स्टार्टअप इंडिया कार्रवाई योजना के तहत 120 स्टार्टअप कंपनियों को मिला पेटेंट
स्टार्टअप इंडिया कार्रवाई योजना के तहत इस साल 31 मार्च तक 120 स्टार्टअप कंपनियों को उनके उत्पादों के लिए पेटेंट मिल चुका है। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार प्रसार विभाग (डीपीआईआईटी) के आंकड़ों के अनुसार इनमें से एक स्टार्टअप को उसका पेटेंट महज 101 दिनों में ही मिल गया।
विभाग की रपट के अनुसार उसके द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों के चलते तमिलनाडु की माइक्रो-गो को उसकी ‘ट्यूबलेट’ प्रौद्योगिकी के लिए मात्र 101 दिन के भीतर ही पेटेंट मिल गया। यह प्रौद्योगिकी मुख्य तौर पर जल शुद्धिकरण, स्वच्छता और नसबंदी के लिए उपयोग में लायी जाती है। इसी तरह जम्मू-कश्मीर की एक स्टार्टअप कंपनी ‘सिड07 डिजाइंस’ को उसके उत्पाद के लिए पेटेंट छह माह के भीतर दे दिया गया।
पेटेंट मिलने पर माइक्रो-गो एलएलपी की संस्थापक रचना दवे ने कहा कि डीपीआईआईटी की ओर से मुहैया करायी जाने वाली पेटेंट सुविधा स्टार्ट कंपनियों के लिए एक बड़ी मदद है जो उनके उत्पादों का मूल्य बढ़ा देता है।
विभाग ने 2016 में स्टार्टअप इंडिया कार्रवाई योजना शुरू की थी। इसके तहत उसने विभिन्न कदम उठाए। विभाग ने स्टार्टअप कंपनियों के लिए बौद्धिक संपदा अधिकार के तहत पेटेंट आवेदन के लिए एक योजना शुरू की। इसके तहत विभाग पेटेंट आवेदन पर 80 प्रतिशत और ट्रेडमार्क आवेदन पर 50 प्रतिशत तक की छूट देता है। साथ ही विभाग ने स्टार्टअप कंपनियों के पेटेंट आवेदन का तेजी से परीक्षण कराने की भी व्यवस्था की है।
पीटीआई खबर और आंकड़ों के अनुसार 20165 से इस साल 31 मार्च तक कुल 450 पेटेंट आवेदन प्राप्त हुए। इसमें 120 पेटेंट आवंटित कर दिए गए जबकि 42 को खारिज कर दिया गया। आमतौर पर पेटेंट आवंटित करने में 4 से 7 साल लग जाते हैं। लेकिन विभाग के प्रयासों से यह समय घटकर 18 माह पर आ गया है।
यह भी पढ़ें: गरीबी की वजह से नहीं बन पाए डॉक्टर, स्कूल खोलकर संवार रहे गरीबों का जीवन