देश में स्टार्टअप इकोसिस्टम की वैल्यूएशन तीन लाख करोड़ रुपये: पीयूष गोयल
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि देश में 80,000 से अधिक स्टार्टअप कंपनियां रजिस्टर्ड हैं जिनमें 10 लाख से अधिक लोगों को सीधे तौर पर रोजगार मिला हुआ है. इसके अलावा लाखों लोग अप्रत्यक्ष रूप से भी इससे जुड़े हुए हैं.
उद्योग एवं व्यापार मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा कि देश में मौजूद स्टार्टअप इकोसिस्टम की वैल्यूएशन करीब तीन लाख करोड़ रुपये हो चुकी है.
गोयल ने एक कार्यक्रम में कहा कि देश में इस समय यूनिकॉर्न (एक अरब डॉलर से अधिक मूल्य वाले) स्टार्टअप की संख्या 110 से अधिक है जबकि करीब 75 कंपनियां जल्द ही इस श्रेणी में पहुंचने की होड़ में शामिल हैं. उन्होंने इसे देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताया.
गोयल ने कहा, "पिछली बार जब हमने अपने स्टार्टअप इकोसिस्टम की वैल्यूएशन की थी तो वह करीब 368 अरब डॉलर का था. यह आंकड़ा करीब तीन लाख करोड़ रुपये बैठता है."
उन्होंने कहा कि देश में 80,000 से अधिक स्टार्टअप कंपनियां रजिस्टर्ड हैं जिनमें 10 लाख से अधिक लोगों को सीधे तौर पर रोजगार मिला हुआ है. इसके अलावा लाखों लोग अप्रत्यक्ष रूप से भी इससे जुड़े हुए हैं.
पीयूष गोयल ने भारत के व्यापार समुदाय से आग्रह किया है कि वह भारत में बने उत्पादों को प्रधानता दे.
गोयल ने कहा कि पिछले 30 वर्षों में भारत का सकल घरेलू उत्पाद 11.8 गुना बढ़ा था. उन्होंने कहा कि उस समय आबादी का बड़ा वर्ग जीवन की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में ही लगा रहता था, जैसे रोटी, कपड़ा और मकान. उन्होंने कहा कि ढांचागत सुधारों पर सरकार की विस्तृत नजर के कारण हालात में जबरदस्त बदलाव आया है. इससे लोगों को जीवन की जरूरतों के लिये लगातार संघर्ष करने से मुक्ति मिल गई है.
गोयल ने कहा कि सुधार उन्हें बहुत प्रिय हैं. सरकार ने 12 करोड़ से अधिक शौचालय बनाकर, साफ-सफाई को बढ़ावा देकर लोगों तथा हर घर की बहुत बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में सफलता प्राप्त की है. उन्होंने कहा, “बात तो महज़ शौचालय की थी, लेकिन इसने सभी के और खासतौर से महिलाओं के आत्म-सम्मान के भाव को बनाये रखा.”
गोयल ने कहा कि सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत लगभग 80 करोड़ नागरिकों को खाद्यान्न आपूर्ति करके खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित किया है. इसके अलावा हर महीने प्रति व्यक्ति पांच किलो अतिरिक्त खाद्यान्न प्रदान किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि करदाताओं के लिये यह संतोष का विषय होना चाहिये कि उनका धन जरूरतमंद लोगों की मदद करने में लगाया जा रहा है. गोयल ने कहा कि 50 करोड़ लोगों को अब मुफ्त, बेहतर स्वास्थ्य सुविधा दी जा रही है तथा जल जीवन मिशन के तहत हर घर में नल से पानी पहुंचाया जा रहा है.
गोयल ने इन सभी पहलों का उल्लेख करते हुये कहा कि ऐसे बुनियादी कामों से हमारी आबादी, खासतौर से हमारे युवाओं के लिये यह सुनिश्चित कर दिया गया है कि वे विकास तथा प्रगति को बढ़ाने वाला हर काम करने के लिये मुक्त हैं; इस तरह हमारे यहां मौजूद विविधता की पूरी क्षमता का उपयोग होगा. उन्होंने कहा, “हमारे युवा अब जरूरतों के लिये संघर्ष करने से आजाद हो चुके हैं और वे बहुत आकांक्षी हैं. वे नवोन्मेषक और उद्यमी बनना चाहते हैं तथा देश के विकास में योगदान करना चाहते हैं.”
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