पुर्तगाल की एक यात्रा ने कैसे इस आंत्रप्रेन्योर को दी गोवा से हॉस्टल चेन शुरू करने की प्रेरणा
गोवा मुख्यालय वाली पिगी हॉस्टल्स एक हॉस्टल चेन है, जिसे मई 2019 में एक उद्यमी ने अपने पैसे लगाकर शुरू किया है। यह हॉस्टल चेन युवा घुमक्कड़ों को सुरक्षित और किफायती ठिकाना मुहैया कराती है।
"पिगी हॉस्टल एक गोवा स्थित बैकपैकर हॉस्टल स्टार्टअप है, जो यात्रियों के रहने के लिए साफ, किफायती और सुरक्षित ठिकाना मुहैया कराता है और साथ ही यात्रियों के ठहरने के दौरान यह इवेंट्स और दूसरी एक्टिविटीज के जरिए उनके अनुभव को और शानदार बनाने पर भी ध्यान देता है।"
पुणे के सिंबियोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज में पढ़ते रेयान प्रैजेरेज को एक स्कॉलरशिप मिली। इसके तहत उन्हें एक एक्सचेंज प्रोग्राम में एक सेमेस्टर पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन में बिताने का मौका मिला। यह सन 2012 की बात है। यूरोप में रहने के दौरान रेयान ने अपने दोस्तों के साथ सड़क मार्ग से स्पेन की यात्रा की, जहां वह एक-दो हॉस्टल में ठहरे थे। रयना ने बताया, "इस संस्कृति का अनुभव करने के बाद ही मुझे लगा कि मुझे इसे किसी दिन अपने घर वापस ले जाना चाहिए।"
अगले कुछ वर्षों के दौरान, रेयान ने हॉस्पिटैलिटी, फाइनेंस और सेल्स के क्षेत्र में अनुभव प्राप्त किया। फिर मई 2019 में, उन्होंने गोवा में पिगी हॉस्टल की नींव रखी। पिगी हॉस्टल एक गोवा स्थित बैकपैकर हॉस्टल स्टार्टअप है, जो यात्रियों के रहने के लिए साफ, किफायती और सुरक्षित ठिकाना मुहैया कराता है। यात्रियों के ठहरने के दौरान यह इवेंट्स और दूसरी एक्टिविटीज के जरिए उनके अनुभव को और शानदार बनाने पर भी ध्यान देता है। स्टार्टअप ने नॉर्थ गोवा में दो हॉस्टल खोले। पहला अरामबोल (अक्टूबर 2019) और दूसरा वैगेटर (दिसंबर 2019) में। इनका तीसरा हॉस्टल कैलंगुट में है।
हॉस्टल्स की शुरुआत
रेयान ने स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद गोवा स्थित इंपीरियल वेल्थ सर्विसेज नाम की एक कंपनी में निवेश सलाहकार के रूप में काम करना शुरू किया। इस नौकरी ने उन्हें एक जरूरी नेटवर्क मुहैया कराया, जिसका वह स्टार्टअप को शुरू करने और इसके लिए सही प्रॉपर्टी पाने में लाभ उठा सकते थे।
उन्होंने बताया, “हम रहने के लिए एक किफायती, साफ और सुरक्षित ठिकाने की समस्या को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं। हम समान विचारधारा वाले लोगों के समुदाय का निर्माण करना चाहते हैं। गोवा से होने के नाते, हमें इस जगह की जरूरतें और उन जगहों की अच्छी समझ हैं, जहां लोग बार-बार जाकर मौज-मस्ती करते हैं।
इससे हमें लोकेशन को छोटा करने, स्थानीय लोगों को परियोजना में शामिल करने और गोवा के उस खास एहसास को उभारने में मदद मिली, जिसे लोग खूब प्यार करते हैं और जिसके अनुभव के लिए इतने दूर से आते हैं। इसलिए हमारे लिए प्रॉपर्टी को शुरू करना अपेक्षाकृत थोड़ा आसान था।”
शुरुआत में रेयान ही सारे विभागों का काम देखते थे। इसमें एचआर ऑपरेशन से लेकर खातों का प्रबंधन तक शामिल थी। वह एक तरफ मेहमानों के साथ बातचीत करते और उनका फीडबैक लेते थे। वहीं दूसरी तरफ वह हॉस्टल का संचालन, बुकिंग्स, सेल्स और मार्केटिंग भी संभालते थे।
महामारी से पैदा हुई समस्या
मार्च 2020 में बिजनेस ने अच्छा प्रदर्शन करना शुरू ही किया था कि तभी देशव्यापी लॉकडाउन लागू हो गया। इसके चलते स्टार्टअप को मजबूरी में बुकिंग बंद करनी पड़ी।
रेयान ने बताया, “शुरुआत में हालात खराब थे। कई पर्यटक वापस आ गए क्योंकि उनके पास जाने के लिए कोई जगह नहीं थी। करीब तीन महीने तक वे अपने घर नहीं जा पाए थे। इस दौरान हमने अपने खर्च से उनकी मेजबानी की। हमारे पास उस समय जो भी थोड़े संसाधन थे, उससे चीजें संभाली।"
रेयान ने पिग्री केयर्स भी लॉन्च किया, जो एनजीओ के लिए एक सामाजिक जागरूकता वाला और चंदा जुटाने वाला प्लेटफॉर्म है। यह अपनी क्षमता के मुताबिक उनकी सहायता करता है। वर्तमान में, यह अपने हॉस्टल को ठहरने के विकल्प के अलावा दूसरे संसाधनों के रूप में भी प्रदान कर रहे हैं।
रेयान ने बताया, “मई तक काफी नुकसान हो चुका था, खासतौर से पर्यटन क्षेत्र में। शुरुआती कुछ महीनों में हमें भी इस इलाके के बाकी सभी होटलों की तरह एक भी नई बुकिंग नहीं मिली। इस दौरान हमें मदद मिली लंबी अवधि के लिए रहने के ठिकाने तलाशने वाले मेहमानों से, जो मुख्य तौर विदेशी थे और यहां लॉकडाउन के चलते फंस गए थे।"
इस मुश्किल समय में, रेयान ने अपने मार्केटिंग प्रयासों को तेज कर दिया और ऑपरेशन में मदद करने के लिए अधिक कर्मचारियों को काम पर रखा। पिगी हॉस्टल की कोर टीम में फरवरी 2020 सिर्फ एक व्यक्ति था, जो मई तक बढ़कर नौ हो गए। स्टार्टअप ने अपनी पांच साल की योजना को एक साल की योजना में बदलकर चीजों को गति देने का फैसला किया।
एक टेक आधार बनाना
रेयान ने बताया, "हमारी योजना हर उस स्थान पर हॉस्टल खोलने की है, जहां हमें यह व्यवहारिक लगे और वह जगह पर्यटन के लिए खुली हो। भले ही इसका मतलब यह हो कि हम कुछ जगहों पर मार्केट के पहुंचने से थोड़ा पहले ही पहुंच जाएं।"
पिगी हॉस्टल क्लाउड-आधारित सॉफ्टवेयर का उपयोग करता है, जो हॉस्टल को एक स्थान से संभालने में मदद करने के लिए प्लेटफार्म पर एकीकृत है। गोवा की यह स्टार्टअप एक एआई-आधारित प्रणाली का इस्तेमाल करती है, जो प्रत्येक बाजार में मांग की गणना करता है और टीम को प्रत्येक प्रॉपर्टी के लिए कीमत और अपनी स्थिति निर्धारित करने में मदद करता है।
रेयान बताते हैं, “हम अपनी खुद की तकनीक विकसित कर रहे हैं, जो प्रत्येक प्रॉपर्टी पर मेहमानों के अनुभव को बेहतर बनाएगी। यह उन्हें हॉस्टल में होने वाले इवेंट्स और एक्टिविटीज की सूचना देगा, उनका नामांकन करेगा और इसमें भाग लेने की नियम और शर्तें बताएगा।”
पिगी हॉस्टल के पास गोवा में तीन लीज पर ली हुई प्रॉपर्टी, एक केरल में और एक फ्रेंचाइजी, राजस्थान के बूंदी में है। वहीं दो फ्रेंचाइजी हिमाचल के स्पीति में मई 2021 में खुलनी है, जिसके लिए कागजी कार्यवाही पूरी हो चुकी है।
स्टार्टअप के प्रमुख ग्राहक 18-35 आयु वर्ग वाले युवा हैं। इनमें युवा कामकाजी पेशेवर, डिजिटल खानाबदोश और विश्वविद्यालयों के छात्र हैं। एक बेड की औसत कीमत करीब 500 रुपये और निजी कमरा 1,500 रुपये में है।
रेयान का कहना है कि स्टार्टअप एक पारिस्थितिकी तंत्र बना रहा है, जो फ्रैंचाइजी धारकों को फायदा पहुंचाएगी। यह उन्हें तकनीक के उपयोग से प्लेटफॉर्म को ज्वाइन करने में सक्षम बनाएगा, जिससे उनकी लागत बचेगी और अधिक मुनाफा मिल सकेगा।
रेयान कहते हैं, “हम उन युवा उद्यमियों और मौजूदा स्वतंत्र हॉस्टल के साथ काम करना चाहते हैं, जो देशव्यापी रीच और एक पेशेवर बैकएंड तक पहुंच हासिल करना चाहते हैं ताकि उनका एकमात्र ध्यान मेहमानों को एक शानदार अनुभव देने में हो सके। हम उन्हें यात्राएं और यात्राओं के कार्यक्रम बनाने में सहायता करते हैं, और हमारे पास एक बहुत बड़ी स्वैच्छिक सिस्टम है, जो उन्हें फायदा पहुंचाती है।”
रेवेन्यू और ग्रोथ
अक्टूबर 2019 से मार्च 2020 तक, पिगी हॉस्टल का कुल ग्रॉस रेवेन्यू 60 लाख रुपये था। इसमें अक्टूबर से दिसंबर 2020 तक इसने 10 लाख रुपये दर्ज किए। खुद के पैसों से शुरू हुआ यह स्टार्टअप इस साल 90 लाख रुपये की आमदनी को छूने की उम्मीद कर रहा है।
रेयान ने बताया, “हम जिस तकनीक का निर्माण कर रहे हैं, उसकी लागत लगभग 5 लाख रुपये है। हमारी योजना एआई-आधारित पारिस्थितिकी तंत्र को बेहतर ढंग से विकसित करने की है, जिसकी लागत 1 करोड़ रुपये तक होगी। एक बार जब हम इसे शुरू कर देंगे, उसके बाद इसके पूरा होने/लागू होने में लगभग नौ महीने लगेंगे।"
महामारी के चलते हॉस्टल सेगमेंट को तगड़ी चोट लगी थी। इस सेगमेंट के प्रमुख स्टार्टअप्स में जॉस्टल, ओयो ग्रुप के को-वर्किंग और को-लिविंग स्पेस, गोस्टॉप्स, बिस्तर, हॉस्टलर्स और मुश्चै सहित कई नाम शामिल हैं।
टेकस्की रिसर्च की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत का ट्रैवल और टूरिज्म मार्केट 2017 में 56 अरब डॉलर का था और 2023 तक इसके सालाना 7.5 प्रतिशत की अधिक की दर से बढ़ते हुए 86 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।
धीरे-धीरे चीजें कैसे बदल रही हैं, इस बारे में बात करते हुए, रेयान कहते हैं, “पिछले कुछ महीनों में बहुत से युवा पेशेवरों और जोड़ों में 'वर्कस्टेशन’ विकल्प की मांग दिखी है। हमारे पास कई लोग इस विकल्प को आजमाने आए. हाई-स्पीड वाई-फाई के साथ, लोग आसानी से दिन के दौरान लॉग इन कर सकते हैं और दुनिया के विभिन्न हिस्सों से अपनी टीमों के साथ काम कर सकते हैं। साथ ही शाम में समुद्र तट पर आराम फरमा सकते हैं।”
उन्होंने बताया, "गोवा में ऐसे युवा बैकपैकर्स की संख्या में अच्छी खासी बढ़ोतरी देखी गई है, जो अपनी चार दीवारों के भीतर रहने से तंग आ चुके थे और गोवा जैसे स्थानों को एक्सप्लोर करना चाहते थे। हमारी योजना मई 2021 तक 20 हॉस्टल और अक्टूबर 2021 के अंत तक 50 हॉस्टल साइन करने की है।"
Edited by Ranjana Tripathi