रेस्टॉरेंट्स और क्लाउड किचन की मुनाफा कमाने में मदद करता है स्टार्टअप Ghost Kitchens
मुंबई स्थित Ghost Kitchens की स्थापना 2019 में करण तन्ना ने की थी. फूड टेक स्टार्टअप के मुंबई और अहमदाबाद समेत 40 शहरों में 25 से अधिक स्पेशलाइज्ड फूड डिलीवरी ब्रांड, 150 फुलफिलमेंट पार्टनर और 1100 इंटरनेट रेस्टॉरेंट्स है.
हाइलाइट्स
- Ghost Kitchens से पहले करण दो स्टार्टअप — Goodies और Yellow Tie Hospitality (YTH) — की स्थापना कर चुके हैं.
- Ghost Kitchens का मकसद मौजूदा रेस्टॉरेंट्स और क्लाउड किचन को उनके कम उपयोग वाले संसाधनों का अनुकूलन करके अधिक रेवेन्यू हासिल करने में मदद करना है.
- स्टार्टअप ने अब तक 3 फंडिंग राउंड में फंडिंग हासिल की. इसने हालिया सीरीज़ A राउंड में GVFL की अगुवाई में $5 मिलियन जुटाए थे.
- Ghost Kitchens में अभिनेता राणा दग्गुबाती ने भी निवेश किया है.
टेक्नोलॉजी की बदौलत घर बैठे मनचाहा खाना मंगवाने की चाह ने फूड टेक मार्केट को तगड़ी रफ्तार दी है. Research And Markets की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में फूड टेक मार्केट का साइज 2022 में 959.16 अरब रुपये था और इसके 2023-2027 की अवधि के दौरान ~29.53% की CAGR (compound annual growth rate) से बढ़ने की उम्मीद है. इस तरह, 2027 तक भारत का फूड टेक मार्केट 3,509.50 अरब रुपये का आंकड़ा छू सकता है.
मुंबई स्थित करण तन्ना (Karan Tanna) ने की थी. Ghost Kitchens के मुंबई और अहमदाबाद समेत 40 शहरों में 25 से अधिक स्पेशलाइज्ड फूड डिलीवरी ब्रांड, 150 फुलफिलमेंट पार्टनर और 1100 इंटरनेट रेस्टॉरेंट्स है.
इस सेक्टर में अपना खास मुकाम रखता है. यह रेस्टॉरेंट्स और क्लाउड किचन की मुनाफा कमाने में मदद करता है. इसकी स्थापना 2019 मेंGhost Kitchens से पहले करण दो स्टार्टअप — Goodies और Yellow Tie Hospitality (YTH) — की स्थापना कर चुके हैं. ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में बैचलर की डिग्री लेने के बाद करण ने General Motors में बतौर असिस्टेंट मैनेजर अपने प्रोफेशनल करियर की शुरुआत की और बाद में बतौर रिसर्च एनालिस्ट McKinsey and Company में शामिल हो गए. उन्हें Forbes ने अपनी Forbes 30 under 30 लिस्ट में मान्यता दी है.
YourStory से बात करते हुए Ghost Kitchens के फाउंडर और सीईओ करण तन्ना बताते हैं, “Ghost Kitchens फूड डिलीवरी करने वाले रेस्टॉरेंट्स और क्लाउड किचन को मुनाफा कमाने में मदद करने वाला मंच है. हमारा मकसद मौजूदा रेस्टॉरेंट्स और क्लाउड किचन को उनके कम उपयोग वाले संसाधनों का अनुकूलन करके अधिक रेवेन्यू हासिल करने में मदद करना है. Ghost Kitchens का मॉडल इसके स्वामित्व वाले Optipro टेक स्टैक द्वारा संचालित है. इसके इनहाउस 30+ फूड डिलीवरी ब्रांड रेस्टॉरेंट्स और होटलों को उनके कम उपयोग वाले संसाधनों का अनुकूलन करके बेहतर रेवेन्यू अर्जित करने में मदद करते हैं.”
Ghost Kitchens के बिजनेस मॉडल के बारे में समझाते हुए, करण [तन्ना] बताते हैं, “पिछले 6 से 8 वर्षों में फूड डिलीवरी 60,000 करोड़ का बिजनेस बन गया है. रेस्टॉरेंट्स अपने लिए फूड डिलीवरी को लाभदायक बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. वे यह नहीं समझते हैं कि थर्ड पार्टी एग्रीगेटर्स का एल्गोरिदम कैसे काम करता है और वे अधिकतम लाभ कैसे कमा सकते हैं, इसके समाधान के लिए हमने 3 समस्याओं की पहचान की है. वे हैं:
- अधिक ऑर्डर हासिल करना
- लगातार गुणवत्तापूर्ण भोजन तैयार करना
- एग्रीगेटर्स के एल्गोरिदम में उन्हें बेहतर रैंक देने वाली चीज़ों की सरल व्याख्या करने से.”
करण आगे कहते हैं, “हमने अपने मॉडल के साथ इन 3 समस्याओं को हल करने का निर्णय लिया है. अपने फूड डिलीवरी ब्रांडों को मौजूदा रेस्टॉरेंट्स के लिए लाइसेंस के रूप में पेश किया है जिनकी क्षमता कम है और हम उन्हें अधिक ऑर्डर हासिल करने में मदद करते हैं. हमारे ready to eat समाधानों के माध्यम से वे भोजन की गुणवत्ता सुनिश्चित कर सकते हैं और मैनपावर पर निर्भरता कम हो सकती है. और हमारी इन-हाउस टेक्नोलॉजी "Optipro" के माध्यम से हम उनके ऑपरेशनल मैट्रिक्स को इस तरह से मैनेज करने में मदद करते हैं कि यह एक बेहतर एल्गोरिदम की ओर ले जाता है जिससे उन्हें ऑर्गेनिक रेवेन्यू हासिल करने में मदद मिलती है.”
करण ने बताया कि जब उन्होंने इसकी स्थापना की थी तब कुल 1.5 करोड़ रुपये का निवेश किया था. स्टार्टअप ने अब तक 3 फंडिंग राउंड में फंडिंग हासिल की. इसने अपने हालिया सीरीज़ A राउंड में Gujarat Venture Finance Limited (GVFL) की अगुवाई में 5 मिलियन डॉलर जुटाए थे. इस राउंड में NB Ventures, LetsVenture, और Lead Angels के साथ-साथ Yuj Ventures, Dholakia Ventures और अभिनेता राणा दग्गुबाती ने भी निवेश किया.
इस बिजनेस को खड़ा करने में किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा? इस सवाल के जवाब में करण कहते हैं, “हम किसी भी गतिविधि या घटना को कठिनाई के रूप में नहीं देखते हैं. बिजनेस खड़ा करते समय समस्याएं आती हैं लेकिन समस्याओं का समाधान करना ऑन्त्रप्रेन्योर की प्रमुख भूमिका होती है. हमें एक अच्छी टीम बनाने, बेहतर मार्जिन हासिल करने आदि जैसी सामान्य चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. लेकिन हम हमेशा इन समस्याओं को उत्तेजना के रूप में लेते हैं और समाधान की ओर बढ़ते हैं. हम समाधान आधारित बिजनेस करते रहते हैं और आगे बढ़ते रहते हैं और इसी तरह बड़ा बिजनेस खड़ा होता है.”
Ghost Kitchens के रेवेन्यू मॉडल के बारे में विस्तार से समझाते हुए, करण बताते हैं, “स्टार्टअप अलग-अलग चैनलों के माध्यम से रेवेन्यू हासिल करता है. सबसे पहले, यह ऑनलाइन फूड डिलीवरी ऑर्डर ट्रांजेक्शन से कमाता है. इन ट्रांजेक्शन से स्टार्टअप 40% ग्रोस मार्जिन बरकरार रखता है. इसके अलावा, यह 8% से 10% तक मार्जिन के साथ, ready to eat भोजन की बिक्री से कमाई करता है. रेवेन्यू का एक अन्य महत्वपूर्ण स्रोत Optipro और पार्टनर रेस्टॉरेंट्स को बिल किए गए पीओएस सिस्टम के लिए सॉफ्टवेयर फीस के माध्यम से है. इसके अलावा, Ghost Kitchens अपने खुद के COCO (Company-Owned, Company-Operated) स्टोर से रेवेन्यू अर्जित करता है, जिसमें 12 किचन शामिल हैं, जो इसके ऑवरऑल रेवेन्यू फ्लो में योगदान देते हैं. रेवेन्यू के ये विविध स्रोत Ghost Kitchens को अपने पार्टनर और ग्राहकों को मूल्यवर्धित सेवाएं मुहैया करते हुए एक मजबूत रेवेन्यू मॉडल बनाए रखने में सक्षम बनाते हैं.”
रेवेन्यू के आंकड़ों का खुलासा करते हुए करण बताते हैं, “हम लगभग 45 से 50 करोड़ की वार्षिक रन रेट पर हैं, इस वर्ष के अंत तक हम 70+ करोड़ की वार्षिक रन रेट तक पहुंचने की योजना बना रहे हैं.”
अंत में, Ghost Kitchens को लेकर भविष्य की योजनाओं पर बाते करते हुए फाउंडर और सीईओ करण तन्ना कहते हैं, “अगले कुछ 18 महीनों के लिए हम अपनी नींव मजबूत करने की योजना बना रहे हैं. हमने अपने पोर्टफोलियो से कुछ हीरो ब्रांडों को पहचाना है. हम प्रोडक्ट को बेहतर बनाकर, प्रोडक्ट का मानकीकरण करके और उन ब्रांडों के लिए हाई स्ट्रीट स्टोर खोलने के अवसर के साथ प्रयोग करके उन ब्रांडों को दोगुना करना चाहते हैं. हम ओमनीचैनल अप्रोच अपनाना चाहते हैं और रिटेल स्टोर खोलना चाहते हैं जिससे हमें ब्रांड निर्माण में भी मदद मिलेगी. हम 3 सेलिब्रिटी पार्टनरशिप ब्रांड भी लॉन्च करने जा रहे हैं जो रिटेल हाई स्ट्रीट के साथ-साथ फूड डिलीवरी फॉर्मेट में भी होंगे. हम कुछ ब्रांडों के पोर्टफोलियो के साथ भारत की सबसे बड़ी F&B (Food and beverage) कंपनी बनना चाहते हैं, जिसके 5 वर्षों में 100 से अधिक स्टोर होंगे.”