होम अप्लायंस बनाने के लिए छोड़ दी कॉर्पोरेट जॉब, अब 40 करोड़ रुपये महीने कमाता है इस शख्स का बिजनेस
2015 में, भरत कालिया ने लाइफलॉन्ग ऑनलाइन (Lifelong Online) लॉन्च करने और मिक्सर ग्राइंडर के निर्माण के लिए अपनी मैनेजमेंट कंसल्टेंसी जॉब को छोड़ कर उद्यमशीलता का संकल्प लिया। पांच वर्षों में, उन्होंने लाइफलॉन्ग ऑनलाइन को तेजी से बढ़ते डी 2 सी ब्रांड में तब्दील कर दिया।
साल 2015 था और इंटरनेट की बढ़ती पैठ भारत में ईकॉमर्स के उत्थान की ओर अग्रसर थी। बैन एंड कंपनी में अपने गुरुग्राम ऑफिस में बैठे, भरत कालिया ने उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं पर विचार किया।
उस समय भरत उन्हीं होम अप्लायंसेस का इस्तेमाल कर रहे थे जो उनके माता-पिता ने लगभग 20-30 वर्षों तक इस्तेमाल किए। उन्हें यकीन था कि उपभोक्ता टिकाऊ क्षेत्र को एक डिजिटल सुधार की आवश्यकता है।
वह YourStory को बताते हैं,
“2015 में, मोबाइल और टीवी में काफी कुछ विकास हो रहा था, लेकिन होम अप्लायंसेस और उपभोक्ता ड्यूरेबल्स स्पेस में कुछ भी नहीं हो रहा था। इन लेगेसी कैटेगरीज में अत्यधिक भारी और उत्पादन व वितरण के गैर-कुशल तरीके शामिल थे।"
वह कहते हैं, “उस समय, छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों सहित देश भर के ग्राहक अधिक आरामदायक जीवन जीना चाहते थे। लेकिन घरेलू उपकरण (home appliances) और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं (consumer durables) उनके लिए डिजाइन नहीं की गई थीं।”
एक एसोसिएट से लेकर टीम मैनेजर तक का काम करते हुए भरत ने मैनेजमेंट कंसल्टेंसी फर्म में पांच साल बिताए थे। लेकिन उन्होंने महसूस किया कि वह अपनी आरामदायक कॉर्पोरेट नौकरी को छोड़ने और उद्यमिता की अप्रत्याशित दुनिया में छलांग लगाने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा, "इसलिए मैंने इन उत्पादों को उनकी जरूरतों के अनुसार और ईमानदार और पारदर्शी मूल्य पर शुरू करने का फैसला किया।"
विश्वासपूर्ण कदम
भरत के दृढ़ विश्वास ने उन्हें 2015 में गुरुग्राम में अपनी मैनेजमेंट कंसल्टेंसी जॉब छोड़ने और लाइफलॉन्ग ऑनलाइन शुरू करने के लिए प्रेरित किया। उनकी इस यात्रा में उन्हें बैन एंड कंपनी के सहयोगी वरुण ग्रोवर और उद्यमी अतुल रहेजा ने ज्वाइन किया।
भरत कहते हैं, “मेरा आइडिया कस्टमर-बैकवर्ड ब्रांड को शुरू करना, ग्राहकों की चिताओं को समझते हुए प्रोडक्ट्स पर नए-नए प्रयोग करना, बहुत ही साधारण सप्लाई चैन पर ध्यान केंद्रित करना और डायरेक्ट-टू-कस्टमर (डी 2 सी) मॉडल के माध्यम से वितरण करना था। इससे हमें मूल्य निर्धारण में मजबूत उत्पादों और क्षमताओं का निर्माण करने में मदद मिलेगी जो हम उपभोक्ताओं को दे सकते हैं।”
तीनों ने पहला प्रोडक्ट बनाने के लिए एक छोटी सी सीड कैपिटल के साथ शुरूआत की और यह पहला प्रोडक्ट था एक मिक्सर ग्राइंडर।
पांच वर्षों में, भरत और उनके सह-संस्थापकों ने घर, रसोई, सौंदर्य और जीवन शैली श्रेणियों में उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला को जोड़ा। उन्होंने 2019 में लाइफलॉन्ग ऑनलाइन को तेजी से बढ़ते, डिजिटल-फर्स्ट कंज्यूमर ड्यूरेबल्स ब्रांड में तब्दील किया। भरत और उनकी टीम ने टैंगलिन वेंचर पार्टनर्स से एक सीरीज ए फंडिंग राउंड में 40 करोड़ रुपये जुटाए।
भरत दावा करते हैं कि आज, 60 सदस्यीय लाइफलॉन्ग ऑनलाइन टीम पीक महीनों में 40 करोड़ रुपये का राजस्व कमाती है। कुल बिक्री का लगभग 33 प्रतिशत घरेलू और रसोई उपकरणों से आता है, एक तिहाई ग्रूमिंग और स्पोर्ट्स प्रोडक्ट्स से, और बाकी इसकी लाइफस्टाइल और हेल्थ कैटेगरीज से आता है।
रिटेल और मैन्युफैक्चरिंग सेटअप
लाइफलॉन्ग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड असेंबलीज, प्लास्टिक इंजेक्शन मोल्डिंग पार्ट्स और डाई कास्टिंग पार्ट्स का निर्माता है। भरत का ब्रांड अमेजॉन, फ्लिपकार्ट, टाटा क्लीक, नायका, पेटीएम, स्नैपडील, 1Mg, के माध्यम से 500 से अधिक भारतीय शहरों में उपलब्ध है। साथ ही इसका ऑफलाइन वितरण नेटवर्क भी है।
भरत कहते हैं, “परंपरागत रूप से, एक फिजिकल स्टोर का एक विक्रेता आपको बताएगा कि कौन सा मिक्सर ग्राइंडर या वॉशिंग मशीन खरीदने के लिए सही है। लेकिन आज, युवा, समझदार ग्राहक ऑनलाइन कंटेंट, प्रोडक्ट रेटिंग और रिव्यू को देखते हैं और तब जाकर कुछ खरीदते हैं। ये वे ग्राहक हैं जिन तक हम ब्रांड के माध्यम से पहुंचते हैं।”
लाइफलॉन्ग ऑनलाइन की वर्तमान में तीन फैक्ट्री हैं - एक कोयम्बटूर में और दो हरियाणा में। ये फैक्ट्री भरत के ब्रांड के लिए विशेष रूप से निर्माण करती हैं लेकिन इसके स्वामित्व में नहीं हैं।
भरत कहते हैं, “हमारे पास ऐसे उद्यमी हैं जो हमारे लिए फैक्ट्री स्थापित करते हैं और केवल हमारे उत्पाद बनाते हैं। हम फैक्ट्री के लिए पूंजी नहीं लगाते हैं और केवल उन्हें लीज पर लेते हैं। इस वर्ष, हम एक नई मल्टी-लाइन फैसिलिटी में परिचालन और संचालन शुरू करने की योजना बना रहे हैं।”
यह एसेट-लाइट मैन्युफैक्चरिंग मॉडल एक D2C रिटेल रणनीति के साथ जुड़ा है, जो बिचौलियों को खत्म करता है, लाइफलॉन्ग ऑनलाइन को प्रतिस्पर्धी कीमतों पर बेचने की अनुमति देता है।
प्रोडक्ट इनोवेशन साइकल
भरत ने 60-90 दिन के प्रोडक्ट डेवलपमेंट साइकल को रखा है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो चैनल और प्रोडक्ट रिव्यू इनसाइट के माध्यम से ग्राहकों की जरूरतों की पहचान करने पर टिका है। अपनी D2C रणनीति के माध्यम से ग्राहकों के साथ सीधे संपर्क में होने के कारण ब्रांड को उपभोक्ता प्रतिक्रिया और डेटा तक आसानी से पहुंचने की अनुमति मिलती है।
लाइफलॉन्ग ऑनलाइन डेटा की समीक्षा करता है, और तब इंजीनियर एक फंक्शनल डिजाइन बनाते हैं जो उपभोक्ता की आवश्यकताओं को पूरा करता हो और ब्रांड की वैल्यू चैन - प्रोडक्ट स्पेसिफिकेशन्स, डिजाइन और सप्लाई चैन से पैकेजिंग तक सही का अनुकूलन करता है।
इसके बाद ब्रांड एक टेस्ट लॉन्च कंडक्ट करता है और कैटेगरीज और मार्केट के आकार का अध्ययन करते हुए, प्रतिक्रिया के आधार पर प्रोडक्ट को परिष्कृत करता है।
इसके बाद, भरत और उनकी टीम प्री-लॉन्च क्वालिटी टेस्ट करती है और नतीजों से संतुष्ट होने के बाद अंतिम लॉन्च की ओर बढ़ते हैं।
चुनौतियों से पार पाना
लाइफलॉन्ग ऑनलाइन पहले कुछ वर्षों के लिए एक बूटस्ट्रैप्ड व्यवसाय के रूप में संचालित था लेकिन जल्द ही इसके विस्तार के लिए पूंजी की आवश्यकता हुई।
भरत ने कहा कि उनका व्यवसाय विनिर्माण और बिक्री दोनों में शामिल था, और ऋण वित्तपोषण को बढ़ाना मुश्किल था।
वे कहते हैं, “निवेशक चार से पांच साल पुरानी कंपनी को वित्त ऋण देने के लिए बहुत ज्यादा ओपन नहीं थे। एक लाभदायक कंपनी होने के बावजूद, बैंकों को हमें कार्यशील पूंजी ऋण देने के लिए राजी करना चुनौतीपूर्ण था। इसलिए हमें इक्विटी फाइनेंसिंग के लिए जाना पड़ा।"
जब COVID-19 महामारी और उसके बाद लॉकडाउन ने भारत को प्रभावित किया, तो भरत और उनकी टीम को प्रोडक्ट इंस्टॉल करने या उसकी सर्विस करने के लिए ग्राहकों के घरों में जाना असंभव हो गया।
एक प्रतिवाद के रूप में, उन्होंने डिजिटल कंटेंट का निर्माण किया जिसमें बताया गया था कि कैसे ग्राहक अपने दम पर कुछ लाइफलॉन्ग ऑनलाइन प्रोडक्ट्स को इंस्टॉल और सर्विस कर सकते हैं। क्योंकि लाइफलॉन्ग ऑनलाइन एक डिजिटल ब्रांड है, इसलिए इसकी समग्र मांग में वृद्धि हुई है और इसके आर्थिक सुधार में मदद मिली है।
बाजार का दृष्टिकोण और भविष्य की योजना
भरत और उनके D2C उपभोक्ता ड्यूरेबल्स ब्रांड अब उस भारतीय उपकरण और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार में धूम मचा रहे हैं, जो IBEF के आंकड़ों के अनुसार 2019 में 76,400 करोड़ रुपये के आकार से 2025 तक 1.48 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है।
भरत कहते हैं, “आज, हम अपनी कैटेगरीज में कई बड़े, स्थापित और लेगेसी ब्रांडों के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं। मेरा मानना है कि हमारा अथक ग्राहक ध्यान और टेक्नोलॉजी के नेतृत्व में तेजी से इनोवेशन साइकल हमें ग्राहकों को संतुष्ट करने में मदद करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि वे हमारे पास वापस आते रहें।”
वे कहते हैं, “इन श्रेणियों में बड़े ब्रांडों का वर्चस्व है, लेकिन अगर वे हमारे जैसे डिजिटल-फर्स्ट डी 2 सी दृष्टिकोण को शामिल करना चाहते हैं, तो यह डीएनए का आदान-प्रदान करने जैसा होगा। वे लंबे समय में ऐसा कर सकते हैं, लेकिन वर्तमान में यह उनका मूल नहीं है।”
आगे बढ़ते हुए, भरत ने ब्रांड के इनोवेशन साइकल को और अधिक अनुकूलित करने और घरेलू श्रेणियों में अधिक उत्पादों के निर्माण की योजना बनाई है।
उनके पास युवा इंजीनियरों और डिजाइनरों को लाइफलॉन्ग ऑनलाइन के लिए इनोवेटिव कंज्यूमर ड्यूरेबल्स प्रोडक्ट्स के निर्माण और परीक्षण के लिए सक्षम करने की योजना है।
वे कहते हैं, "यह भागीदारी और अधिग्रहण के संयोजन के माध्यम से हो सकता है।"