथ लोगों के संपर्क में आते हैं और जब आप उन्हें हल करने में सक्षम होते हैं, तो आप संतुष्ट महसूस करते हैं।”
एक उदाहरण के रूप में, उन्होंने अपने करियर की शुरुआत में हुई एक घटना को याद किया।
सोफी ने बताया,
“एक महिला, जो मानसिक रूप से परेशान थी, को बारिश में अपने बच्ची को छोड़ कर भागते हुए पाया गया। यह पेरुम्बवूर की घटना थी। मैंने इसे देखा और अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे बच्ची को ले जाएं और उसे एसओएस के साथ रखें। मुझे खुशी है कि मैंने पहल की। वह बच्ची अब 24 साल की है और उसने दुनिया में अपना रास्ता खोज लिया है।”
Edited by रविकांत पारीक