ई-वेस्ट मैनेजमेंट के लिए नोएडा में लगाए गए 'खास' डस्टबिन, डाल सकेंगे मोबाइल, बैट्री, पेनड्राइव जैसे इलेक्ट्रॉनिक आइटम
वेस्ट मैनेजमेंट एक बड़ी समस्या है। खासतौर पर ई-वेस्ट मैनेजमेंट, अगर ई-वेस्ट का सही तरीके से निस्तारण नहीं किया जाता तो यह पर्यावरण के लिए खतरनाक साबित होता है। आम लोग सामान्य कचरे और ई-वेस्ट में अंतर नहीं कर पाते और कबाड़ी को दे देते हैं, जिसके बाद ही असल समस्या शुरू होती है।
क्या आप भी अपने पुराने या खराब हो चुके इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स जैसे- मोबाइल, टीवी रिमोट, इयरफोन, पेन ड्राइव और चार्जर कूड़े में फेंक देते हैं या ऐसे ही किसी कबाड़ी को दे देते हैं? अगर ऐसा करते हैं तो आपको आदत बदलने की जरूरत है।
दरअसल दिल्ली से सटे नोएडा में एक खास तरह के डस्टबिन लगाए गए हैं जो खासतौर पर ई यानी इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट के लिए हैं। यानी कि घर का सारा इलेक्ट्रॉनिक कचरा आप इनमें डाल सकते हैं, इनका नाम 'ई-वेस्ट बिन' है। लोगों में ई-वेस्ट को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए ये डस्टबिन लगाए गए हैं।
23 जगहों पर लगे खास डस्टबिन
ये डस्टबिन नोएडा में कुल 23 जगहों पर लगाए गए हैं। इन्हें नोएडा अथॉरिटी के जनस्वास्थ्य विभाग ने लगाया है। इन खास बिन्स में लोग मोबाइल, इयरफोन, मोबाइल की बैट्री, सीडी प्लेयर, खराब फोन, लैपटॉप, मदरबोर्ड, कीबोर्ड और टीवी रिमोट डाल सकते हैं। नोएडा अथॉरिटी के एक अधिकारी ने योरस्टोरी से बात करते हुए बताया,
'ये अपने आप में खास तरह के डस्टबिन हैं। इनमें लोग अपने घर का केवल इलेक्ट्रॉनिक कचरा ही डाल सकते हैं।'
डस्टबिन में जमा हुए कचरे के निस्तारण के बारे में अधिकारी ने बताया,
'ई-वेस्ट के मैनेजमेंट के लिए अथॉरिटी ने एक वेस्ट डिस्पोजल और मैनेजमेंट एजेंसी से कॉन्ट्रैक्ट किया है। यह कंपनी ई-वेस्ट मैनेजमेंट में एक्सपर्ट है। यह हफ्ते में एक बार हर डस्टबिन को चेक करती है और मिले कचरे को इकठ्ठा कर अपनी प्रक्रिया से उसका निस्तारण करती है।'
वह आगे कहते हैं कि हम ई-वेस्ट बिन का प्रयोग करने के लिए लोगों को समझा रहे हैं। इसके लिए हम विज्ञापन भी कर रहे हैं ताकि लोग अधिक से अधिक ऐसे डस्टबिन का प्रयोग कर सकें। हमने घरों से कचरा लाने वाले अथॉरिटी के कर्मचारियों को भी इसके बारे में समझाया कि वे गाड़ी में ई-वेस्ट के लिए अलग से बॉक्स रखें ताकि लोग ई-वेस्ट को बाकी कचरे के साथ ना मिलाएं।
ऐसे डस्टबिन नोएडा की बड़ी और भीड़भाड़ वाली जगहों पर लगाए गए हैं। इनमें गंगा मार्केट, अट्टा मार्केट, फिल्म सिटी, सेक्टर 62, सेक्टर 110, सेक्टर 92, सेक्टर 22 और सेक्टर 64 सहित कई बड़ी जगहें शामिल हैं। इन्हें लगाते समय आसपास की इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम दुकानों का भी खास ध्यान रखा गया है।
वेस्ट मैनेजमेंट है बेहद जरूरी
दरअसल वेस्ट मैनेजमेंट एक बड़ी समस्या है। खासतौर पर ई-वेस्ट मैनेजमेंट, अगर ई-वेस्ट का सही तरीके से निस्तारण नहीं किया जाता तो यह पर्यावरण के लिए खतरनाक साबित होता है। आम लोग सामान्य कचरे और ई-वेस्ट में अंतर नहीं कर पाते। वे सारे कचरे को कबाड़ी को दे देते हैं। आम कबाड़ी इलेक्ट्रॉनिक कचरे को कॉपर जैसे तार निकालने के लिए जला देते हैं और इसके कारण उससे निकला धुंआ काफी खतरनाक होता है।
फिलहाल नोएडा अथॉरिटी को उम्मीद है कि लोग इन ई-वेस्ट बिन का प्रयोग करना शुरू करेंगे। अगर यह सफल रहा तो और भी कई जगहों पर ऐसे डस्टबिन लगाए जाएंगे।