नए साल में अच्छा-खासा विदेशी निवेश हासिल करेंगे स्टार्टअप: DPIIT सचिव अनुराग जैन
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत ने जनवरी-सितंबर 2022 की अवधि में 42.5 अरब डॉलर का विदेशी निवेश हासिल किया है. इसके पहले वर्ष 2021 में भी भारत में 51.3 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आया था. भारत को अब तक का सर्वाधिक FDI वित्त वर्ष 2021-22 में मिला था, जब विदेशी निवेशकों ने यहां कुल 84.84 अरब डॉलर लगाए थे.
उभरते उद्यमियों के लिए इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों के कारण देश की स्टार्टअप कंपनियां अगले साल यानी 2023 में अच्छा-खासा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) आकर्षित करेंगी. उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (DPIIT) के सचिव अनुराग जैन ने यह राय जताई.
जैन ने कहा कि भारत में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है और जिस तरह से यहां की स्टार्टअप इकाइयां प्रदर्शन कर रही हैं, जल्द ही भारत वैश्विक स्तर पर टॉप इकोसिस्टम बन जाएगा.
सचिव ने कहा, "मान्यता प्राप्त स्टार्टअप इकाइयों की संख्या काफी तेजी से बढ़ रही है. स्टार्टअप के लिए फंड ऑफ फंड्स (FFS) और स्टार्टअप इंडिया शुरुआती कोष योजना (SISFS) अच्छा कर रही हैं. ऐसे में स्टार्टअप इकाइयां 2023 में अच्छा-खासा एफडीआई आकर्षित कर पाएंगी."
जैन ने कहा कि फिलहाल भारत में सबसे अधिक उदार एफडीआई नीतियां हैं. बहुत कम क्षेत्र ऐसे हैं जिनमें विदेशी निवेश के लिए सरकारी मंजूरी की जरूरत है.
सरकार ने देश के स्टार्टअप इकोसिस्टम में इनोवेशन और निजी निवेश को प्रोत्साहित देने के इरादे से 16 जनवरी, 2016 को स्टार्टअप इंडिया पहल शुरू की थी.
स्टार्टअप के लिए एक कार्ययोजना भी निर्धारित की गई थी. इस योजना में सरलीकरण और समर्थन, प्रोत्साहन और उद्योग-अकादमिक साझेदारी और इनक्यूबेशन जैसे 19 कार्रवाई योग्य चीजें तय की गई थीं.
स्टार्टअप इंडिया के तहत DPIIT द्वारा पात्रता शर्तों के आधार पर स्टार्टअप को मान्यता दी जाती है. 30 नवंबर तक देशभर में 84,000 से अधिक इकाइयों को स्टार्टअप के रूप में मान्यता दी गई है.
FFS योजना, SISFS और स्टार्टअप के लिए ऋण गारंटी योजना (CGSS) के तहत इन इकाइयों को उनके कारोबार के विभिन्न चरणों के दौरान पूंजी प्रदान की जाती है.
आंकड़ों के अनुसार, 93 वैकल्पिक निवेश कोषों (AIF) को 30 नवंबर तक FFS के तहत 7,528 करोड़ रुपये की राशि दी गई है. इन एआईएफ ने 773 स्टार्टअप में निवेश की प्रतिबद्धता जताई है.
हालांकि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में भारत में आने वाला इक्विटी एफडीआई 14 फीसदी घटकर 26.9 अरब डॉलर पर आ गया. अप्रैल-सितंबर की इस अवधि में कुल एफडीआई निवेश (इक्विटी निवेश, दोबारा निवेश की गई राशि और अन्य पूंजी) भी घटकर 39 अरब डॉलर रह गया, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 42.86 अरब डॉलर रहा था.
Edited by रविकांत पारीक